[सूत्र] जे भिक्खू माउग्गामं मेहुण-वडियाए वेति, विन्नवेंतं वा सातिज्जति।
Sutra Meaning :
जो साधु मैथुन सेवन की ईच्छा से स्त्री को (साध्वी हो तो पुरुष को) विनती करे, हस्त कर्म करे मतलब हाथ से होनेवाली क्रियाए करे, जननेन्द्रिय का संचालन करे यावत् शुक्र (साध्वी हो तो रज) बाहर नीकाले। (उद्देशक – १ में सूत्र २ से १० तक वर्णन की हुई सभी क्रियाए यहाँ समझ लेना।) यह काम खुद करे, दूसरों से करवाए या करनेवाले की अनुमोदना करे तो प्रायश्चित्त।
सूत्र – ३९३–४०२
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] je bhikkhu mauggamam mehuna-vadiyae veti, vinnavemtam va satijjati.
Sutra Meaning Transliteration :
Jo sadhu maithuna sevana ki ichchha se stri ko (sadhvi ho to purusha ko) vinati kare, hasta karma kare matalaba hatha se honevali kriyae kare, jananendriya ka samchalana kare yavat shukra (sadhvi ho to raja) bahara nikale. (uddeshaka – 1 mem sutra 2 se 10 taka varnana ki hui sabhi kriyae yaham samajha lena.) yaha kama khuda kare, dusarom se karavae ya karanevale ki anumodana kare to prayashchitta.
Sutra – 393–402