Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004177 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Translated Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Section : | १५. आत्मसूत्र | Translated Section : | १५. आत्मसूत्र |
Sutra Number : | 177 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | कार्तिकेयानुप्रेक्षा 204 | ||
Mool Sutra : | उत्तमगुणानां धामं, सर्वद्रव्याणां उत्तमं द्रव्यम्। तत्त्वानां परं तत्त्वं, जीवं जानीत निश्चयतः।।१।। | ||
Sutra Meaning : | तुम निश्चयपूर्वक यह जानो कि जीव उत्तम गुणों का आश्रय, सब द्रव्यों में उत्तम द्रव्य और सब तत्त्वों में परम तत्त्व है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Uttamagunanam dhamam, sarvadravyanam uttamam dravyam. Tattvanam param tattvam, jivam janita nishchayatah..1.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Tuma nishchayapurvaka yaha jano ki jiva uttama gunom ka ashraya, saba dravyom mem uttama dravya aura saba tattvom mem parama tattva hai. |