Sutra Navigation: Anuyogdwar ( अनुयोगद्वारासूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1024041 | ||
Scripture Name( English ): | Anuyogdwar | Translated Scripture Name : | अनुयोगद्वारासूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अनुयोगद्वारासूत्र |
Translated Chapter : |
अनुयोगद्वारासूत्र |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 41 | Category : | Chulika-02 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] से किं तं जाणगसरीर-भवियसरीर-वतिरित्तं दव्वसुयं? जाणगसरीर-भवियसरीर-वतिरित्तं दव्वसुयं–पत्तय-पोत्थय-लिहियं। अहवा सुयं पंचविहं पन्नत्तं, तं जहा–अंडयं बोंडयं कीडयं वालयं वक्कयं। से किं तं अंडयं? अंडयं–हंसगब्भाइ। से तं अंडयं। से किं तं बोंडयं? बोंडयं–फलिहमाइ। से तं बोंडयं। से किं तं कीडयं? कीडयं पंचविहं पन्नत्तं, तं जहा–पट्टे मलए अंसुए चीणंसुए किमिरागे। से तं कीडयं। से किं तं वालयं? वालयं पंचविहं पन्नत्तं, तं जहा–उन्निए उट्टिए मियलोमिए कुतवे किट्टिसे। से तं वालयं। से किं तं वक्कयं? वक्कयं–सणमाइ। से तं वक्कयं। से तं जाणगसरीर-भवियसरीर-वतिरित्तं दव्वसुयं। से तं नोआगमओ दव्वसुयं। से तं दव्वसुयं। | ||
Sutra Meaning : | ज्ञायकशरीर – भव्यशरीरव्यतिरिक्त – द्रव्यश्रुत क्या है ? ताड़पत्रों अथवा पत्रों के समूहरूप पुस्तक में लिखित श्रुत ज्ञायकशरीर – भव्यशरीरव्यतिरिक्तद्रव्यश्रुत हैं। अथवा वह पाँच प्रकार का है – अंडज, बोंडज, कीटज, वालज, बल्कज। अंडज किसे कहते हैं ? हंसगर्भादि से बने सूत्र को अंडज कहते हैं। बोंडज किसे कहते हैं ? कपास या रुई से बनाये गये सूत्र को कहते हैं। कीटजसूत्र किसे कहते हैं ? वह पाँच प्रकार का है – पट्ट, मलय, अशुक, चीनांशुक, कृमिराग। वालज सूत्र के पाँच प्रकार हैं – और्णिक, औष्ट्रिक, मृगलोमिक, कौतव, किट्टिस। वल्कज किसे कहते हैं ? सन आदि से निर्मित सूत्र को कहते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] se kim tam janagasarira-bhaviyasarira-vatirittam davvasuyam? Janagasarira-bhaviyasarira-vatirittam davvasuyam–pattaya-potthaya-lihiyam. Ahava suyam pamchaviham pannattam, tam jaha–amdayam bomdayam kidayam valayam vakkayam. Se kim tam amdayam? Amdayam–hamsagabbhai. Se tam amdayam. Se kim tam bomdayam? Bomdayam–phalihamai. Se tam bomdayam. Se kim tam kidayam? Kidayam pamchaviham pannattam, tam jaha–patte malae amsue chinamsue kimirage. Se tam kidayam. Se kim tam valayam? Valayam pamchaviham pannattam, tam jaha–unnie uttie miyalomie kutave kittise. Se tam valayam. Se kim tam vakkayam? Vakkayam–sanamai. Se tam vakkayam. Se tam janagasarira-bhaviyasarira-vatirittam davvasuyam. Se tam noagamao davvasuyam. Se tam davvasuyam. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jnyayakasharira – bhavyashariravyatirikta – dravyashruta kya hai\? Tarapatrom athava patrom ke samuharupa pustaka mem likhita shruta jnyayakasharira – bhavyashariravyatiriktadravyashruta haim. Athava vaha pamcha prakara ka hai – amdaja, bomdaja, kitaja, valaja, balkaja. Amdaja kise kahate haim\? Hamsagarbhadi se bane sutra ko amdaja kahate haim. Bomdaja kise kahate haim\? Kapasa ya rui se banaye gaye sutra ko kahate haim. Kitajasutra kise kahate haim\? Vaha pamcha prakara ka hai – patta, malaya, ashuka, chinamshuka, krimiraga. Valaja sutra ke pamcha prakara haim – aurnika, aushtrika, mrigalomika, kautava, kittisa. Valkaja kise kahate haim\? Sana adi se nirmita sutra ko kahate haim. |