Sutra Navigation: Suryapragnapti ( सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र )

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Sr No : 1007029
Scripture Name( English ): Suryapragnapti Translated Scripture Name : सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

प्राभृत-१

Translated Chapter :

प्राभृत-१

Section : प्राभृत-प्राभृत-७ Translated Section : प्राभृत-प्राभृत-७
Sutra Number : 29 Category : Upang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] ता कहं ते मंडलसंठिती आहितेति वएज्जा? तत्थ खलु इमाओ अट्ठ पडिवत्तीओ पन्नत्ताओ। तत्थ एगे एवमाहंसु–ता सव्वावि मंडलवता समचउरंससंठाणसंठिता पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु १ एगे पुण एवमाहंसु–ता सव्वावि मंडलवता विसमचउ-रंससंठाणसंठिता पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु २ एगे पुण एवमाहंसु–ता सव्वावि मंडलवता समचउक्कोणसंठिता पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ३ एगे पुण एवमाहंसु–ता सव्वावि मंडलवता विसमचउक्कोणसंठिता पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ४ एगे पुण एवमाहंसु–ता सव्वावि मंडलवता समचक्कवालसंठिता पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ५ एगे पुण एवमाहंसु–ता सव्वावि मंडलवता विसमचक्कवालसं-ठिता पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ६ एगे पुण एवमाहंसु–तासव्वावि मंडलवता चक्कद्धचक्कवालसंठिता पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ७ एगे पुण एवमाहंसु–ता सव्वावि मंडलवता छत्तागारसंठिता पन्नत्ता–एगे एवमाहंसु ८ तत्थ जेते एवमाहंसु–ता सव्वावि मंडलवता छत्तागारसंठिता पन्नत्ता, एतेणं नएणं नायव्वं, नो चेव णं इतरेहिं, पाहुडगाहाओ भाणियव्वाओ।
Sutra Meaning : हे भगवन्‌ ! मंडलों की संस्थिति क्या है ? मंडल संस्थिति सम्बन्ध में आठ प्रतिपत्तियाँ हैं। कोई एक कहता है कि सर्व मंडल की संस्थिति समचतुरस्र है। कोई इसे विषम चतुरस्र संस्थानवाली बताते हैं। कोई समचतुष्कोण की तो कोई चौथा उसे विषम चतुष्कोण की कहता है। कोई पाँचवा उसे समचक्रवाल बताता है तो कोई विषम – चक्रवाल संस्थित कहते हैं। सातवां अर्धचक्रवाल संस्थित कहता है तो आठवां मतवादी उसे छत्राकार बताते हैं। इन सब में जो मंडल की संस्थिति को छत्राकार बताते हैं वह मेरे मत से तुल्य हैं। यह कथन पूर्वोक्त नयरूप उपाय से ठीक तरह समझ लेना।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] ta kaham te mamdalasamthiti ahiteti vaejja? Tattha khalu imao attha padivattio pannattao. Tattha ege evamahamsu–ta savvavi mamdalavata samachauramsasamthanasamthita pannatta–ege evamahamsu 1 Ege puna evamahamsu–ta savvavi mamdalavata visamachau-ramsasamthanasamthita pannatta–ege evamahamsu 2 Ege puna evamahamsu–ta savvavi mamdalavata samachaukkonasamthita pannatta–ege evamahamsu 3 Ege puna evamahamsu–ta savvavi mamdalavata visamachaukkonasamthita pannatta–ege evamahamsu 4 Ege puna evamahamsu–ta savvavi mamdalavata samachakkavalasamthita pannatta–ege evamahamsu 5 Ege puna evamahamsu–ta savvavi mamdalavata visamachakkavalasam-thita pannatta–ege evamahamsu 6 Ege puna evamahamsu–tasavvavi mamdalavata chakkaddhachakkavalasamthita pannatta–ege evamahamsu 7 Ege puna evamahamsu–ta savvavi mamdalavata chhattagarasamthita pannatta–ege evamahamsu 8 Tattha jete evamahamsu–ta savvavi mamdalavata chhattagarasamthita pannatta, etenam naenam nayavvam, no cheva nam itarehim, pahudagahao bhaniyavvao.
Sutra Meaning Transliteration : He bhagavan ! Mamdalom ki samsthiti kya hai\? Mamdala samsthiti sambandha mem atha pratipattiyam haim. Koi eka kahata hai ki sarva mamdala ki samsthiti samachaturasra hai. Koi ise vishama chaturasra samsthanavali batate haim. Koi samachatushkona ki to koi chautha use vishama chatushkona ki kahata hai. Koi pamchava use samachakravala batata hai to koi vishama – chakravala samsthita kahate haim. Satavam ardhachakravala samsthita kahata hai to athavam matavadi use chhatrakara batate haim. Ina saba mem jo mamdala ki samsthiti ko chhatrakara batate haim vaha mere mata se tulya haim. Yaha kathana purvokta nayarupa upaya se thika taraha samajha lena.