Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000119 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Translated Chapter : |
प्रथम खण्ड – ज्योतिर्मुख |
Section : | ९. धर्मसूत्र | Translated Section : | ९. धर्मसूत्र |
Sutra Number : | 119 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | उत्तराध्ययन 7/1415 | ||
Mool Sutra : | जहा य तिण्णि वणिया, मूलं घेत्तूण निग्गया। एगोऽत्थ लहई लाहं, एगो मूलेण आगओ।।३८।। | ||
Sutra Meaning : | जैसे तीन वणिक् मूल पूँजी को लेकर निकले। उनमें से एक लाभ उठाता है, एक मूल लेकर लौटता है, और एक मूल को भी गँवाकर वापस आता है। यह व्यापार की उपमा है। इसी प्रकार धर्म के विषय में जानना चाहिए। संदर्भ ११९-१२० | ||
Mool Sutra Transliteration : | Jaha ya tinni vaniya, mulam ghettuna niggaya. Egottha lahai laham, ego mulena agao..38.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jaise tina vanik mula pumji ko lekara nikale. Unamem se eka labha uthata hai, eka mula lekara lautata hai, aura eka mula ko bhi gamvakara vapasa ata hai. Yaha vyapara ki upama hai. Isi prakara dharma ke vishaya mem janana chahie. Samdarbha 119-120 |