Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 2004160 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Translated Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Section : | १३. अप्रमादसूत्र | Translated Section : | १३. अप्रमादसूत्र |
Sutra Number : | 160 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | उत्तराध्ययन 14/15 | ||
Mool Sutra : | इदं च मेऽस्ति इदं च नास्ति, इदं च मे कृत्यमिदमकृत्यम्। तमेवमेवं लालप्यमानं, हरा हरन्तीति कथं प्रमादः?।।१।। | ||
Sutra Meaning : | यह मेरे पास है और यह नहीं है, वह मुझे करना है और यह नहीं करना है -- इस प्रकार वृथा बकवास करते हुए पुरुष को उठानेवाला (काल) उठा लेता है। इस स्थिति में प्रमाद कैसे किया जाय ? | ||
Mool Sutra Transliteration : | Idam cha mesti idam cha nasti, idam cha me krityamidamakrityam. Tamevamevam lalapyamanam, hara harantiti katham pramadah?..1.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Yaha mere pasa hai aura yaha nahim hai, vaha mujhe karana hai aura yaha nahim karana hai -- isa prakara vritha bakavasa karate hue purusha ko uthanevala (kala) utha leta hai. Isa sthiti mem pramada kaise kiya jaya\? |