Sutra Navigation: Suryapragnapti ( सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र )

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Sr No : 1007053
Scripture Name( English ): Suryapragnapti Translated Scripture Name : सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

प्राभृत-१०

Translated Chapter :

प्राभृत-१०

Section : प्राभृत-प्राभृत-१० Translated Section : प्राभृत-प्राभृत-१०
Sutra Number : 53 Category : Upang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] ता कहं ते नेता आहितेति वदेज्जा? ता वासाणं पढमं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता चत्तारि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–उत्तरासाढा अभिई सवणो धनिट्ठा। उत्तरासाढा चोद्दस अहोरत्ते नेति, अभिई सत्त अहोरत्ते नेति, सवणे अट्ठ अहोरत्ते नेति, धनिट्ठा एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि चउरंगुल-पोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पदाइं चत्तारि अंगुलाइं पोरिसी भवति। ता वासाणं दोच्चं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता चत्तारि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–धनिट्ठा सतभिसता पुव्वपोट्ठवया उत्तरपोट्ठवया। धनिट्ठा चोद्दस अहोरत्ते नेति, सतभिसता सत्त अहोरत्ते नेति, पुव्वपोट्ठवया अट्ठ अहोरत्ते नेति, उत्तरपोट्ठवया एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि अट्ठंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पदाइं अट्ठ अंगुलाइं पोरिसी भवति। ता वासाणं ततियं मासं कति नक्खत्ता नेंति, ता तिन्नि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–उत्तरापोट्ठवया रेवती अस्सिणी। उत्तरापोट्ठवया चोद्दस अहोरत्ते नेंति, रेवती पन्नरस अहोरत्ते नेंति, अस्सिणी एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि दुवालसंगुल-पोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाइं तिन्नि पदाइं पोरिसी भवति। ता वासाणं चउत्थं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता तिन्नि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–अस्सिणी भरणी कत्तिया। अस्सिणी चउद्दस अहोरत्ते नेति, भरणी पन्नरस अहोरत्ते नेति, कत्तिया एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि सोलसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिन्नि पदाइं चत्तारि अंगुलाइं पोरिसी भवति। ता हेमंताणं पढमं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता तिन्नि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–कत्तिया रोहिणी संठाणा। कत्तिया चोद्दस अहोरत्ते नेति, रोहिणी पन्नरस अहोरत्ते नेति, संठाणा एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिन्नि पदाइं अट्ठ अंगुलाइं पोरिसी भवइ। ता हेमंताणं दोच्चं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता चत्तारि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–संठाणा अद्दा पुनव्वसू पुस्सो। संठाणा चोद्दस अहोरत्ते नेति, अद्दा सत्त अहोरत्ते नेति, पुनव्वसू अट्ठ अहोरत्ते नेति, पुस्से एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि चउवीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाइं चत्तारि पदाइं पोरिसी भवति। ता हेमंताणं ततियं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता तिन्नि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–पुस्से अस्सेसा महा। पुस्से चोद्दस अहोरत्ते नेति, अस्सेसा पंचदस अहोरत्ते नेति, महा एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिन्नि पदाइं अट्ठंगुलाइं पोरिसी भवति। ता हेमंताणं चउत्थं मासं कति नक्खत्ता होंति? ता तिन्नि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी। महा चोद्दस अहोरत्ते नेति, पुव्वाफग्गुणी पन्नरस अहोरत्ते नेति, उत्तराफग्गुणी एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि सोलसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरि-यट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे तिन्नि पदाइं चत्तारि अंगुलाइं पोरिसी भवति। ता गिम्हाणं पढमं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता तिन्नि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता। उत्तराफग्गुणी चोद्दस अहोरत्ते नेंति, हत्थो पन्नरस अहोरत्ते नेति, चित्ता एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि दुवालसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाइं तिन्नि पदाइं पोरिसी भवति। ता गिम्हाणं बितियं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता तिन्नि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–चित्ता साती विसाहा। चित्ता चोद्दस अहोरत्ते नेति, साती पन्नरस अहोरत्ते नेति, विसाहा एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि अट्ठंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पदाइं अट्ठ अंगुलाइं पोरिसी भवति। ता गिम्हाणं ततियं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता चत्तारि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–विसाहा अनुराहा जेट्ठा मूलो। विसाहा चोद्दस अहोरत्ते नेति, अनुराहा सत्त अहोरत्ते नेति, जेट्ठा अट्ठ अहोरत्ते नेति, मूलो एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टइ, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे दो पदाणि चत्तारि अंगुलाइं पोरिसी भवति। ता गिम्हाणं चउत्थं मासं कति नक्खत्ता नेंति? ता तिन्नि नक्खत्ता नेंति, तं जहा–मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा। मूलो चोद्दस अहोरत्ते नेति, पुव्वासाढा पन्नरस अहोरत्ते नेति, उत्तरासाढा एगं अहोरत्तं नेति। तंसि च णं मासंसि वट्टाए समचउरंससंठिताए णग्गोहपरिमंडलाए सकायमणुरंगिणीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टति, तस्स णं मासस्स चरिमे दिवसे लेहट्ठाइं दो पदाइं पोरिसी भवति।
Sutra Meaning : नक्षत्ररूप नेता किस प्रकार से कहे हैं ? वर्षा के प्रथम याने श्रावण मास को कितने नक्षत्र पूर्ण करते हैं ? चार – उत्तराषाढ़ा, अभिजीत, श्रवण और घनिष्ठा। उत्तराषाढ़ा चौदह अहोरात्र से, अभिजीत सात अहोरात्र से, श्रवण आठ और घनिष्ठा एक अहोरात्र से स्वयं अस्त होकर श्रावण मास को पूर्ण करते हैं। श्रावण मास में चार अंगुल पौरुषी छाया से सूर्य वापस लौटता है, उसके अन्तिम दिनों में दो पाद और चार अंगुल पौरुषी होती है। इसी प्रकार भाद्रपद मास को घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा तथा उत्तराभाद्रपद समाप्त करते हैं, इन नक्षत्र के क्रमशः अहोरात्र चौद, सात, आठ और एक हैं, भाद्रपद मास की पौरुषी छाया आठ अंगुल और चरिमदिन की दो पाद और आठ अंगुल। आसो मास को उत्तराभाद्रपद, रेवती और अश्विनी नक्षत्र क्रमशः चौदह, पन्द्रह और एक अहोरात्र से पूर्ण करते हैं, पौरुषी छाया प्रमाण बारह अंगुल और अन्तिमदिन का तीन पाद। कार्तिक मास को अश्विनी, भरणी और कृतिका क्रमशः चौद, पन्द्रह और एक अहोरात्र से पूर्ण करते हैं, पौरुषी छाया प्रमाण सोलह अंगुल और अन्तिम दिन का तीन पाद चार अंगुल। हेमन्त के प्रथम याने मार्गशिर्ष मास को कृतिका, रोहिणी और संस्थान (मृगशीर्ष) नक्षत्र क्रमशः चौदह, पन्द्रह और एक अहोरात्र से स्वयं अस्त होकर पूर्ण करते हैं, मागशीर्ष मास की पौरुषी छाया प्रमाण त्रिपाद एवं आठ अंगुल हैं। पौष मास को मृगशिर्ष, आर्द्रा, पुनर्वसु और पुष्य क्रमशः, चौद, सात, आठ और एक अहोरात्र से पूर्ण करते हैं, पौरुषी छाया प्रमाण चौबीस अंगुल और अन्तिम दिन का चारपादा माघ मास को पुष्य, आश्लेषा और मघा नक्षत्र क्रमशः चौदह, पन्द्रह और एक अहोरात्र से पूर्ण करते हैं, पौरुषी छाया प्रमाण बीस अंगुल और अन्तिम दिन का त्रिपाद – आठ अंगुल। फाल्गुन मास को मघा, पूर्वा और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र क्रमशः चौदह, पन्द्रह और एक अहोरात्र से पूर्ण करते हैं, पौरुषी छाया प्रमाण १६ अंगुल और अन्तिम दिन का त्रिपाद एवं ४ अंगुल। ग्रीष्म के प्रथम याने चैत्र मास को उत्तराफाल्गुनी, हस्त और चित्रा नक्षत्र क्रमशः चौदह, पन्द्रह और एक अहोरात्र से स्वयं अस्त होकर पूर्ण करते हैं, चैत्र मास की पौरुषी छाया का प्रमाण बारह अंगुल का है और उसके अन्तिम दिन में त्रिपाद प्रमाण पौरुषी होती है। वैशाख मास को चित्रा, स्वाति और विशाखा नक्षत्र चौदह, पन्द्रह और एक अहोरात्र से पूर्ण करते हैं, पौरुषी छाया प्रमाण आठ अंगुल और अन्तिम दिन का दो पाद एवं आठ अंगुल। ज्येष्ठ मास को विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र क्रमशः चौदह, सात, आठ और एक अहोरात्र से पूर्ण करते हैं, पौरुषी छाया प्रमाण चार अंगुल और अन्तिम दिने द्विपाद चार अंगुल पौरुषी। अषाढ़ मास को मूल, पूर्वा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र चौदह, पन्द्रह और एक अहोरात्र से पूर्ण करते हैं, पौरुषी छाया प्रमाण वृत्ताकार, समचतुरस्र, न्यग्रोध परिमंडलाकार हैं और अन्तिम दिन को द्विपाद पौरुषी होती है।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] ta kaham te neta ahiteti vadejja? Ta vasanam padhamam masam kati nakkhatta nemti? Ta chattari nakkhatta nemti, tam jaha–uttarasadha abhii savano dhanittha. Uttarasadha choddasa ahoratte neti, abhii satta ahoratte neti, savane attha ahoratte neti, dhanittha egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi chauramgula-porisie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase do padaim chattari amgulaim porisi bhavati. Ta vasanam dochcham masam kati nakkhatta nemti? Ta chattari nakkhatta nemti, tam jaha–dhanittha satabhisata puvvapotthavaya uttarapotthavaya. Dhanittha choddasa ahoratte neti, satabhisata satta ahoratte neti, puvvapotthavaya attha ahoratte neti, uttarapotthavaya egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi atthamgulaporisie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase do padaim attha amgulaim porisi bhavati. Ta vasanam tatiyam masam kati nakkhatta nemti, ta tinni nakkhatta nemti, tam jaha–uttarapotthavaya revati assini. Uttarapotthavaya choddasa ahoratte nemti, revati pannarasa ahoratte nemti, assini egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi duvalasamgula-porisie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase lehatthaim tinni padaim porisi bhavati. Ta vasanam chauttham masam kati nakkhatta nemti? Ta tinni nakkhatta nemti, tam jaha–assini bharani kattiya. Assini chauddasa ahoratte neti, bharani pannarasa ahoratte neti, kattiya egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi solasamgulaporisie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase tinni padaim chattari amgulaim porisi bhavati. Ta hemamtanam padhamam masam kati nakkhatta nemti? Ta tinni nakkhatta nemti, tam jaha–kattiya rohini samthana. Kattiya choddasa ahoratte neti, rohini pannarasa ahoratte neti, samthana egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi visamgulaporisie chhayae surie anupariyattai, tassa nam masassa charime divase tinni padaim attha amgulaim porisi bhavai. Ta hemamtanam dochcham masam kati nakkhatta nemti? Ta chattari nakkhatta nemti, tam jaha–samthana adda punavvasu pusso. Samthana choddasa ahoratte neti, adda satta ahoratte neti, punavvasu attha ahoratte neti, pusse egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi chauvisamgulaporisie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase lehatthaim chattari padaim porisi bhavati. Ta hemamtanam tatiyam masam kati nakkhatta nemti? Ta tinni nakkhatta nemti, tam jaha–pusse assesa maha. Pusse choddasa ahoratte neti, assesa pamchadasa ahoratte neti, maha egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi visamgulaporisie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase tinni padaim atthamgulaim porisi bhavati. Ta hemamtanam chauttham masam kati nakkhatta homti? Ta tinni nakkhatta nemti, tam jaha–maha puvvaphagguni uttaraphagguni. Maha choddasa ahoratte neti, puvvaphagguni pannarasa ahoratte neti, uttaraphagguni egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi solasamgulaporisie chhayae surie anupari-yattati, tassa nam masassa charime divase tinni padaim chattari amgulaim porisi bhavati. Ta gimhanam padhamam masam kati nakkhatta nemti? Ta tinni nakkhatta nemti, tam jaha–uttaraphagguni hattho chitta. Uttaraphagguni choddasa ahoratte nemti, hattho pannarasa ahoratte neti, chitta egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi duvalasamgulaporisie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase lehatthaim tinni padaim porisi bhavati. Ta gimhanam bitiyam masam kati nakkhatta nemti? Ta tinni nakkhatta nemti, tam jaha–chitta sati visaha. Chitta choddasa ahoratte neti, sati pannarasa ahoratte neti, visaha egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi atthamgulaporisie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase do padaim attha amgulaim porisi bhavati. Ta gimhanam tatiyam masam kati nakkhatta nemti? Ta chattari nakkhatta nemti, tam jaha–visaha anuraha jettha mulo. Visaha choddasa ahoratte neti, anuraha satta ahoratte neti, jettha attha ahoratte neti, mulo egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi chauramgulaporisie chhayae surie anupariyattai, tassa nam masassa charime divase do padani chattari amgulaim porisi bhavati. Ta gimhanam chauttham masam kati nakkhatta nemti? Ta tinni nakkhatta nemti, tam jaha–mulo puvvasadha uttarasadha. Mulo choddasa ahoratte neti, puvvasadha pannarasa ahoratte neti, uttarasadha egam ahorattam neti. Tamsi cha nam masamsi vattae samachauramsasamthitae naggohaparimamdalae sakayamanuramginie chhayae surie anupariyattati, tassa nam masassa charime divase lehatthaim do padaim porisi bhavati.
Sutra Meaning Transliteration : Nakshatrarupa neta kisa prakara se kahe haim\? Varsha ke prathama yane shravana masa ko kitane nakshatra purna karate haim\? Chara – uttarasharha, abhijita, shravana aura ghanishtha. Uttarasharha chaudaha ahoratra se, abhijita sata ahoratra se, shravana atha aura ghanishtha eka ahoratra se svayam asta hokara shravana masa ko purna karate haim. Shravana masa mem chara amgula paurushi chhaya se surya vapasa lautata hai, usake antima dinom mem do pada aura chara amgula paurushi hoti hai. Isi prakara bhadrapada masa ko ghanishtha, shatabhisha, purva tatha uttarabhadrapada samapta karate haim, ina nakshatra ke kramashah ahoratra chauda, sata, atha aura eka haim, bhadrapada masa ki paurushi chhaya atha amgula aura charimadina ki do pada aura atha amgula. Aso masa ko uttarabhadrapada, revati aura ashvini nakshatra kramashah chaudaha, pandraha aura eka ahoratra se purna karate haim, paurushi chhaya pramana baraha amgula aura antimadina ka tina pada. Kartika masa ko ashvini, bharani aura kritika kramashah chauda, pandraha aura eka ahoratra se purna karate haim, paurushi chhaya pramana solaha amgula aura antima dina ka tina pada chara amgula. Hemanta ke prathama yane margashirsha masa ko kritika, rohini aura samsthana (mrigashirsha) nakshatra kramashah chaudaha, pandraha aura eka ahoratra se svayam asta hokara purna karate haim, magashirsha masa ki paurushi chhaya pramana tripada evam atha amgula haim. Pausha masa ko mrigashirsha, ardra, punarvasu aura pushya kramashah, chauda, sata, atha aura eka ahoratra se purna karate haim, paurushi chhaya pramana chaubisa amgula aura antima dina ka charapada magha masa ko pushya, ashlesha aura magha nakshatra kramashah chaudaha, pandraha aura eka ahoratra se purna karate haim, paurushi chhaya pramana bisa amgula aura antima dina ka tripada – atha amgula. Phalguna masa ko magha, purva aura uttara phalguni nakshatra kramashah chaudaha, pandraha aura eka ahoratra se purna karate haim, paurushi chhaya pramana 16 amgula aura antima dina ka tripada evam 4 amgula. Grishma ke prathama yane chaitra masa ko uttaraphalguni, hasta aura chitra nakshatra kramashah chaudaha, pandraha aura eka ahoratra se svayam asta hokara purna karate haim, chaitra masa ki paurushi chhaya ka pramana baraha amgula ka hai aura usake antima dina mem tripada pramana paurushi hoti hai. Vaishakha masa ko chitra, svati aura vishakha nakshatra chaudaha, pandraha aura eka ahoratra se purna karate haim, paurushi chhaya pramana atha amgula aura antima dina ka do pada evam atha amgula. Jyeshtha masa ko vishakha, anuradha, jyeshtha aura mula nakshatra kramashah chaudaha, sata, atha aura eka ahoratra se purna karate haim, paurushi chhaya pramana chara amgula aura antima dine dvipada chara amgula paurushi. Asharha masa ko mula, purva aura uttarasharha nakshatra chaudaha, pandraha aura eka ahoratra se purna karate haim, paurushi chhaya pramana vrittakara, samachaturasra, nyagrodha parimamdalakara haim aura antima dina ko dvipada paurushi hoti hai.