Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )

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Sr No : 1004022
Scripture Name( English ): Bhagavati Translated Scripture Name : भगवती सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

शतक-११

Translated Chapter :

शतक-११

Section : उद्देशक-११ काल Translated Section : उद्देशक-११ काल
Sutra Number : 522 Category : Ang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] तए णं तं महब्बलं कुमारं अम्मापियरो अन्नया कयाइ सोभणंसि तिहि-करण-दिवस-नक्खत्त-मुहुत्तंसि ण्हायं कयबलिकम्मं कयकोउय-मंगल-पायच्छित्तं सव्वालंकारविभूसियं पमक्खणग-ण्हाण-गीय-वाइय-पसाहण-अट्ठंगतिलग-कंकण-अविहवबहुउवणीयं मंगलसुजंपिएहि य वरकोउय-मंगलोवयार-कयसंतिकम्मं सरिसियाणं सरियत्ताणं सरिव्वयाणं सरिसलावण्ण-रूव-जोव्वण-गुणोववेयाणं विणीयाणं कयकोउय-मंगलपायच्छित्ताणं सरिसएहिं रायकुलेहिंतो आणिल्लियाणं अट्ठण्हं रायवरकन्नाणं एगदिवसेनं पाणिं गिण्हाविंसु। तए णं तस्स महाबलस्स कुमारस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं पीइदाणं दलयंति, तं जहा–अट्ठ हिरण्णकोडीओ, अट्ठ सुवण्णकोडीओ, अट्ठ मउडे मउडप्पवरे, अट्ठ कुंडलजोए कुंडलजोयप्पवरे अट्ठ हारे हारप्पवरे, अट्ठ अद्धहारे अद्धहारप्पवरे, अट्ठ एगावलीओ एगावलिप्पवराओ, एवं मुत्तावलीओ, एवं कणगावलीओ, एवं रयणावलीओ, अट्ठ कडगजोए कडगजोयप्पवरे, एवं तुडियजोए, अट्ठ खोमजुयलाइं खोमजुयलप्पवराइं, एवं वडगजुयलाइं, एवं पट्टजुयलाइं, एवं दुगुल्लजुयलाइं, अट्ठ सिरीओ, अट्ठ हिरीओ, एवं धिईओ, कित्तीओ, बुद्धीओ, लच्छीओ, अट्ठ नंदाइं, अट्ठ भद्दाइं, अट्ठ तले तलप्पवरे सव्वरयणामए, नियगवरभवनकेऊ अट्ठ ज्झए ज्झयप्पवरे, अट्ठ वए वयप्पवरे दसगोसाहस्सिएणं वएणं, अट्ठ नाडगाइं नाडगप्पवराइं बत्तीसइबद्धेणं नाडएणं, अट्ठ आसे आसप्पवरे सव्वरयणामए सिरिघरपडिरूवए, अट्ठ हत्थी हत्थिप्पवरे सव्वरयणामए सिरिधर-पघडिरूवए, अट्ठ जाणाइं जाणप्पवराइं, अट्ठ जुगाइं जुगप्पवराइं, एवं सिबियाओ, एवं संदमाणीओ, एवं गिल्लीओ, थिल्लीओ, अट्ठ वियडजाणाइं वियडजाणप्पवराइं, अट्ठ रहे पारिजाणिए, अट्ठ रहे संगामिए, अट्ठ आसे आसप्पवरे, अट्ठ हत्थी हत्थिप्पवरे, अट्ठ गामे गामप्पवरे दसकुलसाहस्सिएणं गामेणं, अट्ठ दासे दासप्पवरे, एवं दासीओ, एवं किंकरे, एवं कंचुइज्जे, एवं वरिसधरे, एवं महत्तरए, ... अट्ठ सोवण्णिए ओलंवणदीवे, अट्ठ रुप्पामए ओलंवणदीवे, अट्ठ सुवण्णरुप्पामए ओलंबणदीवे, अट्ठ सोवण्णिए उक्कंबणदीवे, एवं चेव तिन्नि वि, अट्ठ सोवण्णिए पंजरदीवे, एवं चेव तिन्नि वि, अट्ठ सोवण्णिए थाले, अट्ठ रुप्पामए थाले, अट्ठ सुवण्णरुप्पामए थाले, अट्ठ सोवण्णियाओ पत्तीओ ३, अट्ठ सोवण्णियाइं थासगाइं ३, अट्ठ सोवण्णियाइं मल्लगाइं ३, अट्ठ सोवण्णियाओ तलियाओ ३, अट्ठ सोव-ण्णियाओ कविचियाओ ३, अट्ठ सोवण्णिए अवएडए ३, अट्ठ सोवण्णियाओ अवयक्काओ ३, अट्ठ सोवण्णिए पायपीढए ३, अट्ठ सोवण्णियाओ भिसियाओ ३, अट्ठ सोवण्णियाओ करोडियाओ ३, अट्ठ सोवण्णिए पल्लंके ३, अट्ठ सोवण्णियाओ पडिसेज्जाओ ३, अट्ठ हंसासणाइं, अट्ठ कोंचासणाइं, एवं गरुलासणाइं, उन्नयासणाइं, पणयासणाइं, दीहासणाइं, भद्दासणाइं, पक्खासणाइं, मगरा-सणाइं, अट्ठ पउमासणाइं, अट्ठ दिसासोवत्थियासणाइं, अट्ठ तेल्लसमुग्गे, अट्ठ कोट्ठसमुग्गे, एवं पत्त-चोयग-तगर-एल-हरियाल-हिंगुलय-मणोसिल-अंजण-समुग्गे, अट्ठ सरिसवसमुग्गे, अट्ठ खुज्जाओ जहा ओववाइए जाव अट्ठ पारिसीओ, ... ... अट्ठ छत्ते, अट्ठ छत्त धारीओ चेडीओ, अट्ठ चामराओ, अट्ठ चामरधारीओ चेडीओ, अट्ठ तालियंटे, अट्ठ तालियंटधारीओ चेडीओ, अट्ठ करोडियाओ, अट्ठ करोडियाधारीओ चेडीओ, अट्ठ खीरधाईओ, अट्ठ मज्जणधाईओ, अट्ठ मंडणधाईओ, अट्ठ खेल्लावणधाईओ, अट्ठ अंकधाईओ अट्ठ अंगमद्दियाओ, अट्ठ उम्मद्दियाओ, अट्ठ ण्हावियाओ, अट्ठ पसाहियाओ, अट्ठ वण्णगपेसीओ, अट्ठ चुण्णगपेसीओ, अट्ठ कीडागारीओ, अट्ठ दवकारीओ, अट्ठ उवत्थाणियाओ, अट्ठ नाडइज्जाओ, अट्ठ कोडुंबिणीओ, अट्ठ महाणसिणीओ, अट्ठ भंडागारिणीओ, अट्ठ अब्भाधारिणीओ, अट्ठ पुप्फघरणीओ, अट्ठ पाणिघरणीओ, अट्ठ बाहिरियाओ, अट्ठ सेज्जाकारीओ, अट्ठ अब्भिंतरियाओ पडिहारीओ, अट्ठ बाहिरियाओ पडिहारीओ, अट्ठ मालाकारीओ, अट्ठ पेसणकारीओ, अन्नं वा सुबहुं हिरण्णं वा सुवण्णं वा कंसं वा दूसं वा विउलधण-कनग-रयण-मणि-मोत्तिय-संख-सिल-प्पवाल-रत्तरयण-संतसारसावएज्जं, अलाहि जाव आसत्तामाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं, पकामं भोत्तुं, पकामं परिभाएउं। तए णं से महब्बले कुमारे एगमेगाए भज्जाए एगमेगं हिरण्णकोडिं दलयइ, एगमेगं सुवण्णकोडिं दलयइ, एगमेगं मउडं मउडप्पवरं दलयइ, एवं तं चेव सव्वं जाव एगमेगं पेसणकारिं दलयइ, अन्नं वा सुबहुं हिरण्णं वा सुवण्णं वा कंसं वा दूसं वा विउलधण-कनग-रयण-मणि-मोत्तिय-संख-सिल-प्पवाल-रत्तरयण-संतसारसावएज्जं, अलाहिं जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं, पकामं भोत्तुं, पकामं परिभाएउं। तए णं से महब्बले कुमारे उप्पिं पासायवरगए जहा जमाली जाव पंचविहे माणुस्सए कामभोगे पच्चणुब्भवमाणे विहरइ।
Sutra Meaning : तत्पश्चात्‌ किसी समय शुभ तिथि, करण, दिवस, नक्षत्र और मुहूर्त्त में महाबल कुमार ने स्नान किया, बलिकर्म किया, कौतुक – मंगल प्रायश्चित्त किया। उसे समस्त अलंकारों से विभूषित किया गया। फिर सौभाग्यवती स्त्रियों के द्वारा अभ्यंगन, स्नान, गीत, वादित, मण्डन, आठ अंगों पर तिलक, लाल डोरे के रूप में कंकण तथा दही, अक्षत आदि मंगल अथवा मंगलगीत – विशेष – रूप में आशीर्वचनों से मांगलिक कार्य किये गए तथा उत्तम कौतुक एवं मंगलोपचार के रूप में शान्तिकर्म किए गए। तत्पश्चात्‌ महाबल कुमार के माता – पिता ने समान जोड़ी वाली, समान त्वचा वाली, समान उम्र की, समान रूप, लावण्य, यौवन एवं गुणों से युक्त विनीत एवं कौतुक तथा मंगलोपचार की हुई तथा शान्तिकर्म की हुई और समान राजकुलों से लाई हुई आठ श्रेष्ठ राजकन्याओं के साथ एक ही दिन में (महाबल कुमार का) पाणिग्रहण करवाया। विवाहोपरान्त महाबल कुमार माता – पिता ने प्रीतिदान दिया। यथा – आठ कोटि हिरण्य, आठ कोटि स्वर्ण मुद्राएं, आठ श्रेष्ठ मुकुट, आठ श्रेष्ठ कुण्डलयुगल, आठ उत्तम हार, आठ उत्तम अर्द्धहार, आठ उत्तम एकावली हार, आठ मुक्तावली हार, आठ कनकावली हार, आठ रत्नावली हार, आठ श्रेष्ठ कड़ों की जोड़ी, आठ बाजूबन्दों की जोड़ी, आठ श्रेष्ठ रेशमी वस्त्रयुगल, आठ टसर के वस्त्रयुगल, आठ पट्ट – युगल, आठ दुकूलयुगल, आठ श्री, आठ ह्री, आठ धी, आठ कीर्ति, आठ बुद्धि एवं आठ लक्ष्मी देवियाँ, आठ नन्द, आठ भद्र, आठ उत्तम तल वृक्ष, ये सब रत्नमय जानना। अपने भवन में केतु रूप आठ उत्तम ध्वज, दस – दस हजार गायों के प्रत्येक व्रज वाले आठ उत्तम व्रज, बत्तीस मनुष्यों द्वारा किया जाने वाला एक नाटक होता है, ऐसे आठ उत्तम नाटक, श्रीगृहरूप आठ उत्तम अश्व, ये सब रत्नमय जानने चाहिए। भाण्डागार के समान आठ रत्नमय उत्तमोत्तम हाथी, आठ उत्तम यान, आठ उत्तम युग्य, आठ शिबिकाएं, आठ स्यन्दमानिका इस प्रकार आठ गिल्ली, आठ थिल्ली, आठ श्रेष्ठ विकट यान, आठ पारियानिक रथ, आठ संग्रामिक रथ, आठ उत्तम अश्व, आठ उत्तम हाथी, दस हजार कुलों – परिवारों का एक ग्राम होता है, ऐ आठ उत्तम ग्राम; आठ उत्तम दास, एवं आठ उत्तम दासियाँ, आठ उत्तम किंकर, आठ उत्तम कंचूकी, आठ वर्षधर, आठ महत्तरक, आठ सोने के, आठ चाँदी के और आठ सोने – चाँदी के अवलम्बन दीपक, आठ सोने के, आठ चाँदी के और आठ सोने – चाँदी के उत्कंचन दीपक, इसी प्रकार सोना, चाँदी और सोना – चाँदी इन तीनों प्रकार के आठ पंजरदीपक, सोना, चाँदी और सोने – चाँदी के आठ थाल, आठ थालियाँ, आठ स्थासक, आठ मल्लक, आठ तलिका, आठ कलाचिका, आठ तापिकाहस्तक, आठ तवे, आठ पादपीठ, आठ भीषिका, आठ करोटिका, आठ पलंग, आठ प्रतिशय्याएं, आठ हंसासन, आठ क्रौंचासन, आठ गरुड़ासन, आठ उन्नतासन, आठ अवनतासन, आठ दीर्घासन, आठ भद्रासन, आठ पक्षासन, आठ मकरासन, आठ पद्मासन, आठ दिक्‌स्वस्तिकासन आठ तेल के डिब्बे, इत्यादि यावत्‌ आठ सर्षप के डिब्बे, आठ कुब्जा दासियाँ आदि यावत्‌ आठ पारस देश की दासियाँ, आठ छत्र, आठ छत्रधारिणी दासियाँ, आठ चामर, आठ चामरधारिणी दासियाँ, आठ पंखे, आठ पंख – धारिणी दासियाँ, आठ करोटिका, आठ करोटिकाधारिणी दासियाँ, आठ क्षीरधात्रियाँ, यावत्‌ आठ अंकधात्रियाँ, आठ अंगमर्दिका, आठ उन्मर्दिका, आठ स्नान कराने वाली दासियाँ, आठ अलंकार पहनाने वाली दासियाँ, आठ चन्दन घिसने वाली दासियाँ, आठ ताम्बूल वर्ण पीसने वाली, आठ कोष्ठागार की रक्षा करने वाली, आठ परिहास करने वाली, आठ सभा में पास रहने वाली, आठ नाटक करने वाली, आठ कौटुम्बिक, आठ रसोई बनाने वाली, आठ भण्डार की रक्षा करने वाली, आठ तरुणियाँ, आठ पुष्प धारण करने वाली, आठ पानी भरने वाली, आठ बलि करने वाली, आठ शय्या बिछाने वाली, आठ आभ्यन्तर और बाह्य प्रतिहारियाँ, आठ माला बनाने वाली और आठ – आठ आटा आदि पीसने वाली दासियाँ दीं। बहुत – सा हिरण्य, सुवर्ण, कांस्य, वस्त्र एवं विपुल धन, कनक, यावत्‌ सारभूत द्रव्य दिया। जो सात कुल – वंशों तक ईच्छापूर्वक दान देने, उपभोग करने और बाँटने के लिए पर्याप्त था। इसी प्रकार महाबल कुमार ने भी प्रत्येक भार्या को एक – एक हिरण्यकोटि, एक – एक स्वर्णकोटि, एक – एक उत्तम मुकुट, इत्यादि पूर्वोक्त सभी वस्तुएं दी यावत्‌ सभी को एक – एक पेषणकारी दासी दी तथा बहुत – सा हिरण्य, सुवर्ण आदि दिया, जो यावत्‌ विभाजन करने के लिए पर्याप्त था। तत्पश्चात्‌ वह महाबल कुमार जमालि कुमार के वर्णन के अनुसार उन्नत श्रेष्ठ प्रासाद में अपूर्व भोग भोगता हुआ जीवनयापन करने लगा।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] tae nam tam mahabbalam kumaram ammapiyaro annaya kayai sobhanamsi tihi-karana-divasa-nakkhatta-muhuttamsi nhayam kayabalikammam kayakouya-mamgala-payachchhittam savvalamkaravibhusiyam pamakkhanaga-nhana-giya-vaiya-pasahana-atthamgatilaga-kamkana-avihavabahuuvaniyam mamgalasujampiehi ya varakouya-mamgalovayara-kayasamtikammam sarisiyanam sariyattanam sarivvayanam sarisalavanna-ruva-jovvana-gunovaveyanam viniyanam kayakouya-mamgalapayachchhittanam sarisaehim rayakulehimto anilliyanam atthanham rayavarakannanam egadivasenam panim ginhavimsu. Tae nam tassa mahabalassa kumarassa ammapiyaro ayameyaruvam piidanam dalayamti, tam jaha–attha hirannakodio, attha suvannakodio, attha maude maudappavare, attha kumdalajoe kumdalajoyappavare attha hare harappavare, attha addhahare addhaharappavare, attha egavalio egavalippavarao, evam muttavalio, evam kanagavalio, evam rayanavalio, attha kadagajoe kadagajoyappavare, evam tudiyajoe, attha khomajuyalaim khomajuyalappavaraim, evam vadagajuyalaim, evam pattajuyalaim, evam dugullajuyalaim, attha sirio, attha hirio, evam dhiio, kittio, buddhio, lachchhio, attha namdaim, attha bhaddaim, attha tale talappavare savvarayanamae, niyagavarabhavanakeu attha jjhae jjhayappavare, attha vae vayappavare dasagosahassienam vaenam, attha nadagaim nadagappavaraim battisaibaddhenam nadaenam, attha ase asappavare savvarayanamae sirigharapadiruvae, attha hatthi hatthippavare savvarayanamae siridhara-paghadiruvae, attha janaim janappavaraim, attha jugaim jugappavaraim, evam sibiyao, evam samdamanio, evam gillio, thillio, attha viyadajanaim viyadajanappavaraim, attha rahe parijanie, attha rahe samgamie, attha ase asappavare, attha hatthi hatthippavare, attha game gamappavare dasakulasahassienam gamenam, attha dase dasappavare, evam dasio, evam kimkare, evam kamchuijje, evam varisadhare, evam mahattarae, .. Attha sovannie olamvanadive, attha ruppamae olamvanadive, attha suvannaruppamae olambanadive, attha sovannie ukkambanadive, evam cheva tinni vi, attha sovannie pamjaradive, evam cheva tinni vi, attha sovannie thale, attha ruppamae thale, attha suvannaruppamae thale, attha sovanniyao pattio 3, attha sovanniyaim thasagaim 3, attha sovanniyaim mallagaim 3, attha sovanniyao taliyao 3, attha sova-nniyao kavichiyao 3, attha sovannie avaedae 3, attha sovanniyao avayakkao 3, attha sovannie payapidhae 3, attha sovanniyao bhisiyao 3, attha sovanniyao karodiyao 3, attha sovannie pallamke 3, attha sovanniyao padisejjao 3, attha hamsasanaim, attha komchasanaim, evam garulasanaim, unnayasanaim, panayasanaim, dihasanaim, bhaddasanaim, pakkhasanaim, magara-sanaim, attha paumasanaim, attha disasovatthiyasanaim, attha tellasamugge, attha kotthasamugge, evam patta-choyaga-tagara-ela-hariyala-himgulaya-manosila-amjana-samugge, attha sarisavasamugge, attha khujjao jaha ovavaie java attha parisio,.. .. Attha chhatte, attha chhatta dhario chedio, attha chamarao, attha chamaradhario chedio, attha taliyamte, attha taliyamtadhario chedio, attha karodiyao, attha karodiyadhario chedio, attha khiradhaio, attha majjanadhaio, attha mamdanadhaio, attha khellavanadhaio, attha amkadhaio attha amgamaddiyao, attha ummaddiyao, attha nhaviyao, attha pasahiyao, attha vannagapesio, attha chunnagapesio, attha kidagario, attha davakario, attha uvatthaniyao, attha nadaijjao, attha kodumbinio, attha mahanasinio, attha bhamdagarinio, attha abbhadharinio, attha pupphagharanio, attha panigharanio, attha bahiriyao, attha sejjakario, attha abbhimtariyao padihario, attha bahiriyao padihario, attha malakario, attha pesanakario, annam va subahum hirannam va suvannam va kamsam va dusam va viuladhana-kanaga-rayana-mani-mottiya-samkha-sila-ppavala-rattarayana-samtasarasavaejjam, alahi java asattamao kulavamsao pakamam daum, pakamam bhottum, pakamam paribhaeum. Tae nam se mahabbale kumare egamegae bhajjae egamegam hirannakodim dalayai, egamegam suvannakodim dalayai, egamegam maudam maudappavaram dalayai, evam tam cheva savvam java egamegam pesanakarim dalayai, annam va subahum hirannam va suvannam va kamsam va dusam va viuladhana-kanaga-rayana-mani-mottiya-samkha-sila-ppavala-rattarayana-samtasarasavaejjam, alahim java asattamao kulavamsao pakamam daum, pakamam bhottum, pakamam paribhaeum. Tae nam se mahabbale kumare uppim pasayavaragae jaha jamali java pamchavihe manussae kamabhoge pachchanubbhavamane viharai.
Sutra Meaning Transliteration : Tatpashchat kisi samaya shubha tithi, karana, divasa, nakshatra aura muhurtta mem mahabala kumara ne snana kiya, balikarma kiya, kautuka – mamgala prayashchitta kiya. Use samasta alamkarom se vibhushita kiya gaya. Phira saubhagyavati striyom ke dvara abhyamgana, snana, gita, vadita, mandana, atha amgom para tilaka, lala dore ke rupa mem kamkana tatha dahi, akshata adi mamgala athava mamgalagita – vishesha – rupa mem ashirvachanom se mamgalika karya kiye gae tatha uttama kautuka evam mamgalopachara ke rupa mem shantikarma kie gae. Tatpashchat mahabala kumara ke mata – pita ne samana jori vali, samana tvacha vali, samana umra ki, samana rupa, lavanya, yauvana evam gunom se yukta vinita evam kautuka tatha mamgalopachara ki hui tatha shantikarma ki hui aura samana rajakulom se lai hui atha shreshtha rajakanyaom ke satha eka hi dina mem (mahabala kumara ka) panigrahana karavaya. Vivahoparanta mahabala kumara mata – pita ne pritidana diya. Yatha – atha koti hiranya, atha koti svarna mudraem, atha shreshtha mukuta, atha shreshtha kundalayugala, atha uttama hara, atha uttama arddhahara, atha uttama ekavali hara, atha muktavali hara, atha kanakavali hara, atha ratnavali hara, atha shreshtha karom ki jori, atha bajubandom ki jori, atha shreshtha reshami vastrayugala, atha tasara ke vastrayugala, atha patta – yugala, atha dukulayugala, atha shri, atha hri, atha dhi, atha kirti, atha buddhi evam atha lakshmi deviyam, atha nanda, atha bhadra, atha uttama tala vriksha, ye saba ratnamaya janana. Apane bhavana mem ketu rupa atha uttama dhvaja, dasa – dasa hajara gayom ke pratyeka vraja vale atha uttama vraja, battisa manushyom dvara kiya jane vala eka nataka hota hai, aise atha uttama nataka, shrigriharupa atha uttama ashva, ye saba ratnamaya janane chahie. Bhandagara ke samana atha ratnamaya uttamottama hathi, atha uttama yana, atha uttama yugya, atha shibikaem, atha syandamanika isa prakara atha gilli, atha thilli, atha shreshtha vikata yana, atha pariyanika ratha, atha samgramika ratha, atha uttama ashva, atha uttama hathi, dasa hajara kulom – parivarom ka eka grama hota hai, ai atha uttama grama; atha uttama dasa, evam atha uttama dasiyam, atha uttama kimkara, atha uttama kamchuki, atha varshadhara, atha mahattaraka, atha sone ke, atha chamdi ke aura atha sone – chamdi ke avalambana dipaka, atha sone ke, atha chamdi ke aura atha sone – chamdi ke utkamchana dipaka, isi prakara sona, chamdi aura sona – chamdi ina tinom prakara ke atha pamjaradipaka, sona, chamdi aura sone – chamdi ke atha thala, atha thaliyam, atha sthasaka, atha mallaka, atha talika, atha kalachika, atha tapikahastaka, atha tave, atha padapitha, atha bhishika, atha karotika, atha palamga, atha pratishayyaem, atha hamsasana, atha kraumchasana, atha garurasana, atha unnatasana, atha avanatasana, atha dirghasana, atha bhadrasana, atha pakshasana, atha makarasana, atha padmasana, atha diksvastikasana atha tela ke dibbe, ityadi yavat atha sarshapa ke dibbe, atha kubja dasiyam adi yavat atha parasa desha ki dasiyam, atha chhatra, atha chhatradharini dasiyam, atha chamara, atha chamaradharini dasiyam, atha pamkhe, atha pamkha – dharini dasiyam, atha karotika, atha karotikadharini dasiyam, atha kshiradhatriyam, yavat atha amkadhatriyam, atha amgamardika, atha unmardika, atha snana karane vali dasiyam, atha alamkara pahanane vali dasiyam, atha chandana ghisane vali dasiyam, atha tambula varna pisane vali, atha koshthagara ki raksha karane vali, atha parihasa karane vali, atha sabha mem pasa rahane vali, atha nataka karane vali, atha kautumbika, atha rasoi banane vali, atha bhandara ki raksha karane vali, atha taruniyam, atha pushpa dharana karane vali, atha pani bharane vali, atha bali karane vali, atha shayya bichhane vali, atha abhyantara aura bahya pratihariyam, atha mala banane vali aura atha – atha ata adi pisane vali dasiyam dim. Bahuta – sa hiranya, suvarna, kamsya, vastra evam vipula dhana, kanaka, yavat sarabhuta dravya diya. Jo sata kula – vamshom taka ichchhapurvaka dana dene, upabhoga karane aura bamtane ke lie paryapta tha. Isi prakara mahabala kumara ne bhi pratyeka bharya ko eka – eka hiranyakoti, eka – eka svarnakoti, eka – eka uttama mukuta, ityadi purvokta sabhi vastuem di yavat sabhi ko eka – eka peshanakari dasi di tatha bahuta – sa hiranya, suvarna adi diya, jo yavat vibhajana karane ke lie paryapta tha. Tatpashchat vaha mahabala kumara jamali kumara ke varnana ke anusara unnata shreshtha prasada mem apurva bhoga bhogata hua jivanayapana karane laga.