Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000670 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ३७. अनेकान्तसूत्र | Translated Section : | ३७. अनेकान्तसूत्र |
Sutra Number : | 670 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | सन्मतितर्क 3/17 | ||
Mool Sutra : | पिउ-पुत्त-णत्तु-भव्वय-भाऊणं एगपुरिससंबंधो। ण य सो एगस्स पिय, त्ति सेसयाणं पिया होइ।।११।। | ||
Sutra Meaning : | एक ही पुरुष में पिता, पुत्र, पौत्र, भानेज, भाई आदि अनेक सम्बन्ध होते हैं। एक ही समय में वह अपने पिता का पुत्र और अपने पुत्र का पिता होता है। अतः एक का पिता होने से वह सबका पिता नहीं होता। (यही स्थिति सब वस्तुओं की है।) | ||
Mool Sutra Transliteration : | Piu-putta-nattu-bhavvaya-bhaunam egapurisasambamdho. Na ya so egassa piya, tti sesayanam piya hoi..11.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Eka hi purusha mem pita, putra, pautra, bhaneja, bhai adi aneka sambandha hote haim. Eka hi samaya mem vaha apane pita ka putra aura apane putra ka pita hota hai. Atah eka ka pita hone se vaha sabaka pita nahim hota. (yahi sthiti saba vastuom ki hai.) |