Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006156 | ||
Scripture Name( English ): | Jivajivabhigam | Translated Scripture Name : | जीवाभिगम उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
षडविध जीव प्रतिपत्ति |
Translated Chapter : |
षडविध जीव प्रतिपत्ति |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 356 | Category : | Upang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] बायरस्स णं भंते! केवतियं कालं ठिती पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता एवं बायरतसकाइयस्सवि बायरपुढवीकाइयस्स बावीस वाससहस्साइं बायरआउस्स सत्तवाससहस्सं बायरतेउस्स तिन्नि राइंदिया बायरवाउस्स तिन्नि वाससहस्साइं बायरवण दस वाससहस्साइं एवं पत्तेयसरीरबादरस्सवि निओयस्स जहन्नेणवि उक्कोसेणवि अंतोमु, एवं बायरनिओयस्सवि अपज्जत्तगाणं सव्वेसिं अंतोमुहुत्तं पज्जत्तगाणं उक्कोसिया ठिई अंतोमुहुत्तूणा कायव्वा सव्वेसिं, बादरपुढविकाइयस्स बावीसं वाससहस्साइं, बादरआउकाइयस्स सत्त वाससहस्साइं, बादरतेउकाइयस्स तिन्नि राइंदियाइं, बादरवाउकाइयस्स तिन्नि वाससहस्साइं, बादरवणस्सतिकाइयस्स दसवाससहस्साइं, पत्तेयबादरवणस्सतिकाइयस्स दस वाससहस्साइं, निओदस्स बादरनिओदस्स य अंतोमुहुत्तं जहन्नुक्कस्स, बादरतसकाइयस्स तेत्तीसं सागरोवमाइं, अपज्जत्ताणं सव्वेसिं अंतोमुहुत्तं, पज्जत्ताणं उक्कोसा अंतोमुहुत्तूणा। निओदस्स बादरनिओदस्स य पज्जत्ताणं अंतोमुहुत्तं जहन्नेणवि उक्कोसेणवि। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! बादर की स्थिति कितनी है ? गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट तेंतीस सागरोपम। बादर त्रसकाय की भी यही स्थिति है। बादर पृथ्वीकाय की २२००० वर्ष की, बादर अप्कायिकों की ७००० वर्ष की, बादर तेजस्काय की तीन अहोरात्र की, बादर वायुकाय की ३००० वर्ष की और बादर वनस्पति की १०००० वर्ष की उत्कृष्ट स्थिति है। इसी तरह प्रत्येकशरीर बादर की भी यही स्थिति है। निगोद की जघन्य से भी और उत्कृष्ट से भी अन्तर्मुहूर्त्त की ही स्थिति है। सब अपर्याप्त बादरों की स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त है और सब पर्याप्तों की उत्कृष्ट स्थिति उनकी कुल स्थिति में से अन्तर्मुहूर्त्त कम करके कहना। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] bayarassa nam bhamte! Kevatiyam kalam thiti pannatta? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam tettisam sagarovamaim thii pannatta evam bayaratasakaiyassavi bayarapudhavikaiyassa bavisa vasasahassaim bayaraaussa sattavasasahassam bayarateussa tinni raimdiya bayaravaussa tinni vasasahassaim bayaravana dasa vasasahassaim evam patteyasarirabadarassavi nioyassa jahannenavi ukkosenavi amtomu, evam bayaranioyassavi apajjattaganam savvesim amtomuhuttam pajjattaganam ukkosiya thii amtomuhuttuna kayavva savvesim, badarapudhavikaiyassa bavisam vasasahassaim, badaraaukaiyassa satta vasasahassaim, badarateukaiyassa tinni raimdiyaim, badaravaukaiyassa tinni vasasahassaim, badaravanassatikaiyassa dasavasasahassaim, patteyabadaravanassatikaiyassa dasa vasasahassaim, niodassa badaraniodassa ya amtomuhuttam jahannukkassa, badaratasakaiyassa tettisam sagarovamaim, apajjattanam savvesim amtomuhuttam, pajjattanam ukkosa amtomuhuttuna. Niodassa badaraniodassa ya pajjattanam amtomuhuttam jahannenavi ukkosenavi. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Badara ki sthiti kitani hai\? Gautama ! Jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta temtisa sagaropama. Badara trasakaya ki bhi yahi sthiti hai. Badara prithvikaya ki 22000 varsha ki, badara apkayikom ki 7000 varsha ki, badara tejaskaya ki tina ahoratra ki, badara vayukaya ki 3000 varsha ki aura badara vanaspati ki 10000 varsha ki utkrishta sthiti hai. Isi taraha pratyekasharira badara ki bhi yahi sthiti hai. Nigoda ki jaghanya se bhi aura utkrishta se bhi antarmuhurtta ki hi sthiti hai. Saba aparyapta badarom ki sthiti antarmuhurtta hai aura saba paryaptom ki utkrishta sthiti unaki kula sthiti mem se antarmuhurtta kama karake kahana. |