Sutra Navigation: Uttaradhyayan ( उत्तराध्ययन सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1021961 | ||
Scripture Name( English ): | Uttaradhyayan | Translated Scripture Name : | उत्तराध्ययन सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अध्ययन-९ नमिप्रवज्या |
Translated Chapter : |
अध्ययन-९ नमिप्रवज्या |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 261 | Category : | Mool-04 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] एयमट्ठं निसामित्ता हेऊकारणचोइओ । तओ नमी रायरिसी देविंदं इणमब्बवी ॥ | ||
Sutra Meaning : | इस अर्थ को सुनकर, हेतु और कारण से प्रेरित नमि राजर्षिने कहा – ‘‘जो दुर्जय संग्राम में दस लाख योद्धाओं को जीतता है, उसकी अपेक्षा जो एक अपने को जीतता है, उसकी विजय ही परम विजय है – बाहर के युद्धों से क्या ? स्वयं अपने से ही युद्ध करो। अपने से अपने को जीतकर ही सच्चा सुख प्राप्त होता है – पाँच इन्द्रियाँ, क्रोध, मान, माया, लोभ और मन – ये ही वास्तव में दुर्जेय हैं। एक अपने आप को जीत लेने पर सभी जीत लिए जाते हैं।’’ सूत्र – २६१–२६४ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] eyamattham nisamitta heukaranachoio. Tao nami rayarisi devimdam inamabbavi. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Isa artha ko sunakara, hetu aura karana se prerita nami rajarshine kaha – ‘‘jo durjaya samgrama mem dasa lakha yoddhaom ko jitata hai, usaki apeksha jo eka apane ko jitata hai, usaki vijaya hi parama vijaya hai – Bahara ke yuddhom se kya\? Svayam apane se hi yuddha karo. Apane se apane ko jitakara hi sachcha sukha prapta hota hai – pamcha indriyam, krodha, mana, maya, lobha aura mana – ye hi vastava mem durjeya haim. Eka apane apa ko jita lene para sabhi jita lie jate haim.’’ Sutra – 261–264 |