Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004726 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ४१. समन्वयसूत्र | Translated Section : | ४१. समन्वयसूत्र |
Sutra Number : | 726 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | विशेषावश्यकभाष्य 2736 (449) | ||
Mool Sutra : | यावन्तो वचनपथा-स्तावन्तो वा नयाः`अपि' शब्दात्। त एव च परसमयाः, सम्यक्त्वं समुदिताः सर्वे।।५।। | ||
Sutra Meaning : | (वास्तव में देखा जाय तो लोक में-) जितने वचन-पन्थ हैं, उतने ही नय हैं, क्योंकि सभी वचन वक्ता के किसी न किसी अभिप्राय या अर्थ को सूचित करते हैं और ऐसे वचनों में वस्तु के किसी एक धर्म की ही मुख्यता होती है। अतः जितने नय सावधारण (हठग्राही) हैं, वे सब पर-समय हैं, मिथ्या हैं; और अवधारणरहित (सापेक्षसत्यग्राही) तथा स्यात् पद से युक्त समुदित सभी नय सम्यक् होते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Yavanto vachanapatha-stavanto va nayah`api shabdat. Ta eva cha parasamayah, samyaktvam samuditah sarve..5.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | (vastava mem dekha jaya to loka mem-) jitane vachana-pantha haim, utane hi naya haim, kyomki sabhi vachana vakta ke kisi na kisi abhipraya ya artha ko suchita karate haim aura aise vachanom mem vastu ke kisi eka dharma ki hi mukhyata hoti hai. Atah jitane naya savadharana (hathagrahi) haim, ve saba para-samaya haim, mithya haim; aura avadharanarahita (sapekshasatyagrahi) tatha syat pada se yukta samudita sabhi naya samyak hote haim. |