Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000401 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २६. समिति-गुप्तिसूत्र | Translated Section : | २६. समिति-गुप्तिसूत्र |
Sutra Number : | 401 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | दशवैकालिक 7/12 | ||
Mool Sutra : | तहेव काणं काणे त्ति, पंडगं पंडगे त्ति वा। वाहियं वा वि रोगि त्ति, तेणं चोरे त्ति नो वए।।१८।। | ||
Sutra Meaning : | इसी प्रकार काने को काना, नपुंसक को नपुंसक, व्याधिग्रस्त को रोगी और चोर को चोर भी न कहे। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Taheva kanam kane tti, pamdagam pamdage tti va. Vahiyam va vi rogi tti, tenam chore tti no vae..18.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Isi prakara kane ko kana, napumsaka ko napumsaka, vyadhigrasta ko rogi aura chora ko chora bhi na kahe. |