Sutra Navigation: Jain Dharma Sar ( जैन धर्म सार )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2011894 | ||
Scripture Name( English ): | Jain Dharma Sar | Translated Scripture Name : | जैन धर्म सार |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
16. एकान्त व नय अधिकार - (पक्षपात-निरसन) |
Translated Chapter : |
16. एकान्त व नय अधिकार - (पक्षपात-निरसन) |
Section : | 3. नयवाद की सार्वभौमिकता | Translated Section : | 3. नयवाद की सार्वभौमिकता |
Sutra Number : | 391 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | सन्मति तर्क। १.२८; तुलना: क. पा. १। गाथा ११७ पृ. २५७ पर उद्धृत | ||
Mool Sutra : | निजकवचनीयसत्याः, सर्वनयाः परविचारणे मोहाः। तान् पुनः न दृष्टिसमयो, विभजति सत्यानि वा अलीका वा ।। | ||
Sutra Meaning : | सभी नय अपने अपने वक्तव्य में सच्चे हैं, परन्तु वे ही जब दूसरे के वक्तव्यों का निराकरण करने लगते हैं तो मिथ्या हो जाते हैं। अनेकान्तस्वरूप वस्तु के ज्ञाता उन नयों में `यह कुछ नय तो सच्चे हैं और यह कुछ झूठे' ऐसा विभाग नहीं करते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Nijakavachaniyasatyah, sarvanayah paravicharane mohah. Tan punah na drishtisamayo, vibhajati satyani va alika va\.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Sabhi naya apane apane vaktavya mem sachche haim, parantu ve hi jaba dusare ke vaktavyom ka nirakarana karane lagate haim to mithya ho jate haim. Anekantasvarupa vastu ke jnyata una nayom mem `yaha kuchha naya to sachche haim aura yaha kuchha jhuthe aisa vibhaga nahim karate haim. |