Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1004263 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-१९ |
Translated Chapter : |
शतक-१९ |
Section : | उद्देशक-३ पृथ्वी | Translated Section : | उद्देशक-३ पृथ्वी |
Sutra Number : | 763 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] एयस्स णं भंते! पुढविकाइयस्स आउक्काइयस्स तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स वणस्सइकाइयस्स य कयरे काये सव्व-सुहुमे? कयरे काए सव्वसुहुमतराए? गोयमा! वणस्सइकाए सव्वसुहुमे, वणस्सइकाए सव्वसुहुमतराए। एयस्स णं भंते! पुढविकाइयस्स आउक्काइयस्स तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स य कयरे काये सव्वसुहुमे? कयरे काये सव्वसुहुमतराए? गोयमा! वाउक्काए सव्वसुहुमे, वाउक्काए सव्वसुहुमतराए। एयस्स णं भंते! पुढविकाइयस्स आउक्काइयस्स तेउक्काइयस्स य कयरे काये सव्वसुहुमे? कयरे काये सव्वसुहुम-तराए? गोयमा! तेउक्काए सव्वसुहुमे, तेउक्काए सव्वसुहुमतराए। एयस्स णं भंते! पुढविक्काइयस्स आउक्काइयस्स य कयरे काये सव्वसुहुमे? कयरे काये सव्वसुहुमतराए? गोयमा! आउक्काए सव्वसुहुमे, आउक्काए सव्वसुहुमतराए। एयस्स णं भंते! पुढविक्काइयस्स आउक्काइयस्स तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स वणस्सइकाइ-यस्स य कयरे काये सव्व-बादरे? कयरे काये सव्वबादरतराए? गोयमा! वणस्सइकाए सव्वबादरे, वणस्सइकाए सव्वबादरतराए। एयस्स णं भंते! पुढविकाइयस्स आउकाइयस्स तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स य कयरे काए सव्वबादरे? कयरे काए सव्वबादरतराए? गोयमा! पुढविक्काए सव्वबादरे, पुढविक्काए सव्वबादरतराए। एयस्स णं भंते! आउक्काइयस्स तेउक्काइयस्स वाउकाइयस्स य कयरे काए सव्वबादरे? कयरे काए सव्वबादरतराए गोयमा! आउक्काए सव्वबादरे, आउक्काए सव्वबादरतराए। एयस्स णं भंते! तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स य कयरे काए सव्वबादरे? कयरे काए सव्वबादरतराए? गोयमा! तेउक्काए सव्वबादरे, तेउक्काए सव्वबादरतराए। केमहालए णं भंते! पुढविसरीरे पन्नत्ते? गोयमा! अनंताणं सुहुमवणस्सइकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे सुहुमवाउसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमवाउसरीराणं जावइया सरीरा से एगे सुहुमतेउसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमतेउ-काइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे सुहुमे आउसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमआउक्काइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे सुहुमे पुढविसरीरे, असंखेज्जाणं सुहुमपुढविकाइयसरीराणं जावइया सरीरा से एगे बादरवाउसरीरे, असंखेज्जाणं बादरवाउक्काइयाणं जावइया सरीरा से एगे बादरतेउसरीरे, असंखेज्जाणं बादरतेउकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे बादरआउसरीरे, असंखेज्जाणं बादर-आउकाइयाणं जावइया सरीरा से एगे बादरपुढविसरीरे। एमहालए णं गोयमा! पुढविसरीरे पन्नत्ते। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक, इन पाँचों में से कौन – सी काय सब से सूक्ष्म है और कौन – सी सूक्ष्मतर है ? गौतम ! वनस्पतिकाय सबसे सूक्ष्म है, सबसे सूक्ष्मतर है। भगवन् ! पृथ्वीकायिक यावत् वायु – कायिक, इन चारों में से कौन – सी काय सबसे सूक्ष्म है और कौन – सी सूक्ष्मतर है ? गौतम ! वायुकाय सब – से सूक्ष्म है, वायुकाय ही सबसे सूक्ष्मतर है। भगवन् ! पृथ्वीकायिक यावत् अग्निकायिक, कौन सी काय सबसे सूक्ष्म है, कौन – सी सूक्ष्मतर है ? गौतम ! अग्निकाय सबसे सूक्ष्म है, अग्निकाय ही सर्वसूक्ष्मतर है। भगवन् ! पृथ्वीकायिक और अप्कायिक इन दोनों में से कौन – सी काय सबसे सूक्ष्म है, कौन – सी सर्वसूक्ष्मतर है ? गौतम ! अप्काय सबसे सूक्ष्म और सर्वसूक्ष्मतर है। भगवन् ! इन पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक में से कौन सी काय सबसे बादर है, कौन – सी काय सर्वबादरतर है ? गौतम ! वनस्पतिकाय सर्वबादर है, वनस्पतिकाय ही सबसे अधिक बादर है। भगवन् ! पृथ्वी – कायिक यावत् वायुकायिक, इन चारों में से कौन – सी काय सबसे बादर है, कौन – सी बादरतर है ? गौतम ! पृथ्वी – काय सबसे बादर है, पृथ्वीकाय ही बादरतर है। भगवन् ! अप्काय, तेजस्काय और वायुकाय इन तीनों में से कौन – सी काय सर्वबादर है, कौन – सी बादरतर है ? गौतम ! अप्काय सर्वबादर है, अप्काय ही बादरतर है। भगवन् ! अग्निकाय और वायुकाय, इन दोनों कायों में से कौन – सी काय सबसे बादर है, कौन – सी बादरतर है ? गौतम ! अग्निकाय सर्वबादर है, अग्निकाय ही बादरतर है। भगवन् ! पृथ्वीकायिक जीवों का शरीर कितना बड़ा कहा गया है ? गौतम ! अनन्त सूक्ष्म वनस्पतिकायिक जीवों के जितने शरीर होते हैं, उतना एक सूक्ष्म वायुकाय का शरीर होता है। असंख्यात सूक्ष्म वायुकायिक जीवों के जितने शरीर होते हैं, उतना एक सूक्ष्म अग्निकाय का शरीर होता है। असंख्य सूक्ष्म अग्निकाय के जितने शरीर होते हैं, उतना एक सूक्ष्म अप्काय का शरीर होता है। असंख्य सूक्ष्म अप्काय के जितने शरीर होते हैं, उतना एक सूक्ष्म पृथ्वीकाय का शरीर होता है, असंख्य सूक्ष्म पृथ्वीकाय के जितने शरीर होते हैं, उतना एक बादर वायुकाय का शरीर होता है। असंख्य बादर वायुकाय के जितने शरीर होते हैं, उतना एक बादर अग्निकाय का शरीर होता है। असंख्य बादर अग्निकाय के जितने शरीर होते हैं, उतना एक बादर अप्काय का शरीर होता है। असंख्य बादर अप्काय समान एक बादर पृथ्वीकाय का शरीर होता है। हे गौतम ! इतना बड़ा पृथ्वीकाय का शरीर होता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] eyassa nam bhamte! Pudhavikaiyassa aukkaiyassa teukaiyassa vaukaiyassa vanassaikaiyassa ya kayare kaye savva-suhume? Kayare kae savvasuhumatarae? Goyama! Vanassaikae savvasuhume, vanassaikae savvasuhumatarae. Eyassa nam bhamte! Pudhavikaiyassa aukkaiyassa teukaiyassa vaukaiyassa ya kayare kaye savvasuhume? Kayare kaye savvasuhumatarae? Goyama! Vaukkae savvasuhume, vaukkae savvasuhumatarae. Eyassa nam bhamte! Pudhavikaiyassa aukkaiyassa teukkaiyassa ya kayare kaye savvasuhume? Kayare kaye savvasuhuma-tarae? Goyama! Teukkae savvasuhume, teukkae savvasuhumatarae. Eyassa nam bhamte! Pudhavikkaiyassa aukkaiyassa ya kayare kaye savvasuhume? Kayare kaye savvasuhumatarae? Goyama! Aukkae savvasuhume, aukkae savvasuhumatarae. Eyassa nam bhamte! Pudhavikkaiyassa aukkaiyassa teukaiyassa vaukaiyassa vanassaikai-yassa ya kayare kaye savva-badare? Kayare kaye savvabadaratarae? Goyama! Vanassaikae savvabadare, vanassaikae savvabadaratarae. Eyassa nam bhamte! Pudhavikaiyassa aukaiyassa teukaiyassa vaukaiyassa ya kayare kae savvabadare? Kayare kae savvabadaratarae? Goyama! Pudhavikkae savvabadare, pudhavikkae savvabadaratarae. Eyassa nam bhamte! Aukkaiyassa teukkaiyassa vaukaiyassa ya kayare kae savvabadare? Kayare kae savvabadaratarae Goyama! Aukkae savvabadare, aukkae savvabadaratarae. Eyassa nam bhamte! Teukaiyassa vaukaiyassa ya kayare kae savvabadare? Kayare kae savvabadaratarae? Goyama! Teukkae savvabadare, teukkae savvabadaratarae. Kemahalae nam bhamte! Pudhavisarire pannatte? Goyama! Anamtanam suhumavanassaikaiyanam javaiya sarira se ege suhumavausarire, asamkhejjanam suhumavausariranam javaiya sarira se ege suhumateusarire, asamkhejjanam suhumateu-kaiyasariranam javaiya sarira se ege suhume ausarire, asamkhejjanam suhumaaukkaiyasariranam javaiya sarira se ege suhume pudhavisarire, asamkhejjanam suhumapudhavikaiyasariranam javaiya sarira se ege badaravausarire, asamkhejjanam badaravaukkaiyanam javaiya sarira se ege badarateusarire, asamkhejjanam badarateukaiyanam javaiya sarira se ege badaraausarire, asamkhejjanam badara-aukaiyanam javaiya sarira se ege badarapudhavisarire. Emahalae nam goyama! Pudhavisarire pannatte. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Prithvikayika yavat vanaspatikayika, ina pamchom mem se kauna – si kaya saba se sukshma hai aura kauna – si sukshmatara hai\? Gautama ! Vanaspatikaya sabase sukshma hai, sabase sukshmatara hai. Bhagavan ! Prithvikayika yavat vayu – kayika, ina charom mem se kauna – si kaya sabase sukshma hai aura kauna – si sukshmatara hai\? Gautama ! Vayukaya saba – se sukshma hai, vayukaya hi sabase sukshmatara hai. Bhagavan ! Prithvikayika yavat agnikayika, kauna si kaya sabase sukshma hai, kauna – si sukshmatara hai\? Gautama ! Agnikaya sabase sukshma hai, agnikaya hi sarvasukshmatara hai. Bhagavan ! Prithvikayika aura apkayika ina donom mem se kauna – si kaya sabase sukshma hai, kauna – si sarvasukshmatara hai\? Gautama ! Apkaya sabase sukshma aura sarvasukshmatara hai. Bhagavan ! Ina prithvikayika yavat vanaspatikayika mem se kauna si kaya sabase badara hai, kauna – si kaya sarvabadaratara hai\? Gautama ! Vanaspatikaya sarvabadara hai, vanaspatikaya hi sabase adhika badara hai. Bhagavan ! Prithvi – kayika yavat vayukayika, ina charom mem se kauna – si kaya sabase badara hai, kauna – si badaratara hai\? Gautama ! Prithvi – kaya sabase badara hai, prithvikaya hi badaratara hai. Bhagavan ! Apkaya, tejaskaya aura vayukaya ina tinom mem se kauna – si kaya sarvabadara hai, kauna – si badaratara hai\? Gautama ! Apkaya sarvabadara hai, apkaya hi badaratara hai. Bhagavan ! Agnikaya aura vayukaya, ina donom kayom mem se kauna – si kaya sabase badara hai, kauna – si badaratara hai\? Gautama ! Agnikaya sarvabadara hai, agnikaya hi badaratara hai. Bhagavan ! Prithvikayika jivom ka sharira kitana bara kaha gaya hai\? Gautama ! Ananta sukshma vanaspatikayika jivom ke jitane sharira hote haim, utana eka sukshma vayukaya ka sharira hota hai. Asamkhyata sukshma vayukayika jivom ke jitane sharira hote haim, utana eka sukshma agnikaya ka sharira hota hai. Asamkhya sukshma agnikaya ke jitane sharira hote haim, utana eka sukshma apkaya ka sharira hota hai. Asamkhya sukshma apkaya ke jitane sharira hote haim, utana eka sukshma prithvikaya ka sharira hota hai, asamkhya sukshma prithvikaya ke jitane sharira hote haim, utana eka badara vayukaya ka sharira hota hai. Asamkhya badara vayukaya ke jitane sharira hote haim, utana eka badara agnikaya ka sharira hota hai. Asamkhya badara agnikaya ke jitane sharira hote haim, utana eka badara apkaya ka sharira hota hai. Asamkhya badara apkaya samana eka badara prithvikaya ka sharira hota hai. He gautama ! Itana bara prithvikaya ka sharira hota hai. |