Sutra Navigation: Chandrapragnapati ( चंद्रप्रज्ञप्ति सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1007391 | ||
Scripture Name( English ): | Chandrapragnapati | Translated Scripture Name : | चंद्रप्रज्ञप्ति सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
प्राभृत-१ |
Translated Chapter : |
प्राभृत-१ |
Section : | प्राभृत-प्राभृत-१ | Translated Section : | प्राभृत-प्राभृत-१ |
Sutra Number : | 91 | Category : | Upang-06 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] ता कहं ते नक्खत्तविजए आहितेति वदेज्जा? ता अयन्नं जंबुद्दीवे दीवे सव्वदीवसमुद्दाणं सव्वब्भंतराए जाव परिक्खेवेणं। ता जंबुद्दीवे णं दीवे दो चंदा पभासेंसु वा पभासेंति वा पभासिस्संति वा, दो सूरिया तविंसु वा तवेंति वा तविस्संति वा, छप्पन्नं नक्खत्ता जोयं जोएंसु वा जोएंति वा जोइस्संति वा, तं जहा–दो अभीई दो सवणा दो धनिट्ठा दो सतभिसया दो पुव्वापोट्ठवया दो उत्तरापोट्ठवया दो रेवती दो अस्सिणी दो भरणी दो कत्तिया दो रोहिणी दो संठाणा दो अद्दा दो पुनव्वसू दो पुस्सा दो अस्सेसाओ दो महा दो पुव्वाफग्गुणी दो उत्तराफग्गुणी दो हत्था दो चित्ता दो साती दो विसाहा दो अनुराधा दो जेट्ठा दो मूला दो पुव्वासाढा दो उत्तरासाढा। ता एतेसि णं छप्पन्नाए नक्खत्ताणं–अत्थि नक्खत्ता जे णं नव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति। अत्थि नक्खत्ता जे णं पन्नरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति। अत्थि नक्खत्ता जे णं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति। अत्थि नक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति। ता एतेसि णं छप्पन्नाए नक्खत्ताणं कयरे नक्खत्ता जे णं नव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति? कयरे नक्खत्ता जे णं पन्नरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति? कयरे नक्खत्ता जे णं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति? कयरे नक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति? ता एतेसि णं छप्पन्नाए नक्खत्ताणं तत्थ जेते नक्खत्ता जे णं नव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं दो अभीई। तत्थ जेते नक्खत्ता जे णं पन्नरस मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तं जहा–दो सतभिसया दो भरणी दो अद्दा दो अस्सेसा दो साती दो जेट्ठा। तत्थ जेते नक्खत्ता जे णं तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं तीसं, तं जहा–दो सवणा दो धनिट्ठा दो पुव्वाभद्दवया दो रेवती दो अस्सिणी दो कत्तिया दो संठाणा दो पुस्सा दो महा दो पुव्वाफग्गुणी दो हत्था दो चित्ता दो अनुराहा दो मूला दो पुव्वासाढा। तत्थ जेते नक्खत्ता जे णं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तं जहा–दो उत्तरापोट्ठवया दो रोहिणी दो पुनव्वसू दो उत्तराफग्गुणी दो विसाहा दो उत्तरासाढा। ता एतेसि णं छप्पन्नाए नक्खत्ताणं–अत्थि नक्खत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरिएणं सद्धिं जोयं जोएंति। अत्थि नक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एक्कवीसं च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति। अत्थि नक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारस मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति। अत्थि नक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिन्नि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति। ता एतेसि णं छप्पन्नाए नक्खत्ताणं कयरे नक्खत्ता जे णं तं चेव उच्चारेयव्वं। ता एतेसि णं छप्पन्नाए नक्खत्ताणं तत्थ जेते नक्खत्ता जे णं चत्तारि अहोरत्ते छच्च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं दो अभीई। तत्थ जेते नक्खत्ता जे णं छ अहोरत्ते एक्कवीसं च मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तं जहा–दो सतभिसया दो भरणी दो अद्दा दो अस्सेसा दो साती दो जेट्ठा। तत्थ जेते नक्खत्ता जे णं तेरस अहोरत्ते बारस मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं तीसं, तं जहा–दो सवणा जाव दो पुव्वासाढा। तत्थ जेते नक्खत्ता जे णं वीसं अहोरत्ते तिन्नि य मुहुत्ते सूरेण सद्धिं जोयं जोएंति ते णं बारस, तं जहा–दो उत्तरापोट्ठवया जाव दो उत्तरासाढा। | ||
Sutra Meaning : | हे भगवन् ! नक्षत्र ज्योतिष्क द्वारा किस प्रकार से हैं ? इस विषय में यह पाँच प्रतिपत्तियाँ हैं। एक कहता है कि कृत्तिकादि सात नक्षत्र पंच द्वारवाले हैं, दूसरा मघादि सात को पूर्वद्वारीय कहता है, तीसरा घनिष्ठादि सात को, चौथा अश्विनी आदि सात को और पाँचवा भरणी आदि सात नक्षत्र को पूर्वद्वारीय कहता है। जो कृतिकादि सात को पूर्वद्वारीय कहते हैं उनके मत से – मघादि सात दक्षिण द्वारीय हैं, अनुराधादि सात पश्चिमद्वारीय हैं और घनिष्ठादि सात उत्तरद्वारीय हैं। जो मघादि सात को पूर्वद्वारीय बताते हैं, उनके मतानुसार – अनुराधादि सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं, घनिष्ठादि सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं तथा कृतिकादि सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। जो घनिष्ठादि सात नक्षत्र को पूर्वद्वारीय बताते हैं, उनके मत से – कृतिकादि सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं, मघादि सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं और अनुराधादि सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। जो अश्विनी आदि सात नक्षत्र को पूर्वद्वारीय बताते हैं, उनके मत से – पुष्यादि सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं, स्वाति आदि सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं और अभिजीत आदि सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। भरणी आदि सात नक्षत्र को पूर्वद्वारीय बताते हैं, उनके मत से – आश्लेषादि ७ नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं, विशाखादि सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं, श्रवणादि ७ नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं भगवंत फरमाते हैं कि अभिजीत, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपदा, उत्तराभाद्रपदा और रेवती ये सात पूर्वद्वारीय हैं; अश्विनी, भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा और पुनर्वसु ये सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं; पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त और चित्रा ये सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं; स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा ये सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] ta kaham te nakkhattavijae ahiteti vadejja? Ta ayannam jambuddive dive savvadivasamuddanam savvabbhamtarae java parikkhevenam. Ta jambuddive nam dive do chamda pabhasemsu va pabhasemti va pabhasissamti va, do suriya tavimsu va tavemti va tavissamti va, chhappannam nakkhatta joyam joemsu va joemti va joissamti va, tam jaha–do abhii do savana do dhanittha do satabhisaya do puvvapotthavaya do uttarapotthavaya do revati do assini do bharani do kattiya do rohini do samthana do adda do punavvasu do pussa do assesao do maha do puvvaphagguni do uttaraphagguni do hattha do chitta do sati do visaha do anuradha do jettha do mula do puvvasadha do uttarasadha. Ta etesi nam chhappannae nakkhattanam–atthi nakkhatta je nam nava muhutte sattavisam cha sattatthibhage muhuttassa chamdena saddhim joyam joemti. Atthi nakkhatta je nam pannarasa muhutte chamdena saddhim joyam joemti. Atthi nakkhatta je nam tisam muhutte chamdena saddhim joyam joemti. Atthi nakkhatta je nam panayalisam muhutte chamdena saddhim joyam joemti. Ta etesi nam chhappannae nakkhattanam kayare nakkhatta je nam nava muhutte sattavisam cha sattatthibhage muhuttassa chamdena saddhim joyam joemti? Kayare nakkhatta je nam pannarasa muhutte chamdena saddhim joyam joemti? Kayare nakkhatta je nam tisam muhutte chamdena saddhim joyam joemti? Kayare nakkhatta je nam panayalisam muhutte chamdena saddhim joyam joemti? Ta etesi nam chhappannae nakkhattanam tattha jete nakkhatta je nam nava muhutte sattavisam cha sattatthibhage muhuttassa chamdena saddhim joyam joemti te nam do abhii. Tattha jete nakkhatta je nam pannarasa muhutte chamdena saddhim joyam joemti te nam barasa, tam jaha–do satabhisaya do bharani do adda do assesa do sati do jettha. Tattha jete nakkhatta je nam tisam muhutte chamdena saddhim joyam joemti te nam tisam, tam jaha–do savana do dhanittha do puvvabhaddavaya do revati do assini do kattiya do samthana do pussa do maha do puvvaphagguni do hattha do chitta do anuraha do mula do puvvasadha. Tattha jete nakkhatta je nam panayalisam muhutte chamdena saddhim joyam joemti te nam barasa, tam jaha–do uttarapotthavaya do rohini do punavvasu do uttaraphagguni do visaha do uttarasadha. Ta etesi nam chhappannae nakkhattanam–atthi nakkhatta je nam chattari ahoratte chhachcha muhutte surienam saddhim joyam joemti. Atthi nakkhatta je nam chha ahoratte ekkavisam cha muhutte surena saddhim joyam joemti. Atthi nakkhatta je nam terasa ahoratte barasa muhutte surena saddhim joyam joemti. Atthi nakkhatta je nam visam ahoratte tinni ya muhutte surena saddhim joyam joemti. Ta etesi nam chhappannae nakkhattanam kayare nakkhatta je nam tam cheva uchchareyavvam. Ta etesi nam chhappannae nakkhattanam tattha jete nakkhatta je nam chattari ahoratte chhachcha muhutte surena saddhim joyam joemti te nam do abhii. Tattha jete nakkhatta je nam chha ahoratte ekkavisam cha muhutte surena saddhim joyam joemti te nam barasa, tam jaha–do satabhisaya do bharani do adda do assesa do sati do jettha. Tattha jete nakkhatta je nam terasa ahoratte barasa muhutte surena saddhim joyam joemti te nam tisam, tam jaha–do savana java do puvvasadha. Tattha jete nakkhatta je nam visam ahoratte tinni ya muhutte surena saddhim joyam joemti te nam barasa, tam jaha–do uttarapotthavaya java do uttarasadha. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | He bhagavan ! Nakshatra jyotishka dvara kisa prakara se haim\? Isa vishaya mem yaha pamcha pratipattiyam haim. Eka kahata hai ki krittikadi sata nakshatra pamcha dvaravale haim, dusara maghadi sata ko purvadvariya kahata hai, tisara ghanishthadi sata ko, chautha ashvini adi sata ko aura pamchava bharani adi sata nakshatra ko purvadvariya kahata hai. Jo kritikadi sata ko purvadvariya kahate haim unake mata se – maghadi sata dakshina dvariya haim, anuradhadi sata pashchimadvariya haim aura ghanishthadi sata uttaradvariya haim. Jo maghadi sata ko purvadvariya batate haim, unake matanusara – anuradhadi sata nakshatra dakshinadvariya haim, ghanishthadi sata nakshatra pashchimadvariya haim tatha kritikadi sata nakshatra uttaradvariya haim. Jo ghanishthadi sata nakshatra ko purvadvariya batate haim, unake mata se – kritikadi sata nakshatra dakshinadvariya haim, maghadi sata nakshatra pashchimadvariya haim aura anuradhadi sata nakshatra uttaradvariya haim. Jo ashvini adi sata nakshatra ko purvadvariya batate haim, unake mata se – pushyadi sata nakshatra dakshinadvariya haim, svati adi sata nakshatra pashchimadvariya haim aura abhijita adi sata nakshatra uttaradvariya haim. Bharani adi sata nakshatra ko purvadvariya batate haim, unake mata se – ashleshadi 7 nakshatra dakshinadvariya haim, vishakhadi sata nakshatra pashchimadvariya haim, shravanadi 7 nakshatra uttaradvariya haim Bhagavamta pharamate haim ki abhijita, shravana, ghanishtha, shatabhisha, purvabhadrapada, uttarabhadrapada aura revati ye sata purvadvariya haim; ashvini, bharani, kritika, rohini, mrigashira, ardra aura punarvasu ye sata nakshatra dakshinadvariya haim; pushya, ashlesha, magha, purvaphalguni, uttaraphalguni, hasta aura chitra ye sata nakshatra pashchimadvariya haim; svati, vishakha, anuradha, jyeshtha, mula, purvasharha aura uttarasharha ye sata nakshatra uttaradvariya haim. |