Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006191 | ||
Scripture Name( English ): | Jivajivabhigam | Translated Scripture Name : | जीवाभिगम उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
सर्व जीव प्रतिपत्ति |
Translated Chapter : |
सर्व जीव प्रतिपत्ति |
Section : | ४ थी ९ पंचविध यावत् दशविध सर्वजीव | Translated Section : | ४ थी ९ पंचविध यावत् दशविध सर्वजीव |
Sutra Number : | 391 | Category : | Upang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] तत्थ णं जेते एवमाहंसु सत्तविधा सव्वजीवा पन्नत्ता ते एवमाहंसु, तं जहा–पुढविकाइया आउकाइया तेउकाइया वाउकाइया वणस्सतिकाइया तसकाइया अकाइया। संचिट्ठणंतरा जहा हेट्ठा। अप्पाबहुयं–सव्वत्थोवा तसकाइया, तेउकाइया असंखेज्जगुणा, पुढविकाइया विसेसाहिया, आउकाइया विसेसाहिया, वाउकाइया विसेसाहिया, अकाइया अनंतगुणा, वणस्सइकाइया अनंतगुणा। | ||
Sutra Meaning : | जो ऐसा कहते हैं कि सब जीव सात प्रकार के हैं, वे ऐसा प्रतिपादन करते हैं, यथा – पृथ्वीकायिक, अप् – कायिक, तेजस्कायिक, वायुकायिक, वनस्पतिकायिक, त्रसकायिक और अकायिक। इनकी संचिट्ठणा और अन्तर पहले कहे जा चूके हैं। अल्पबहुत्व – सबसे थोड़े त्रसकायिक, उनसे तेजस्कायिक असंख्यातगुण, उनसे पृथ्वी – कायिक विशेषाधिक, उनसे अप्कायिक विशेषाधिक, उनसे वायुकायिक विशेषाधिक, उनसे अकायिक अनन्तगुण और उनसे वनस्पतिकायिक अनन्तगुण हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] tattha nam jete evamahamsu sattavidha savvajiva pannatta te evamahamsu, tam jaha–pudhavikaiya aukaiya teukaiya vaukaiya vanassatikaiya tasakaiya akaiya. Samchitthanamtara jaha hettha. Appabahuyam–savvatthova tasakaiya, teukaiya asamkhejjaguna, pudhavikaiya visesahiya, aukaiya visesahiya, vaukaiya visesahiya, akaiya anamtaguna, vanassaikaiya anamtaguna. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jo aisa kahate haim ki saba jiva sata prakara ke haim, ve aisa pratipadana karate haim, yatha – prithvikayika, ap – kayika, tejaskayika, vayukayika, vanaspatikayika, trasakayika aura akayika. Inaki samchitthana aura antara pahale kahe ja chuke haim. Alpabahutva – sabase thore trasakayika, unase tejaskayika asamkhyataguna, unase prithvi – kayika visheshadhika, unase apkayika visheshadhika, unase vayukayika visheshadhika, unase akayika anantaguna aura unase vanaspatikayika anantaguna haim. |