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Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 106 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं अनुगमे? अनुगमे अट्ठविहे पन्नत्ते, तं जहा

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत अनुगम क्या है ? वह आठ प्रकार का है सत्पदप्ररूपणा, द्रव्यप्रमाण, क्षेत्र, स्पर्शना, काल, अन्तर, भाग और भाव इसमें अल्पबहुत्व नहीं होता है सूत्र १०६, १०७
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 107 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] . संतपयपरूवणया, . दव्वपमाणं . खेत्त . फुसणा . कालो . अंतरं . भाग . भाव अप्पाबहुं नत्थि

Translated Sutra: देखो सूत्र १०६
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 108 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं किं अत्थि? नत्थि? नियमा अत्थि एवं दोन्नि वि संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं किं संखेज्जाइं? असंखेज्जाइं? अनंताइं? नो संखेज्जाइं नो असंखेज्जाइं नो अनंताइं, नियमा एगो रासी एवं दोन्नि वि संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं लोगस्स कति भागे होज्जाकिं संखेज्जइभागे होज्जा? असंखे-ज्जइभागे होज्जा? संखेज्जेसु भागेसु होज्जा? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा? सव्वलोए होज्जा? नो संखेज्जइभागे होज्जा, नो असंखेज्जइभागे होज्जा, नो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा, नो असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा, नियमा सव्वलोए होज्जा एवं दोन्नि वि संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं लोगस्स कति

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य हैं अथवा नहीं हैं ? नियमतः हैं इसी प्रकार दोनों द्रव्यों के लिये भी समझना संग्रह नयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य संख्यात हैं, असंख्यात हैं, या अनन्त हैं ? वह नियमतः एक राशि रूप हैं इसी प्रकार दोनों द्रव्यों के लिये भी जानना संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य लोक के कितने भाग में
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 109 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं ओवनिहिया दव्वानुपुव्वी? ओवनिहिया दव्वानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहापुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी

Translated Sutra: औपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी क्या है ? उसके तीन प्रकार कहे हैं, पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी और अनानुपूर्वी
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 110 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वीधम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए अद्धासमए से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीअद्धासमए पोग्गलत्थिकाए जीवत्थिकाए आगास-त्थिकाए अधम्मत्थिकाए धम्मत्थिकाए से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वीएयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए छगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी

Translated Sutra: भगवन्‌ ! पूर्वानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, जीवास्तिकाय, पुद्‌गलास्तिकाय, अद्धाकाल इस प्रकार अनुक्रम से निक्षेप करने को पूर्वानुपूर्वी कहते हैं पश्चानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है अद्धासमय, पुद्‌गलास्तिकाय, जीवास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 111 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] अहवा ओवनिहिया दव्वानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहा पुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वीपरमाणुपोग्गले दुपएसिए तिपएसिए जाव दसपएसिए संखेज्जपएसिए असंखेज्जपएसिए अनंतपएसिए से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीअनंतपएसिए असंखेज्जपएसिए संखेज्जपएसिए दसपएसिए जाव तिपएसिए दुपएसिए परमाणुपोग्गले से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वीएयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए अनंतगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी से तं ओवनिहिया दव्वानुपुव्वी से

Translated Sutra: अथवा औपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी तीन प्रकार की है पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी और अनानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है परमाणुपुद्‌गल, द्विप्रदेशिक स्कन्ध, त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, यावत्‌ दशप्रदेशिक स्कन्ध, संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध, असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध, अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध रूप क्रमात्मक
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 112 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं खेत्तानुपुव्वी? खेत्तानुपुव्वी दुविहा पन्नत्ता, तं जहाओवनिहिया अनोवनिहिया

Translated Sutra: क्षेत्रानुपूर्वी क्या है ? दो प्रकार की है औपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी और अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 113 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] तत्थ णं जा सा ओवनिहिया सा ठप्पा तत्थ णं जा सा अनोवनिहिया सा दुविहा पन्नत्ता, तं जहानेगम-ववहाराणं संगहस्स

Translated Sutra: इन दो भेदों में से औपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी स्थाप्य है अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी दो प्रकार की है नैगम व्यवहारनय संमत और संग्रहनयसंमत
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 114 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया खेत्तानुपुव्वी? नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया खेत्ता-नुपुव्वी पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा. अट्ठपयपरूवणया . भंगसमुक्कित्तणया . भंगोवदंसणया . समोयारे . अनुगमे से किं तं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया? नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणयातिपएसोगाढे आनुपुव्वी चउपएसोगाढे आनुपुव्वी जाव दसपएसोगाढे आनुपुव्वी संखेज्जपएसोगाढे आनुपुव्वी असंखेज्जपएसोगाढे आनुपुव्वी एगपएसो-गाढे अनानुपुव्वी दुपएसोगाढे अवत्तव्वए तिपएसोगाढा आनुपुव्वीओ चउपएसोगाढा आनुपुव्वीओ जाव दसपएसोगाढा आनु पुव्वीओ संखेज्जपएसोगाढा आनुपुव्वीओ असंखेज्जपएसोगाढा

Translated Sutra: नैगम व्यवहारनयसम्मत अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी क्या है ? इस के पाँच प्रकार हैं अर्थपदप्ररूपणता, भंगसमुत्कीर्तनता, भंगोपदर्शनता, समवतार, अनुगम नैगम व्यवहारनयसम्मत अर्थपदप्ररूपणता क्या है ? तीन आकाशप्रदेशों में अवगाढ द्रव्यस्कन्ध आनुपूर्वी है यावत्‌ दस प्रदेशावगाढ द्रव्यस्कन्ध आनुपूर्वी है
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 115 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] . संतपयपरूवणया, . दव्वपमाणं . खेत्त . फुसणा . कालो . अंतरं . भाग . भाव० . अप्पाबहुं चेव

Translated Sutra: सत्पदप्ररूपणता, द्रव्यप्रमाण, क्षेत्र, स्पर्शना, काल, अंतर, भाग, भाव और अल्पबहुत्व
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 116 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं किं अत्थि? नत्थि? नियमा अत्थि एवं दोन्नि वि नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं किं संखेज्जाइं? असंखेज्जाइं? अनंताइं? नो संखेज्जाइं, असंखेज्जाइं, नो अनंताइं एवं दोन्नि वि नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं लोगस्स कति भागे होज्जाकिं संखेज्जइभागे होज्जा? असंखेज्जइभागे होज्जा? संखेज्जेसु भागेसु होज्जा? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा? सव्वलोए होज्जा? एगदव्वं पडुच्च लोगस्स संखेज्जइभागे वा होज्जा, असंखेज्जइभागे वा होज्जा, संखेज्जेसु भागेसु वा होज्जा, असंखेज्जेसु भागेसु वा होज्जा, देसूणे लोए वा होज्जा नानादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोए

Translated Sutra: सत्पदप्ररूपणता क्या है ? नैगम व्यवहारनयसंमत क्षेत्रानुपूर्वीद्रव्य है या नहीं ? नियमतः हैं इसी प्रकार अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक द्रव्यों के लिए भी समझना नैगम व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वी द्रव्य क्या संख्यात हैं, असंख्यात हैं, अथवा अनन्त हैं ? वह नियमतः असंख्यात हैं इसी प्रकार दोनों द्रव्यों के लिए भी
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 117 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संगहस्स अनोवनिहिया खेत्तानुपुव्वी? पंचविहा, अट्ठपयपरूवणया भंगसमुक्कित्त-णया भंगोवदंसणया समोतारे अनुगमे से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया तिपएसोगाढेआनुपुव्वी चउप्पएसोगाढेआनुपुव्वी जाव दसपएसोगाढे आनुपुव्वी संखिज्जपएसोगाढेआनुपुव्वी असंखिज्ज पएसोगाढे आनुपुव्वी एगपएसोगाढे अनानुपुव्वी दुपएसोगाढेअवत्तव्वए से तं संगहस्स अट्ठपय-परूवणया एयाए णं सगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए किं पओअणं एयाए णं संगहस्स अट्ठपय परूवणयाए संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया कज्जति से किं तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया अत्थि आनुपुव्वि अत्थि अनानुपुव्वी अनानुपुव्वी एवं जहा दव्वानुपुव्वी

Translated Sutra: संग्रहनयसंमत अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी क्या है ? संग्रहनयसंमत अनौपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी की तरह ही यहाँ द्रव्यानुपूर्वी अंतर्गत तीनों सूत्रों का अर्थ समझ लेना सूत्र ११७११९
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 118 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] संतपयपरूवणया जाव अप्पाबहुं नत्थि

Translated Sutra: देखो सूत्र ११७
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 119 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं किं अत्थि नत्थि निअमा अत्थि नत्थि निअमा अत्थि एवं तिन्नि वि सेसदारगाइं जहा दव्वानुपुव्वीए संगहस्स तहा खेत्तानुपुव्वीए वि भाणिअव्वाइं जाव से तं अनुगमे से तं संगहस्स अनोवनिहिया खेत्तानुपुव्वी से तं अनोवनिहिया खेत्तानुपुव्वी

Translated Sutra: देखो सूत्र ११७
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 120 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं ओवनिहिया खेत्तानुपुव्वी? ओवनिहिया खेत्तानुपुव्वी तिविहा पुव्वानुपुव्वीअहोलोए तिरियलोए उड्ढलोए से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीउड्ढलोए तिरियलोए अहोलोए से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वीएयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए तिगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी अहोलोयखेत्तानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहापुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वीरयणप्पभा सक्करप्पभा वालुयप्पभा पंकप्पभा धूमप्पभा तमा तमतमा से तं पुव्वानुपुव्वी से

Translated Sutra: औपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी क्या है ? ईसके तीन भेद हैं पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी और अनानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी क्या है ? अधोलोक, तिर्यक्‌लोक और ऊर्ध्वलोक, इस क्रम से निर्देश करना पूर्वानुपूर्वी हैं पश्चानुपूर्वी क्या है ? पूर्वानुपूर्वी के क्रम के विपरीत ऊर्ध्वलोक, तिर्यक्‌लोक, अधोलोक का क्रम
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 121 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] जंबुद्दीवे लवणे, धायइ-कालोय-पुक्खरे वरुणे खीर-घय-खोय-नंदी अरुणवरे कुंडले रुयगे

Translated Sutra: जम्बूद्वीप, लवणसमुद्र, धातकीखंडद्वीप, कालोदधिसमुद्र, पुष्करद्वीप, (पुष्करोद) समुद्र, वरुणद्वीप, वरुणोदसमुद्र, क्षीरद्वीप, क्षीरोदसमुद्र, घृतद्वीप, घृतोदसमुद्र, इक्षुवरद्वीप, इक्षुवरसमुद्र, नन्दीद्वीप, नन्दीसमुद्र, अरुणवरद्वीप, अरुणवरसमुद्र, कुण्डलद्वीप, कुण्डलसमुद्र, रुचकद्वीप, रुचकसमुद्र जम्बूद्वीप
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 122 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] जंबुद्दीवाओ खलु निरन्तरा सेसया असंखइमा भुयगवर-कुसवरा वि , कोंचवराऽभरणमाईया

Translated Sutra: देखो सूत्र १२१
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 123 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] आभरण-वत्थ-गंधे, उप्पल-तिलए पुढवि-निहि-रयणे वासहर-दह-नईओ विजया वक्खार-कप्पिंदा

Translated Sutra: देखो सूत्र १२१
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 124 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] कुरु-मंदर-आवासा, कूडा नक्खत्त-चंद-सूरा देवे नागे जक्खे, भूए सयंभुरमणे

Translated Sutra: देखो सूत्र १२१
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 125 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीसयंभुरमणे जाव जंबुद्दीवे से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वीएयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखेज्जगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी उड्ढलोयखेत्तानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहापुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वी. सोहम्मे . ईसाणे . सणंकुमारे . माहिंदे . बंभलोए . लंतए . महासुक्के . सहस्सारे . आणए १०. पाणए ११. आरणे १२. अच्चुए १३. गेवेज्जविमाणा १४. अनुत्तरविमाणा १५. ईसिप्पब्भारा से तं पुव्वानुपुव्वी से

Translated Sutra: मध्यलोकक्षेत्रपश्चानुपूर्वी क्या है ? स्वयंभूरमणसमुद्र, भूतद्वीप आदि से लेकर जम्बूद्वीप पर्यन्त व्युत्क्रम से द्वीप समुद्रों के उपन्यास करना मध्यलोकक्षेत्रपश्चानुपूर्वी हैं मध्यलोकक्षेत्रअनानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है एक से प्रारम्भ कर असंख्यात पर्यन्त की श्रेणी स्थापित कर उनका परस्पर
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 126 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं कालानुपुव्वी? कालानुपुव्वी दुविहा पन्नत्ता, तं जहाओवनिहिया अनोवनिहिया

Translated Sutra: कालानुपूर्वी क्या है ? दो प्रकार हैं, औपनिधिकी और अनौपनिधिकी इनमें से औपनिधिकी कालानुपूर्वी स्थाप्य है तथा अनौपनिधिकी कालानुपूर्वी दो प्रकार की है नैगम व्यवहारनयसंमत और संग्रहनयसम्मत सूत्र १२६, १२७
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 127 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] तत्थ णं जा सा ओवनिहिया सा ठप्पा तत्थ णं जा सा अनोवनिहिया सा दुविहा पन्नत्ता, तं जहानेगम-ववहाराणं संगहस्स

Translated Sutra: देखो सूत्र १२६
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Hindi 128 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया कालानुपुव्वी? नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया कालानुपुव्वी पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा. अट्ठपयपरूवणया . भंगसमुक्कित्तणया . भंगोवदंसणया . समोयारे . अनुगमे

Translated Sutra: नैगम व्यवहारनयसंमत अनौपनिधिकी कालानुपूर्वी क्या है ? उसके पाँच प्रकार हैं अर्थपदप्ररूपणता, भंगसमुत्की र्तनता, भंगोपदर्शनता, समवतार, अनुगम
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Hindi 129 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया? नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणयातिसमय-ट्ठिईए आनुपुव्वी जाव दससमयट्ठिईए आनुपुव्वी संखेज्जसमयट्ठिईए आनुपुव्वी असंखेज्जसमय-ट्ठिईए आनुपुव्वी एगसमयट्ठिईए अनानुपुव्वी दुसमयट्ठिईए अनानुपुव्वी तिसमयट्ठिईयाओ आनुपुव्वीओ जाव दससमयट्ठिईयाओ आनुपुव्वीओ संखेज्जसमय-ट्ठिईयाओ आनुपुव्वीओ असंखेज्जसमयट्ठिईयाओ आनुपुव्वीओ एगसमयट्ठिईयाओ अनानुपुव्वीओ दुसमयट्ठिईयाओ अवत्तव्वगाइं से तं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया एयाए णं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं? एयाए णं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए भंगसमुक्कित्तणया

Translated Sutra: नैगम व्यवहारनयसंमत अर्थपदप्ररूपणता क्या है ? वह इस प्रकार है तीन समय की स्थिति वाला द्रव्य आनुपूर्वी है यावत्‌ दस समय, संख्यात समय, असंख्यात समय की स्थितिवाला द्रव्य आनुपूर्वी है एक समय की स्थिति वाला द्रव्य अनानुपूर्वी है दो समय की स्थिति वाला द्रव्य अवक्तव्यक है तीन समय की स्थिति वाले अनेक द्रव्य
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 130 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया? नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया. अत्थि आनुपुव्वी . अत्थि अनानुपुव्वी . अत्थि अवत्तव्वए एवं दव्वानुपुव्विगमेणं कालानुपुव्वीए वि ते चेव छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव से तं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया एयाए णं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए किं पओयणं? एयाए णं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए भंगोवदंसणया कज्जइ

Translated Sutra: नैगम व्यवहारनयसंमत भंगसमुत्कीर्तनता क्या है ? आनुपूर्वी है, अनानुपूर्वी है, अवक्तव्यक है, इस प्रकार द्रव्यानु पूर्वीवत्‌ कालानुपूर्वी के भी २६ भंग जानना इस नैगम व्यवहारनयसंमत यावत्‌ (भंगसमुत्कीर्तनता का) क्या प्रयोजन है ? ईनसे भंगोपदर्शनता की जाती है
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 131 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया? नेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया. तिसमयट्ठिईए आनुपुव्वी . एगसमयट्ठिईए अनानुपुव्वी . दुसमयट्ठिईए अवत्तव्वए . तिसमयट्ठिईयाओ आनु-पुव्वीओ . एगसमयट्ठिईयाओ अनानुपुव्वीओ . दुसमयट्ठिईयाओ अवत्तव्वगाइं अहवा . तिसमयट्ठिईए एगसमयट्ठिईए आनुपुव्वी अनानुपुव्वी एवं तहा चेव दव्वानुपुव्विगमेणं छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव से तं नेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया

Translated Sutra: नैगम व्यवहारनयसम्मत भंगोपदर्शनता क्या है ? वह इस प्रकार है त्रिसमयस्थितिक एक एक परमाणु आदि द्रव्य आनुपूर्वी है, एक समय की स्थितिवाला एक एक परमाणु आदि द्रव्य अनानुपूर्वी है और दो समय की स्थितिवाला परमाणु आदि द्रव्य अवक्तव्यक है तीन समय की स्थिति वाले अनेक द्रव्य आनुपूर्वियाँ इस पद के वाच्य हैं
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 132 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं समोयारे? समोयारेनेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं कहिं समोयरंति किं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंतिपुच्छा नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्वगदव्वेहिं समोयरंति एवं दोन्नि वि सट्ठाणे समोयरंति से तं समोयारे

Translated Sutra: समवतार क्या है ? नैगम व्यवहारनयसंमत अनेक आनुपूर्वी द्रव्यों का कहाँ समवतार होता है ? यावत्‌ तीनों ही स्व स्व स्थान में समवतरित होते हैं
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 133 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं अनुगमे? अनुगमे नवविहे पन्नत्ते, तं जहा

Translated Sutra: अनुगम क्या है ? अनुगम नौ प्रकार का है सत्पदप्ररूपणा यावत्‌ अल्पबहुत्व सूत्र १३३, १३४
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 134 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा]. संतपयपरूवणया, . दव्वपमाणं . खेत्त . फुसणा . कालो . अंतरं . भाग . भाव० . अप्पाबहुं चेव

Translated Sutra: देखो सूत्र १३३
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 135 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं किं अत्थि? नत्थि? नियमा अत्थि एवं दोन्नि वि नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं किं संखेज्जाइं? असंखेज्जाइं? अनंताइं? नो संखेज्जाइं, असंखेज्जाइं, नो अनंताइं एवं दोन्नि वि नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं लोगस्स कति भागे होज्जाकिं संखेज्जइभागे होज्जा? असंखेज्जइभागे होज्जा? संखेज्जेसु भागेसु होज्जा? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा? सव्वलोए होज्जा? एगदव्वं पडुच्च लोगस्स संखेज्जइभागे वा होज्जा, असंखेज्जइभागे वा होज्जा, संखेज्जेसु भागेसु वा होज्जा, असंखेज्जेसु भागेसु वा होज्जा, देसूणे लोए वा होज्जा नानादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोए

Translated Sutra: नैगम व्यवहारनयसंमत आनुपूर्वी द्रव्य है या नहीं है ? नियमतः ये तीनों द्रव्य हैं नैगम व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वी आदि द्रव्य संख्यात हैं, असंख्यात है या अनन्त हैं ? तीनों द्रव्य असंख्यात ही हैं नैगम व्यवहारनयसम्मत अनेक आनुपूर्वी द्रव्य क्या लोक के संख्यात भाग में रहते हैं ? इत्यादि प्रश्न है एक द्रव्य
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Hindi 136 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संगहस्स अनोवनिहिया कालानुपुव्वी? पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा. अट्ठपयपरूवणया . भंगसमुक्कित्तणया . भंगोवदंसणया . समोयारे . अनुगमे

Translated Sutra: संग्रहनय सम्मत अनौपधिकी कालानुपूर्वी क्या है ? वह पाँच प्रकार की है अर्थपदप्ररूपणता, भंग समुत्कीर्तनता, भंगोपदर्शनता, समवतार और अनुगम
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Hindi 137 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया? संगहस्स अट्ठपयपरूवणया एयाइं पंच वि दाराइं जहा खेत्तानुपुव्वीए संगहस्स तहा कालानुपुव्वीए वि भाणियव्वाणि, नवरंठितीअभिलावो जाव से तं अनुगमे से तं संगहस्स अनोवनिहिया कालानुपुव्वी से तं अनोवनिहिया कालानुपुव्वी

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत अर्थपदप्ररूपणता क्या है ? इन पाँचों द्वारों संग्रहनयसम्मत क्षेत्रानुपूर्वी समान जानना विशेष यह कि प्रदेशावगाढ के बदले स्थिति कहना
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Hindi 138 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं ओवनिहिया कालानुपुव्वी? ओवनिहिया कालानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहापुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वीसमए आवलिया आनापानू थोवे लवे मुहुत्ते अहोरत्ते पक्खे मासे उऊ अयने संवच्छरे जुगे वाससए वाससहस्से वाससयसहस्से पुव्वंगे पुव्वे, तुडियंगे तुडिए, अडडंगे अडडे, अववंगे अववे, हुहुयंगे हुहुए, उप्पलंगे उप्पले, पउमंगे पउमे, नलिणंगे नलिणे, अत्थनिउरंगे अत्थनिउरे, अउयंगे अउए, नउयंगे नउए, पउयंगे पउए, चूलियंगे चूलिया, सीसपहेलियंगे सीसपहेलिया, पलिओवमे सागरोवमे ओसप्पिणी उस्सप्पिणी पोग्गलपरियट्टे तीतद्धा

Translated Sutra: औपनिधिकी कालानुपूर्वी क्या है ? उसके तीन प्रकार हैं पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी और अनानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है एक समय की स्थिति वाले, दो समय की स्थिति वाले, तीन समय की स्थिति वाले यावत्‌ दस समय की स्थिति वाले यावत्‌ संख्यात समय की स्थिति वाले, असंख्यात समय की स्थिति वाले द्रव्यों
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Hindi 139 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं उक्कित्तणानुपुव्वी? उक्कित्तणानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहापुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वीउसभे अजिए संभवे अभिनंदने सुमती पउमप्पभे सुपासे चंदप्पहे सुविही सीतले सेज्जंसे वासुपुज्जे विमले अनंते धम्मे संती कुंथू अरे मल्ली मुनिसुव्वए नमी अरिट्ठनेमी पासे वद्धमाणे से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीवद्धमाणे जाव उसभे से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वीएयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए चउवीसगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी से

Translated Sutra: उत्कीर्तनानुपूर्वी क्या है ? उसके तीन प्रकार हैं पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी, अनानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी क्या है ? इस प्रकार है ऋषभ, अजित, संभव, अभिनन्दन, सुमति, पद्मप्रभ, सुपार्श्र्व, चन्द्रप्रभ, सुविधि, शीतल, श्रेयांस, वासुपूज्य, विमल, अनन्त, धर्म, शांति, कुन्थु, अर, मल्लि, मुनिसुव्रत, नमि, अरिष्टनेमि,
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Hindi 140 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं गणनानुपुव्वी? गणनानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहापुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वीएगो दसं सयं सहस्सं दससहस्साइं सयसहस्सं दससयसहस्साइं कोडी दसकोडीओ कोडिसयं दसकोडिसयाइं से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीदसकोडिसयाइं जाव एगो से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वीएयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए दसकोडिसय-गच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी से तं गणणानुपुव्वी

Translated Sutra: गणनानुपूर्वी क्या है ? उसके तीन प्रकार हैं पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी, अनानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी क्या है ? एक, दस, सौ, सहस्र, दस सहस्र, लाख, दस लाख, करोड़, दस कोटि, कोटिशत, दस कोटिशत, इस प्रकार से गिनती करना पूर्वानुपूर्वी है पश्चानुपूर्वी क्या है ? दस अरब से लेकर व्युत्क्रम से एक पर्यन्त की गिनती करना पश्चानुपूर्वी
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Hindi 141 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संठाणानुपुव्वी? संठाणानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहापुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वीसमचउरंसे नग्गोहपरिमंडले साई खुज्जे वामणे हुंडे से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीहुंडे जाव समचउरंसे से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वी एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए छगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी से तं संठाणानुपुव्वी

Translated Sutra: संस्थानापूर्वी क्या है ? उनके तीन प्रकार हैं पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी, अनानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी किसे कहते हैं? समचतुरस्रसंस्थान, न्यग्रोधपरिमंडलसंस्थान, सादिसंस्थान, कुब्जसंस्थान, वामनसंस्थान, हुंडसंस्थान के क्रम से संस्थानों के विन्यास करने को पूर्वानुपूर्वी कहते हैं पश्चानुपूर्वी क्या
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Hindi 142 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं सामायारियानुपुव्वी? सामायारियानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहा पुव्वानुपुव्वी पच्छानु-पुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वी

Translated Sutra: समाचारी आनुपूर्वी क्या है ? वह तीन प्रकार की है पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी, अनानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी क्या है वह इस प्रकार है
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Hindi 143 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] इच्छा मिच्छा तहक्कारो, आवस्सिया निसीहिया आपुच्छणा पडिपुच्छा, छंदणा निमंतणा

Translated Sutra: इच्छाकार, मिथ्याकार, तथाकार, आवश्यकी, नैषेधिकी, आप्रच्छना, प्रतिप्रच्छना, छंदना, निमंत्रणा और उपसंपद्‌ यह इस प्रकार की सामाचारी है पश्चानुपूर्वी क्या है ? उपसंपद्‌ से लेकर इच्छाकार पर्यन्त स्थापना करना पश्चानुपूर्वी है अनानुपूर्वी क्या है ? एक से लेकर दस पर्यन्त एक एक की वृद्धि द्वारा श्रेणी रूप में
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Hindi 144 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] उवसंपया काले, सामायारी भवे दसविहा से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीउवसंपया जाव इच्छा से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वीएयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए दसगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी से तं सामायारियानुपुव्वी

Translated Sutra: देखो सूत्र १४३
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Hindi 145 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं भावानुपुव्वी? भावानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहापुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वीउदइए उवसमिए खइए खओवसमिए पारिणामिए सन्निवाइए से तं पुव्वानुपुव्वी से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वीसन्निवाइए जाव उदइए से तं पच्छानुपुव्वी से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वीएयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए छगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो से तं अनानुपुव्वी से तं भावानुपुव्वी से तं आनुपुव्वी

Translated Sutra: भावानुपूर्वी क्या है ? तीन प्रकार की है पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी, अनानुपूर्वी पूर्वानुपूर्वी क्या है ? औदयिकभाव, औपशमिकभाव, क्षायिकभाव, क्षायोपशमिकभाव, पारिणामिकभाव, सान्निपातिकभाव, इस क्रम से भावों का उपन्यास पूर्वानुपूर्वी है पश्चानुपूर्वी क्या है ? सान्निपातिकभाव से लेकर औदयिकभाव पर्यन्त
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Hindi 146 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नामे? नामे दसविहे पन्नत्ते, तं जहाएगनामे दुनामे तिनामे चउनामे पंचनामे छनामे सत्तनामे अट्ठनामे नवनामे दसनामे

Translated Sutra: नाम क्या है ? नाम के दस प्रकार हैं एक नाम, दो नाम, तीन नाम, चार नाम, पाँच नाम, छह नाम, सात नाम, आठ नाम, नौ नाम, दस नाम
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Hindi 147 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं एगनामे? एगनामे

Translated Sutra: एकनाम क्या है ? द्रव्यों, गुणों एवं पर्यायों के जो नाम लोक में रूढ़ हैं, उन सबकी नाम ऐसी एक संज्ञा आगम</em> रूप निकष में कही गई है यह एकनाम है सूत्र १४७१४९
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Hindi 148 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] नामानि जानि कानि वि, दव्वाण गुणाण पज्जवाणं तेसिं आगम</em>-निहसे, नामंति परूविया सन्ना

Translated Sutra: देखो सूत्र १४७
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Hindi 149 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से तं एगनामे

Translated Sutra: देखो सूत्र १४७
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Hindi 150 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं दुनामे? दुनामे दुविहे पन्नत्ते, तं जहाएगक्खरिए अनेगक्खरिए से किं तं एगक्खरिए? एगक्खरिए अनेगविहे पन्नत्ते, तं जहाह्रोः श्रीः धीः स्त्री से तं एगक्खरिए से किं तं अनेगक्खरिए? अनेगक्खरिए अनेगविहे पन्नत्ते, तं जहाकन्ना वीणा लता माला से तं अनेगक्खरिए अहवा दुनामे दुविहे पन्नत्ते, तं जहाजीवनामे अजीवनामे से किं तं जीवनामे? जीवनामे अनेगविहे पन्नत्ते, तं जहा-देवदत्तो जन्नदत्तो विण्हुदत्तो सोमदत्तोसे तं जीवनामे से किं तं अजीवनामे? अजीवनामे अनेगविहे पन्नत्ते, तं जहाघडो पडो कडो रहो से तं अजीवनामे अहवा दुनामे दुविहे पन्नत्ते, तं जहाविसेसिए

Translated Sutra: द्विनाम क्या है ? द्विनाम के दो प्रकार हैं एकाक्षरिक और अनेकाक्षरिक एकाक्षरिक द्विनाम क्या है ? उसके अनेक प्रकार हैं जैसे कि ह्री, श्री, धी, स्त्री आदि एकाक्षरिक नाम हैं अनेकाक्षरिक द्विनाम का क्या स्वरूप है ? उसके अनेक प्रकार हैं यथा कन्या, वीणा, लता, माला आदि अनेकाक्षरिक द्विनाम हैं अथवा द्विनाम के
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Hindi 151 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं तिनामे? तिनामे तिविहे पन्नत्ते, तं जहादव्वनामे गुणनामे पज्जवनामे से किं तं दव्वनामे? दव्वनामे छव्विहे पन्नत्ते, तं जहाधम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थि-काए पोग्गलत्थिकाए अद्धासमए से तं दव्वनामे से किं तं गुणनामे? गुणनामे पंचविहे पन्नत्ते, तं जहावण्णनामे गंधनामे रसनामे फासनामे संठाणनामे से किं तं वण्णनामे? वण्णनामे पंचविहे पन्नत्ते, तं जहाकालवण्णनामे नीलवण्णनामे लोहिय-वण्णनामे हालिद्दवण्णनामे सुक्किल्लवण्णनामे से तं वण्णनामे से किं तं गंधनामे? गंधनामे दुविहे पन्नत्ते, तं जहासुब्भिगंधनामे दुब्भिगंधनामे से तं गंधनामे से

Translated Sutra: त्रिनाम क्या है ? त्रिनाम के तीन भेद हैं वे इस प्रकार द्रव्यनाम, गुणनाम और पर्यायनाम द्रव्यनाम क्या है ? द्रव्यनाम छह प्रकार का है धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, जीवास्तिकाय, पुद्‌गलास्तिकाय, अद्धासमय गुणनाम क्या है ? पाँच प्रकार से हैं वर्णनाम, गंधनाम, रसनाम, स्पर्शनाम, संस्थाननाम वर्णनाम
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Hindi 152 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] तं पुण नामं तिविहं, इत्थी पुरिसं नपुंसगं चेव एएसिं तिण्हंपि , अंतम्मि परूवणं वोच्छं

Translated Sutra: उस त्रिनाम के पुनः तीन प्रकार हैं स्त्रीनाम, पुरुषनाम और नपुंसकनाम इन तीनों प्रकार के नामों का बोध उनके अंत्याक्षरो द्वारा होता है पुरुषनामों के अंत में , , , इन चार में से कोई एक वर्ण होता है तथा स्त्रीनामों के अंत में को छोड़कर शेष तीन वर्ण होते हैं जिन शब्दों के अन्त में अं, इं या उं वर्ण हो, उनको
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Hindi 153 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] तत्थ पुरिसस्स अंता, हवंति चत्तारि ते चेव इत्थियाए, हवंति ओकारपरिहीणा

Translated Sutra: देखो सूत्र १५२
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Hindi 154 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] अं तिय इं तिय उं तिय, अंता नपुंसगस्स बोद्धव्वा एएसिं तिण्हंपि , वोच्छामि निदंसणे एत्तो

Translated Sutra: देखो सूत्र १५२
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Hindi 155 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] आकारंतो राया, ईकारंतो गिरी सिहरी ऊकारंतो विण्हू, दुमो ओअंतो पुरिसाणं

Translated Sutra: देखो सूत्र १५२
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