Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000209 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-६ द्युत |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-६ द्युत |
Section : | उद्देशक-५ उपसर्ग सन्मान विधूनन | Translated Section : | उद्देशक-५ उपसर्ग सन्मान विधूनन |
Sutra Number : | 209 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कायस्स विओवाए, एस संगामसीसे वियाहिए। से हु पारंगमे मुनी, अवि हम्ममाणे फलगावयट्ठि, कालोवणीते कंखेज्ज कालं, जाव सरीरभेउ। | ||
Sutra Meaning : | शरीर के व्यापात को ही संग्रामशीर्ष कहा गया है। (जो मुनि उसमें हार नहीं खाता), वही (संसार का) पारगामी होता है। आहत होने पर भी मुनि उद्विग्न नहीं होता, बल्कि लकड़ी के पाटिये की भाँति रहता है। मृत्युकाल निकट आने पर (विधिवत् संलेखना से) जब तक शरीर का भेद न हो, तब तक वह मरणकाल की प्रतीक्षा करे। ऐसा मैं कहता हूँ। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kayassa viovae, esa samgamasise viyahie. Se hu paramgame muni, avi hammamane phalagavayatthi, kalovanite kamkhejja kalam, java sarirabheu. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Sharira ke vyapata ko hi samgramashirsha kaha gaya hai. (jo muni usamem hara nahim khata), vahi (samsara ka) paragami hota hai. Ahata hone para bhi muni udvigna nahim hota, balki lakari ke patiye ki bhamti rahata hai. Mrityukala nikata ane para (vidhivat samlekhana se) jaba taka sharira ka bheda na ho, taba taka vaha maranakala ki pratiksha kare. Aisa maim kahata hum. |