Sutra Navigation: Jain Dharma Sar ( जैन धर्म सार )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2011864 | ||
Scripture Name( English ): | Jain Dharma Sar | Translated Scripture Name : | जैन धर्म सार |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
15. अनेकान्त-अधिकार - (द्वैताद्वैत) |
Translated Chapter : |
15. अनेकान्त-अधिकार - (द्वैताद्वैत) |
Section : | 1. द्रव्य-स्वरूप | Translated Section : | 1. द्रव्य-स्वरूप |
Sutra Number : | 361 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | परमात्म प्रकाश । १.५७ | ||
Mool Sutra : | तत् परिजानीहि द्रव्यं त्वं, यत् गुणपर्याययुक्तम्। सहभुवः जानीहि तेषां गुणाः, क्रमभुवः पर्यायाः उक्ताः ।। | ||
Sutra Meaning : | जो गुण और पर्यायों से युक्त होता है, उसे तू द्रव्य जान। जो द्रव्य के साथ सदा काल रहें वे गुण होते हैं। (जैसे जीव का ज्ञान गुण)। तथा द्रव्य व गुण के वे भाव पर्याय कहलाते हैं जो उनमें एक के पश्चात् एक क्रम से उत्पन्न हों (जैसे ज्ञान के विविध विकल्प)। (तात्पर्य यह कि द्रव्य में गुण तो नित्य होते हैं और पर्याय अनित्य।) | ||
Mool Sutra Transliteration : | Tat parijanihi dravyam tvam, yat gunaparyayayuktam. Sahabhuvah janihi tesham gunah, kramabhuvah paryayah uktah\.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo guna aura paryayom se yukta hota hai, use tu dravya jana. Jo dravya ke satha sada kala rahem ve guna hote haim. (jaise jiva ka jnyana guna). Tatha dravya va guna ke ve bhava paryaya kahalate haim jo unamem eka ke pashchat eka krama se utpanna hom (jaise jnyana ke vividha vikalpa). (tatparya yaha ki dravya mem guna to nitya hote haim aura paryaya anitya.) |