Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002088 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-२ |
Translated Chapter : |
स्थान-२ |
Section : | उद्देशक-३ | Translated Section : | उद्देशक-३ |
Sutra Number : | 88 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तर-दाहिणे णं चुल्लहिमवंत-सिहरीसु वासहरपव्वएसु दो महद्दहा पन्नत्ता–बहुसमतुल्ला अविसेसमणाणत्ता अन्नमन्नंणातिवट्टंति आयाम-विक्खंभ-उव्वेह-संठाण-परिणाहेणं, तं जहा–पउमद्दहे चेव, पोंडरीयद्दहे चेव। तत्थ णं दो देवयाओ महिड्ढियाओ जाव पलिओवमट्ठितीयाओ परिवसंति तं –सिरी चेव, लच्छी चेव। एवं–महाहिमवंत-रुप्पीसु वासहरपव्वएसु दो महद्दहा पन्नत्ता–बहुसमतुल्ला जाव तं जहा–महापउमद्दहे चेव, महापोंडरीयद्दहे चेव। तत्थ णं दो देवयाओ हिरिच्चेव, बुद्धिच्चेव। एवं–निसढ-नीलवंतेसु तिगिंछद्दहे चेव, केसरिद्दहे चेव। तत्थ णं दो देवताओ धिती चेव, कित्ती चेव। जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं महाहिमवंताओ वासहरपव्वयाओ महापउमद्दहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति, तं जहा–रोहियच्चेव, हरिकंतच्चेव। एवं–निसढाओ वासहरपव्वयाओ तिगिंछिद्दहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति, तं जहा–हरिच्चेव, सीतोदच्चेव जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे नीलवंताओ वासहरपव्वताओ केसरिद्दहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति, तं जहा–सीता चेव, नारिकंता चेव। एवं–रुप्पीओ वासहरपव्वताओ महापोंडरीयद्दहाओ दहाओ दो महानईओ पवहंति, तं जहा–नरकंता चेव, रुप्पकूला चेव। जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं भरहे वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता– बहुसमतुल्ला, तं जहा–गंगप्पवाय-द्दहे चेव, सिंधुप्पवायद्दहे चेव। एवं–हेमवए वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता– बहुसमतुल्ला, तं जहा–रोहियप्पवायद्दहे चेव, रोहियंसप्पवायद्दहे चेव। जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं हरिवासे वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता–बहुसमतुल्ला, तं जहा–हरिपवायद्दहे चेव, हरिकंतप्पवायद्दहे चेव। जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तर-दाहिणे णं महाविदेहे वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता–बहुसमतुल्ला जाव तं जहा–सीतप्पवायद्दहे चेव, सीतोदप्पवायद्दहे चेव। जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं रम्मए वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता–बहुसमतुल्ला जाव तं जहा–णरकं-तप्पवायद्दहे चेव, नारिकंतप्पवायद्दहे चेव। एवं–हेरण्णवते वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता–बहुसमतुल्ला जाव तं जहा–सुवण्णकूलप्पवायद्दहे चेव, रुप्पकूलप्पवायद्दहे चेव। जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं एरवए वासे दो पवायद्दहा पन्नत्ता–बहुसमतुल्ला जाव तं जहा– रत्तप्पवायद्दहे चेव, रत्तावईपवायद्दहे चेव। जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं भरहे वासे दो महानईओ पन्नत्ताओ–बहुसमतुल्लाओ जाव तं जहा–गंगा चेव, सिंधू चेव। एवं–जहा पवातद्दहा, एवं णईओ भाणियव्वाओ जाव एरवए वासे दो महानईओ पन्नत्ताओ–बहुसमतुल्लाओ जाव तं जहा–रत्ता चेव, रत्तावती चेव। | ||
Sutra Meaning : | जम्बूद्वीपवर्ती मेरु पर्वत के उत्तर और दक्षिण में लघुहिमवान् और शिखरी वर्षधर पर्वतों में दो महान् द्रह हैं जो अति – सम, तुल्य, अविशेष, विचित्रतारहित और लम्बाई – चौड़ाई – गहराई, संस्थान एवं परिधि में एक दूसरे का अतिक्रमण नहीं करने वाले हैं, उनके नाम। पद्म द्रह और पुण्डरीक द्रह। वहाँ महाऋद्धि वाली – यावत् पल्योपम की स्थिति वाली दो देवियाँ रहती हैं, उनके नाम। श्री देवी और लक्ष्मी देवी। इसी तरह महाहिमवान् और रुक्मि वर्षधर पर्वतों पर दो महाद्रह हैं जो अतिसमाह हैं – यावत् उनके नाम, महापद्म द्रह और महापुण्डरिक द्रह। देवियों के नाम। ह्री देवी और वृद्धि देवी। इसी तरह निषध और नीलवान पर्वतों में – तिगिच्छ द्रह और केसरी द्रह। देवियाँ ‘धृति’ और ‘कीर्ति’। जम्बूद्वीपवर्ती मेरु पर्वत के दक्षिण में महाहिमवान् वर्षधर पर्वत के महापद्म द्रह में दो महानदियाँ प्रवाहित होती हैं, उनके नाम। रोहिता और हरिकान्ता। इसी तरह निषध वर्षधर पर्वत के तिगिच्छ द्रह में से दो महानदियाँ प्रवाहित होती हैं, नाम। हरिता और शीतोदा। जम्बूद्वीपवर्ती मेरुपर्वत के उत्तर में नीलवान् वर्षधर पर्वत के केसरी द्रह में से दो महानदियाँ प्रवाहित होती हैं, उनके नाम। शीता और नारीकान्ता। इसी तरह रुक्मि वर्षधर पर्वत के महापुण्डरीक द्रह में से दो महानदियाँ प्रवाहित होती हैं, नाम। नरकान्ता और रूप्यकुला। जम्बूद्वीपवर्ती मेरु पर्वत के दक्षिण भरत क्षेत्र में दो प्रपातद्रह हैं जो अतिसमान हैं यावत् – उनके नाम। गंगा – प्रपात द्रह और सिन्धुप्रपात द्रह। इसी तरह हैमवतवर्ष में दो प्रपात द्रह हैं जो बहुसमान हैं यावत् – उनके नाम। रोहित – प्रपात द्रह और रोहितांश – प्रपात द्रह। जम्बूद्वीपवर्ती मेरु पर्वत के दक्षिण में हरिवर्ष क्षेत्र में दो प्रपात द्रह हैं जो अति समान हैं यावत् – उनके नाम। हरि पर्वत द्रह और हरिकान्त प्रपात द्रह। जम्बूद्वीपवर्ती मेरु पर्वत के उत्तर और दक्षिण में महाविदेह वर्ष में दो प्रपात द्रह हैं जो अतिसमान हैं यावत् – उनके नाम। शीताप्रपात द्रह और शीतोदाप्रपात द्रह। जम्बूद्वीपवर्ती मेरु पर्वत के उत्तर में रम्यक्वर्ष में दो प्रपात द्रह हैं जो बहुसमान हैं यावत् – उनके नाम। नरकान्त प्रपात द्रह और नारीकान्त प्रपात द्रह। इसी तरह हेरण्यवत में दो प्रपात द्रह हैं उनके नाम। सुवर्ण कुल प्रपात द्रह और रूप्यकुल प्रपात द्रह। जम्बूद्वीपवर्ती मेरु पर्वत के उत्तर में ऐरवत वर्ष में दो प्रपात द्रह हैं और अतिसमान हैं यावत् – उनके नाम। रक्तप्रपात द्रह और रक्तावतीप्रपात द्रह। जम्बूद्वीपवर्ती मेरु पर्वत के दक्षिण में भरतवर्ष में दो महानदियाँ हैं जो अतिसमान हैं। यावत् – उनके नाम। गंगा और सिन्धु। इसी तरह जितने प्रपात द्रह कहे गए हैं उतनी नदियाँ भी समझ लेनी चाहिए यावत् – ऐरवत वर्ष में दो महानदियाँ हैं जो अतिसमान तुल्य हैं यावत् – उनके नाम। रक्ता और रक्तवती। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jambuddive dive mamdarassa pavvayassa uttara-dahine nam chullahimavamta-siharisu vasaharapavvaesu do mahaddaha pannatta–bahusamatulla avisesamananatta annamannamnativattamti ayama-vikkhambha-uvveha-samthana-parinahenam, tam jaha–paumaddahe cheva, pomdariyaddahe cheva. Tattha nam do devayao mahiddhiyao java paliovamatthitiyao parivasamti tam –siri cheva, lachchhi cheva. Evam–mahahimavamta-ruppisu vasaharapavvaesu do mahaddaha pannatta–bahusamatulla java tam jaha–mahapaumaddahe cheva, mahapomdariyaddahe cheva. Tattha nam do devayao hirichcheva, buddhichcheva. Evam–nisadha-nilavamtesu tigimchhaddahe cheva, kesariddahe cheva. Tattha nam do devatao dhiti cheva, kitti cheva. Jambuddive dive mamdarassa pavvayassa dahine nam mahahimavamtao vasaharapavvayao mahapaumaddahao dahao do mahanaio pavahamti, tam jaha–rohiyachcheva, harikamtachcheva. Evam–nisadhao vasaharapavvayao tigimchhiddahao dahao do mahanaio pavahamti, tam jaha–harichcheva, sitodachcheva Jambuddive dive mamdarassa pavvayassa uttare nilavamtao vasaharapavvatao kesariddahao dahao do mahanaio pavahamti, tam jaha–sita cheva, narikamta cheva. Evam–ruppio vasaharapavvatao mahapomdariyaddahao dahao do mahanaio pavahamti, tam jaha–narakamta cheva, ruppakula cheva. Jambuddive dive mamdarassa pavvayassa dahine nam bharahe vase do pavayaddaha pannatta– bahusamatulla, tam jaha–gamgappavaya-ddahe cheva, simdhuppavayaddahe cheva. Evam–hemavae vase do pavayaddaha pannatta– bahusamatulla, tam jaha–rohiyappavayaddahe cheva, rohiyamsappavayaddahe cheva. Jambuddive dive mamdarassa pavvayassa dahine nam harivase vase do pavayaddaha pannatta–bahusamatulla, tam jaha–haripavayaddahe cheva, harikamtappavayaddahe cheva. Jambuddive dive mamdarassa pavvayassa uttara-dahine nam mahavidehe vase do pavayaddaha pannatta–bahusamatulla java tam jaha–sitappavayaddahe cheva, sitodappavayaddahe cheva. Jambuddive dive mamdarassa pavvayassa uttare nam rammae vase do pavayaddaha pannatta–bahusamatulla java tam jaha–narakam-tappavayaddahe cheva, narikamtappavayaddahe cheva. Evam–herannavate vase do pavayaddaha pannatta–bahusamatulla java tam jaha–suvannakulappavayaddahe cheva, ruppakulappavayaddahe cheva. Jambuddive dive mamdarassa pavvayassa uttare nam eravae vase do pavayaddaha pannatta–bahusamatulla java tam jaha– rattappavayaddahe cheva, rattavaipavayaddahe cheva. Jambuddive dive mamdarassa pavvayassa dahine nam bharahe vase do mahanaio pannattao–bahusamatullao java tam jaha–gamga cheva, simdhu cheva. Evam–jaha pavataddaha, evam naio bhaniyavvao java eravae vase do mahanaio pannattao–bahusamatullao java tam jaha–ratta cheva, rattavati cheva. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jambudvipavarti meru parvata ke uttara aura dakshina mem laghuhimavan aura shikhari varshadhara parvatom mem do mahan draha haim jo ati – sama, tulya, avishesha, vichitratarahita aura lambai – chaurai – gaharai, samsthana evam paridhi mem eka dusare ka atikramana nahim karane vale haim, unake nama. Padma draha aura pundarika draha. Vaham mahariddhi vali – yavat palyopama ki sthiti vali do deviyam rahati haim, unake nama. Shri devi aura lakshmi devi. Isi taraha mahahimavan aura rukmi varshadhara parvatom para do mahadraha haim jo atisamaha haim – yavat unake nama, mahapadma draha aura mahapundarika draha. Deviyom ke nama. Hri devi aura vriddhi devi. Isi taraha nishadha aura nilavana parvatom mem – tigichchha draha aura kesari draha. Deviyam ‘dhriti’ aura ‘kirti’. Jambudvipavarti meru parvata ke dakshina mem mahahimavan varshadhara parvata ke mahapadma draha mem do mahanadiyam pravahita hoti haim, unake nama. Rohita aura harikanta. Isi taraha nishadha varshadhara parvata ke tigichchha draha mem se do mahanadiyam pravahita hoti haim, nama. Harita aura shitoda. Jambudvipavarti meruparvata ke uttara mem nilavan varshadhara parvata ke kesari draha mem se do mahanadiyam pravahita hoti haim, unake nama. Shita aura narikanta. Isi taraha rukmi varshadhara parvata ke mahapundarika draha mem se do mahanadiyam pravahita hoti haim, nama. Narakanta aura rupyakula. Jambudvipavarti meru parvata ke dakshina bharata kshetra mem do prapatadraha haim jo atisamana haim yavat – unake nama. Gamga – prapata draha aura sindhuprapata draha. Isi taraha haimavatavarsha mem do prapata draha haim jo bahusamana haim yavat – unake nama. Rohita – prapata draha aura rohitamsha – prapata draha. Jambudvipavarti meru parvata ke dakshina mem harivarsha kshetra mem do prapata draha haim jo ati samana haim yavat – unake nama. Hari parvata draha aura harikanta prapata draha. Jambudvipavarti meru parvata ke uttara aura dakshina mem mahavideha varsha mem do prapata draha haim jo atisamana haim yavat – unake nama. Shitaprapata draha aura shitodaprapata draha. Jambudvipavarti meru parvata ke uttara mem ramyakvarsha mem do prapata draha haim jo bahusamana haim yavat – unake nama. Narakanta prapata draha aura narikanta prapata draha. Isi taraha heranyavata mem do prapata draha haim unake nama. Suvarna kula prapata draha aura rupyakula prapata draha. Jambudvipavarti meru parvata ke uttara mem airavata varsha mem do prapata draha haim aura atisamana haim yavat – unake nama. Raktaprapata draha aura raktavatiprapata draha. Jambudvipavarti meru parvata ke dakshina mem bharatavarsha mem do mahanadiyam haim jo atisamana haim. Yavat – unake nama. Gamga aura sindhu. Isi taraha jitane prapata draha kahe gae haim utani nadiyam bhi samajha leni chahie yavat – airavata varsha mem do mahanadiyam haim jo atisamana tulya haim yavat – unake nama. Rakta aura raktavati. |