Sutra Navigation: Antkruddashang ( अंतकृर्द्दशांगसूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1005258 | ||
Scripture Name( English ): | Antkruddashang | Translated Scripture Name : | अंतकृर्द्दशांगसूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
वर्ग-८ कालि आदि अध्ययन-१ थी १० |
Translated Chapter : |
वर्ग-८ कालि आदि अध्ययन-१ थी १० |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 58 | Category : | Ang-08 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] एवं–पिउसेनकण्हा वि, नवरं–मुत्तावलिं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं जहा– चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। छट्ठं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। दुवालसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चोद्दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठारसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। वीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। बावीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउवीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। छव्वीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। अट्ठावीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। बत्तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चोत्तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। बत्तीसइमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। एवं तहेव ओसारेइ जाव चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ। एक्काए कालो एक्कारस मासा पन्नरस य दिवसा। चउण्हं तिन्नि वरिसा दस य मासा। सेसं जाव सिद्धा। | ||
Sutra Meaning : | पितृसेनकृष्णा का चरित्र भी आर्या काली की तरह समझना। विशेष यह कि पितृसेनकृष्णा ने मुक्तावली तप अंगीकार किया है – उपवास किया, करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके बेला, फिर उपवास, फिर तेला, फिर उपवास, फिर चौला, फिर उपवास और पचौला, फिर उपवास और छह, फिर उपवास और सात, इसी तरह क्रमशः बढ़ते बढ़ते उपवास और पंद्रह उपवास तक किए सब के बीच में पारणा सर्वकामगुणित किए। इस प्रकार जिस क्रम से उपवास बढ़ाए जाते हैं उसी क्रम से उतारते जाते हैं यावत् अन्त में उपवास करके सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया जाता है। इस तरह यह एक परिपाटी हुई। एक परिपाटी का काल ग्यारह माह और पन्द्रह दिन होते हैं। ऐसी चार परिपाटियाँ इस तप में होती हैं। इन चारों परिपाटियों में तीन वर्ष और दस मास का समय लगता है। शेष वर्णन पूर्ववत्। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] evam–piusenakanha vi, navaram–muttavalim tavokammam uvasampajjitta nam viharai, tam jaha– Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chhattham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Atthamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Dasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Duvalasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Choddasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Solasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Attharasamam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Visaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Bavisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauvisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chhavvisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Atthavisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Tisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Battisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chottisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Battisaimam karei, karetta savvakamaguniyam parei. Evam taheva osarei java chauttham karei, karetta savvakamaguniyam parei. Ekkae kalo ekkarasa masa pannarasa ya divasa. Chaunham tinni varisa dasa ya masa. Sesam java siddha. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Pitrisenakrishna ka charitra bhi arya kali ki taraha samajhana. Vishesha yaha ki pitrisenakrishna ne muktavali tapa amgikara kiya hai – upavasa kiya, karake sarvakamagunayukta parana kiya, karake bela, phira upavasa, phira tela, phira upavasa, phira chaula, phira upavasa aura pachaula, phira upavasa aura chhaha, phira upavasa aura sata, isi taraha kramashah barhate barhate upavasa aura pamdraha upavasa taka kie saba ke bicha mem parana sarvakamagunita kie. Isa prakara jisa krama se upavasa barhae jate haim usi krama se utarate jate haim yavat anta mem upavasa karake sarvakamagunayukta parana kiya jata hai. Isa taraha yaha eka paripati hui. Eka paripati ka kala gyaraha maha aura pandraha dina hote haim. Aisi chara paripatiyam isa tapa mem hoti haim. Ina charom paripatiyom mem tina varsha aura dasa masa ka samaya lagata hai. Shesha varnana purvavat. |