Sutra Navigation: Suryapragnapti ( सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1007086 | ||
Scripture Name( English ): | Suryapragnapti | Translated Scripture Name : | सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
प्राभृत-१० |
Translated Chapter : |
प्राभृत-१० |
Section : | प्राभृत-प्राभृत-२१ | Translated Section : | प्राभृत-प्राभृत-२१ |
Sutra Number : | 86 | Category : | Upang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] ता कहं ते जोतिसस्स दारा आहिताति वदेज्जा? तत्थ खलु इमाओ पंच पडिवत्तीओ पन्नत्ताओ। तत्थेगे एवमाहंसु– ता कत्तियादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु १ एगे पुन एवमाहंसु–ता महादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु २ एगे पुन एवमाहंसु–ता धनिट्ठादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ३ एगे पुन एवमाहंसु–ता अस्सिनीयादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ४ एगे पुण एवमाहंसु–ता भरणीयादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ५। तत्थ जेते एवमाहंसु–ता कत्तियादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता, ते एवमाहंसु, तं जहा–कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुनव्वसू पुस्सो अस्सेसा। महादिया णं सत्त नक्खत्ता दाहिणदारिया पन्नत्ता, तं जहा–महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता साती विसाहा। अनुराधादिया णं सत्त नक्खत्ता पच्छिमदारिया पन्नत्ता, तं जहा–अनुराधा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभिई सवणो। धनिट्ठादिया णं सत्त नक्खत्ता उत्तरदारिया पन्नत्ता, तं जहा–धनिट्ठा सतभिसया पुव्वापोट्ठवया उत्तरापोट्ठवया रेवती अस्सिणी भरणी। तत्थ जेते एवमाहंसु–ता महादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता, ते एवमाहंसु, तं जहा–महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता साती विसाहा। अनुराधादिया णं सत्त नक्खत्ता दाहिणदारिया पन्नत्ता, तं जहा–अनुराधा जेट्ठा मूले पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभिई सवणे। धनिट्ठादिया णं सत्त नक्खत्ता पच्छिमदारिया पन्नत्ता, तं जहा–धनिट्ठा सतभिसया पुव्वा-पोट्ठवया उत्तरापोट्ठवया रेवती अस्सिणी भरणी। कत्तियादिया णं सत्त नक्खत्ता उत्तरदारिया पन्नत्ता, तं जहा–कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुनव्वसू पुस्सो अस्सेसा। तत्थ जेते एवमाहंसु–ता धनिट्ठादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता, ते एवमाहंसु, तं जहा–धनिट्ठा सतभिसया पुव्वा भद्दवया उत्तराभद्दवया रेवती अस्सिणी भरणी। कत्तियादिया णं सत्त नक्खत्ता दाहिणदारिया पन्नत्ता, तं जहा–कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुनव्वसू पुस्सो अस्सेसा। महादिया णं सत्त नक्खत्ता पच्छिमदारिया पन्नत्ता, तं जहा–महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता साती विसाहा। अनुराधादिया णं सत्त नक्खत्ता उत्तरदारिया पन्नत्ता, तं जहा–अनुराधा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा अभीई सवणो। तत्थ जेते एवमाहंसु–ता अस्सिणीयादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता, ते एवमाहंसु, तं जहा–अस्सिणी भरणी कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुनव्वसू। पुस्सादिया णं सत्त नक्खत्ता दाहिणदारिया पन्नत्ता, तं जहा–पुस्सो अस्सेसा महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता। सातियादिया णं सत्त नक्खत्ता, पच्छिमदारिया पन्नत्ता, तं जहा–साती विसाहा अनुराधा जेट्ठा मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा। अभीईयादिया णं सत्त नक्खत्ता उत्तरदारिया पन्नत्ता, तं जहा–अभिई सवणो धनिट्ठा सतभिसया पुव्वाभद्दवया उत्तराभद्दवया रेवती। तत्थ जेते एवमाहंसु–ता भरणीयादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता, ते एवमाहंसु, तं जहा–भरणी कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुनव्वसू पुस्सो। अस्सेसादिया णं सत्त नक्खत्ता दाहिणदारिया पन्नत्ता, तं जहा–अस्सेसा महा पुव्वाफग्गुणी उत्तरा-फग्गुणी हत्थो चित्ता साती। विसाहादिया णं सत्त नक्खत्ता पच्छिमदारिया पन्नत्ता, तं जहा–विसाहा अनुराहा जेट्ठा मूलो पुव्वा-साढा उत्तरासाढा अभिई। सवणादिया णं सत्त नक्खत्ता उत्तरदारिया पन्नत्ता, तं जहा–सवणो धनिट्ठा सतभिसया पुव्वापोट्ठवया उत्तरापोट्ठवया रेवती अस्सिणी–एगे एवमाहंसु। वयं पुण एवं वदामो–ता अभिईयादिया णं सत्त नक्खत्ता पुव्वदारिया पन्नत्ता, तं जहा–अभिई सवणो धनिट्ठा सतभिसया पुव्वापोट्ठवया उत्तरापोट्ठवया रेवती। अस्सिणीयादिया णं सत्त नक्खत्ता दाहिणदारिया पन्नत्ता, तं जहा–अस्सिणी भरणी कत्तिया रोहिणी संठाणा अद्दा पुनव्वसू। पुस्सादिया णं सत्त नक्खत्ता पच्छिमदारिया पन्नत्ता, तं जहा–पुस्सो अस्सेसा महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता। सातियादिया णं सत्त नक्खत्ता उत्तरदारिया पन्नत्ता, तं जहा–साती विसाहा अनुराहा जेट्ठा मूले पुव्वासाढा उत्तरासाढा। | ||
Sutra Meaning : | हे भगवन् ! नक्षत्र ज्योतिष्क द्वारा किस प्रकार से हैं ? इस विषय में यह पाँच प्रतिपत्तियाँ हैं। एक कहता है कि कृत्तिकादि सात नक्षत्र पंच द्वारवाले हैं, दूसरा मघादि सात को पूर्वद्वारीय कहता है, तीसरा घनिष्ठादि सात को, चौथा अश्विनी आदि सात को और पाँचवा भरणी आदि सात नक्षत्र को पूर्वद्वारीय कहता है। जो कृतिकादि सात को पूर्वद्वारीय कहते हैं उनके मत से – मघादि सात दक्षिण द्वारीय हैं, अनुराधादि सात पश्चिमद्वारीय हैं और घनिष्ठादि सात उत्तरद्वारीय हैं। जो मघादि सात को पूर्वद्वारीय बताते हैं, उनके मतानुसार – अनुराधादि सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं, घनिष्ठादि सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं तथा कृतिकादि सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। जो घनिष्ठादि सात नक्षत्र को पूर्वद्वारीय बताते हैं, उनके मत से – कृतिकादि सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं, मघादि सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं और अनुराधादि सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। जो अश्विनी आदि सात नक्षत्र को पूर्वद्वारीय बताते हैं, उनके मत से – पुष्यादि सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं, स्वाति आदि सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं और अभिजीत आदि सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। जो भरणी आदि सात नक्षत्र को पूर्वद्वारीय बताते हैं, उनके मत से – आश्लेषादि सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं, विशाखादि सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं और श्रवणादि सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। भगवंत फरमाते हैं कि अभिजीत, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपदा, उत्तराभाद्रपदा और रेवती ये सात पूर्वद्वारीय हैं; अश्विनी, भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा और पुनर्वसु ये सात नक्षत्र दक्षिणद्वारीय हैं; पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त और चित्रा ये सात नक्षत्र पश्चिमद्वारीय हैं; स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा ये सात नक्षत्र उत्तरद्वारीय हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] ta kaham te jotisassa dara ahitati vadejja? Tattha khalu imao pamcha padivattio pannattao. Tatthege evamahamsu– Ta kattiyadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta–ege evamahamsu 1 Ege puna evamahamsu–ta mahadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta–ege evamahamsu 2 Ege puna evamahamsu–ta dhanitthadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta–ege evamahamsu 3 Ege puna evamahamsu–ta assiniyadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta–ege evamahamsu 4 ege puna evamahamsu–ta bharaniyadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta–ege evamahamsu 5. Tattha jete evamahamsu–ta kattiyadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta, te evamahamsu, tam jaha–kattiya rohini samthana adda punavvasu pusso assesa. Mahadiya nam satta nakkhatta dahinadariya pannatta, tam jaha–maha puvvaphagguni uttaraphagguni hattho chitta sati visaha. Anuradhadiya nam satta nakkhatta pachchhimadariya pannatta, tam jaha–anuradha jettha mulo puvvasadha uttarasadha abhii savano. Dhanitthadiya nam satta nakkhatta uttaradariya pannatta, tam jaha–dhanittha satabhisaya puvvapotthavaya uttarapotthavaya revati assini bharani. Tattha jete evamahamsu–ta mahadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta, te evamahamsu, tam jaha–maha puvvaphagguni uttaraphagguni hattho chitta sati visaha. Anuradhadiya nam satta nakkhatta dahinadariya pannatta, tam jaha–anuradha jettha mule puvvasadha uttarasadha abhii savane. Dhanitthadiya nam satta nakkhatta pachchhimadariya pannatta, tam jaha–dhanittha satabhisaya puvva-potthavaya uttarapotthavaya revati assini bharani. Kattiyadiya nam satta nakkhatta uttaradariya pannatta, tam jaha–kattiya rohini samthana adda punavvasu pusso assesa. Tattha jete evamahamsu–ta dhanitthadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta, te evamahamsu, tam jaha–dhanittha satabhisaya puvva bhaddavaya uttarabhaddavaya revati assini bharani. Kattiyadiya nam satta nakkhatta dahinadariya pannatta, tam jaha–kattiya rohini samthana adda punavvasu pusso assesa. Mahadiya nam satta nakkhatta pachchhimadariya pannatta, tam jaha–maha puvvaphagguni uttaraphagguni hattho chitta sati visaha. Anuradhadiya nam satta nakkhatta uttaradariya pannatta, tam jaha–anuradha jettha mulo puvvasadha uttarasadha abhii savano. Tattha jete evamahamsu–ta assiniyadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta, te evamahamsu, tam jaha–assini bharani kattiya rohini samthana adda punavvasu. Pussadiya nam satta nakkhatta dahinadariya pannatta, tam jaha–pusso assesa maha puvvaphagguni uttaraphagguni hattho chitta. Satiyadiya nam satta nakkhatta, pachchhimadariya pannatta, tam jaha–sati visaha anuradha jettha mulo puvvasadha uttarasadha. Abhiiyadiya nam satta nakkhatta uttaradariya pannatta, tam jaha–abhii savano dhanittha satabhisaya puvvabhaddavaya uttarabhaddavaya revati. Tattha jete evamahamsu–ta bharaniyadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta, te evamahamsu, tam jaha–bharani kattiya rohini samthana adda punavvasu pusso. Assesadiya nam satta nakkhatta dahinadariya pannatta, tam jaha–assesa maha puvvaphagguni uttara-phagguni hattho chitta sati. Visahadiya nam satta nakkhatta pachchhimadariya pannatta, tam jaha–visaha anuraha jettha mulo puvva-sadha uttarasadha abhii. Savanadiya nam satta nakkhatta uttaradariya pannatta, tam jaha–savano dhanittha satabhisaya puvvapotthavaya uttarapotthavaya revati assini–ege evamahamsu. Vayam puna evam vadamo–ta abhiiyadiya nam satta nakkhatta puvvadariya pannatta, tam jaha–abhii savano dhanittha satabhisaya puvvapotthavaya uttarapotthavaya revati. Assiniyadiya nam satta nakkhatta dahinadariya pannatta, tam jaha–assini bharani kattiya rohini samthana adda punavvasu. Pussadiya nam satta nakkhatta pachchhimadariya pannatta, tam jaha–pusso assesa maha puvvaphagguni uttaraphagguni hattho chitta. Satiyadiya nam satta nakkhatta uttaradariya pannatta, tam jaha–sati visaha anuraha jettha mule puvvasadha uttarasadha. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | He bhagavan ! Nakshatra jyotishka dvara kisa prakara se haim\? Isa vishaya mem yaha pamcha pratipattiyam haim. Eka kahata hai ki krittikadi sata nakshatra pamcha dvaravale haim, dusara maghadi sata ko purvadvariya kahata hai, tisara ghanishthadi sata ko, chautha ashvini adi sata ko aura pamchava bharani adi sata nakshatra ko purvadvariya kahata hai. Jo kritikadi sata ko purvadvariya kahate haim unake mata se – maghadi sata dakshina dvariya haim, anuradhadi sata pashchimadvariya haim aura ghanishthadi sata uttaradvariya haim. Jo maghadi sata ko purvadvariya batate haim, unake matanusara – anuradhadi sata nakshatra dakshinadvariya haim, ghanishthadi sata nakshatra pashchimadvariya haim tatha kritikadi sata nakshatra uttaradvariya haim. Jo ghanishthadi sata nakshatra ko purvadvariya batate haim, unake mata se – kritikadi sata nakshatra dakshinadvariya haim, maghadi sata nakshatra pashchimadvariya haim aura anuradhadi sata nakshatra uttaradvariya haim. Jo ashvini adi sata nakshatra ko purvadvariya batate haim, unake mata se – pushyadi sata nakshatra dakshinadvariya haim, svati adi sata nakshatra pashchimadvariya haim aura abhijita adi sata nakshatra uttaradvariya haim. Jo bharani adi sata nakshatra ko purvadvariya batate haim, unake mata se – ashleshadi sata nakshatra dakshinadvariya haim, vishakhadi sata nakshatra pashchimadvariya haim aura shravanadi sata nakshatra uttaradvariya haim. Bhagavamta pharamate haim ki abhijita, shravana, ghanishtha, shatabhisha, purvabhadrapada, uttarabhadrapada aura revati ye sata purvadvariya haim; ashvini, bharani, kritika, rohini, mrigashira, ardra aura punarvasu ye sata nakshatra dakshinadvariya haim; pushya, ashlesha, magha, purvaphalguni, uttaraphalguni, hasta aura chitra ye sata nakshatra pashchimadvariya haim; svati, vishakha, anuradha, jyeshtha, mula, purvasharha aura uttarasharha ye sata nakshatra uttaradvariya haim. |