Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004616 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
तृतीय खण्ड - तत्त्व-दर्शन |
Translated Chapter : |
तृतीय खण्ड - तत्त्व-दर्शन |
Section : | ३४. तत्त्वसूत्र | Translated Section : | ३४. तत्त्वसूत्र |
Sutra Number : | 616 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | आचारांग 1/5/6/6 | ||
Mool Sutra : | सर्वे स्वराः निवर्त्तन्ते, तर्को यत्र न विद्यते। मतिस्तत्र न गाहिका, ओजः अप्रतिष्ठानस्य खेदज्ञः।।२९।। | ||
Sutra Meaning : | मोक्षावस्था का शब्दों में वर्णन करना सम्भव नहीं है, क्योंकि वहाँ शब्दों की प्रवृत्ति नहीं है। न वहाँ तर्क का ही प्रवेश है, क्योंकि वहाँ मानस-व्यापार सम्भव नहीं है। मोक्षावस्था संकल्प-विकल्पातीत है। साथ ही समस्त मलकलंक से रहित होने से वहाँ ओज भी नहीं है। रागातीत होने के कारण सातवें नरक तक की भूमि का ज्ञान होने पर भी वहाँ किसी प्रकार का खेद नहीं है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Sarve svarah nivarttante, tarko yatra na vidyate. Matistatra na gahika, ojah apratishthanasya khedajnyah..29.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Mokshavastha ka shabdom mem varnana karana sambhava nahim hai, kyomki vaham shabdom ki pravritti nahim hai. Na vaham tarka ka hi pravesha hai, kyomki vaham manasa-vyapara sambhava nahim hai. Mokshavastha samkalpa-vikalpatita hai. Satha hi samasta malakalamka se rahita hone se vaham oja bhi nahim hai. Ragatita hone ke karana satavem naraka taka ki bhumi ka jnyana hone para bhi vaham kisi prakara ka kheda nahim hai. |