Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000406 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २६. समिति-गुप्तिसूत्र | Translated Section : | २६. समिति-गुप्तिसूत्र |
Sutra Number : | 406 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | मूलाचार 6/62 | ||
Mool Sutra : | ण बलाउसाउअट्ठं, ण सरीरस्सुवचयट्ठ तेजट्ठं। णाणट्ठसंजमट्ठं, झाणट्ठं चेव भुंजेज्जा।।२३।। | ||
Sutra Meaning : | मुनिजन न तो बल या आयु बढ़ाने के लिए आहार करते हैं, न स्वाद के लिए करते हैं और न शरीर के उपचय या तेज के लिए करते हैं। वे ज्ञान, संयम और ध्यान की सिद्धि के लिए ही आहार करते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Na balausauattham, na sarirassuvachayattha tejattham. Nanatthasamjamattham, jhanattham cheva bhumjejja..23.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Munijana na to bala ya ayu barhane ke lie ahara karate haim, na svada ke lie karate haim aura na sharira ke upachaya ya teja ke lie karate haim. Ve jnyana, samyama aura dhyana ki siddhi ke lie hi ahara karate haim. |