Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000372 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २५. व्रतसूत्र | Translated Section : | २५. व्रतसूत्र |
Sutra Number : | 372 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | दशवैकालिक 5/1/24 | ||
Mool Sutra : | अइभूमिं न गच्छेज्जा, गोयरग्गगओ मुणी। कुलस्स भूमिं जाणित्ता, मियं भूमिं परक्कमे।।९।। | ||
Sutra Meaning : | गोचरी के लिए जानेवाले मुनि को वर्जित भूमि में प्रवेश नहीं करना चाहिए। कुल की भूमि को जानकर मितभूमि तक ही जाना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Aibhumim na gachchhejja, goyaraggagao muni. Kulassa bhumim janitta, miyam bhumim parakkame..9.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Gochari ke lie janevale muni ko varjita bhumi mem pravesha nahim karana chahie. Kula ki bhumi ko janakara mitabhumi taka hi jana chahie. |