Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006181 | ||
Scripture Name( English ): | Jivajivabhigam | Translated Scripture Name : | जीवाभिगम उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
सर्व जीव प्रतिपत्ति |
Translated Chapter : |
सर्व जीव प्रतिपत्ति |
Section : | त्रिविध सर्वजीव | Translated Section : | त्रिविध सर्वजीव |
Sutra Number : | 381 | Category : | Upang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] अहवा तिविहा सव्वजीवा तं जहा तसा थावरा नोतसानोथावरा तसे णं भंते कालओ अजहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साइं साइरेगाइं थावरस्स संचिट्ठणा वणस्सतिकालो नोतस-नोथावरा सातीए अपज्जवसिए तसस्स अंतरं वणस्सतिकालो थावरस्स तसकालो नोतसनोथावरस्स नत्थि अंतरं अप्पाबहुगं सव्वत्थोवा तसा, नोतसानोथावरा अनंतगुणा, थावरा अनंत गुणा, से तं तिविधा सव्वजीवा। | ||
Sutra Meaning : | अथवा सर्व जीव तीन प्रकार के हैं – त्रस, स्थावर और नोत्रस – नोस्थावर। त्रस, त्रस के रूप में जघन्य अन्त – र्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट साधिक दो हजार सागरोपम तक रहता है। स्थावर, स्थावर के रूप में वनस्पतिकाल पर्यन्त रहता है। नोत्रस – नोस्थावर सादि – अपर्यवसित हैं। त्रस का अन्तर वनस्पतिकाल है और स्थावर का अन्तर साधिक दो हजार सागरोपम है। नोत्रस – नोस्थावर का अन्तर नहीं है। अल्पबहुत्व में सबसे थोड़े त्रस हैं, उनसे नोत्रस – नोस्थावर अनन्तगुण हैं और उनसे स्थावर अनन्तगुण हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] ahava tiviha savvajiva tam jaha tasa thavara notasanothavara tase nam bhamte kalao ajahannenam amtomuhuttam ukkosenam do sagarovamasahassaim sairegaim thavarassa samchitthana vanassatikalo notasa-nothavara satie apajjavasie tasassa amtaram vanassatikalo thavarassa tasakalo notasanothavarassa natthi amtaram appabahugam savvatthova tasa, notasanothavara anamtaguna, thavara anamta guna, se tam tividha savvajiva. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Athava sarva jiva tina prakara ke haim – trasa, sthavara aura notrasa – nosthavara. Trasa, trasa ke rupa mem jaghanya anta – rmuhurtta aura utkrishta sadhika do hajara sagaropama taka rahata hai. Sthavara, sthavara ke rupa mem vanaspatikala paryanta rahata hai. Notrasa – nosthavara sadi – aparyavasita haim. Trasa ka antara vanaspatikala hai aura sthavara ka antara sadhika do hajara sagaropama hai. Notrasa – nosthavara ka antara nahim hai. Alpabahutva mem sabase thore trasa haim, unase notrasa – nosthavara anantaguna haim aura unase sthavara anantaguna haim. |