Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000618 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
तृतीय खण्ड - तत्त्व-दर्शन |
Translated Chapter : |
तृतीय खण्ड - तत्त्व-दर्शन |
Section : | ३४. तत्त्वसूत्र | Translated Section : | ३४. तत्त्वसूत्र |
Sutra Number : | 618 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | नियमसार 179 | ||
Mool Sutra : | ण वि इंदिय उवसग्गा, ण वि मोहो विम्हयो ण णिद्दा य। ण य तिण्हा णेव छुहा, तत्थेव य होइ णिव्वाणं।।३१।। | ||
Sutra Meaning : | जहाँ न इन्द्रियाँ हैं न उपसर्ग, न मोह है न विस्मय, न निद्रा है न तृष्णा और न भूख, वहीं निर्वाण है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Na vi imdiya uvasagga, na vi moho vimhayo na nidda ya. Na ya tinha neva chhuha, tattheva ya hoi nivvanam..31.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jaham na indriyam haim na upasarga, na moha hai na vismaya, na nidra hai na trishna aura na bhukha, vahim nirvana hai. |