Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000067 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-२ लोकविजय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-२ लोकविजय |
Section : | उद्देशक-१ स्वजन | Translated Section : | उद्देशक-१ स्वजन |
Sutra Number : | 67 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जीविए इह जे पमत्ता। से हंता छेत्ता भेत्ता लुंपित्ता विलुंपित्ता उद्दवित्ता उत्तासइत्ता। अकडं करिस्सामित्ति मन्नमाणे। जेहिं वा सद्धिं संवसति ‘ते वा णं’ एगया नियगा तं पुव्विं पोसेंति, सो वा ते नियगे पच्छा पोसेज्जा। नालं ते तव ताणाए वा, सरणाए वा। तुमंपि तेसिं नालं ताणाए वा, सरणाए वा। | ||
Sutra Meaning : | जो इस जीवन के प्रति प्रमत्त है, वह हनन, छेदन, भेदन, चोरी, ग्रामघात, उपद्रव और उत्त्रास आदि प्रवृत्तियों में लगा रहता है। ‘अकृत काम मैं करूँगा’ इस प्रकार मनोरथ करता रहता है। जिन स्वजन आदि के साथ वह रहता है, वे पहले कभी उसका पोषण करते हैं। वह भी बाद में उन स्वजनों का पोषण करता है। इतना स्नेह – सम्बन्ध होने पर भी वे (स्वजन) तुम्हारे त्राण या शरण के लिए समर्थ नहीं हैं। तुम भी उनको त्राण व शरण देने में समर्थ नहीं हो। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jivie iha je pamatta. Se hamta chhetta bhetta lumpitta vilumpitta uddavitta uttasaitta. Akadam karissamitti mannamane. Jehim va saddhim samvasati ‘te va nam’ egaya niyaga tam puvvim posemti, so va te niyage pachchha posejja. Nalam te tava tanae va, saranae va. Tumampi tesim nalam tanae va, saranae va. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo isa jivana ke prati pramatta hai, vaha hanana, chhedana, bhedana, chori, gramaghata, upadrava aura uttrasa adi pravrittiyom mem laga rahata hai. ‘akrita kama maim karumga’ isa prakara manoratha karata rahata hai. Jina svajana adi ke satha vaha rahata hai, ve pahale kabhi usaka poshana karate haim. Vaha bhi bada mem una svajanom ka poshana karata hai. Itana sneha – sambandha hone para bhi ve (svajana) tumhare trana ya sharana ke lie samartha nahim haim. Tuma bhi unako trana va sharana dene mem samartha nahim ho. |