Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003848 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-७ |
Translated Chapter : |
शतक-७ |
Section : | उद्देशक-३ स्थावर | Translated Section : | उद्देशक-३ स्थावर |
Sutra Number : | 348 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] सिय भंते! कण्हलेसे नेरइए अप्पकम्मतराए? नीललेसे नेरइए महाकम्मतराए? हंता सिय। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ–कण्हलेसे नेरइए अप्पकम्मतराए? नीललेसे नेरइए महाकम्मतराए? गोयमा! ठितिं पडुच्च। से तेणट्ठेणं गोयमा! जाव महाकम्मतराए। सिय भंते! नीललेसे नेरइए अप्पकम्मतराए? काउलेसे नेरइए महाकम्मतराए? हंता सिय। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ–नीललेसे नेरइए अप्पकम्मतराए? काउलेसे नेरइए महाकम्मतराए? गोयमा! ठितिं पडुच्च। से तेणट्ठेणं गोयमा! जाव महाकम्मतराए। एवं असुरकुमारे वि, नवरं–तेउलेसा अब्भहिया। एवं जाव वेमाणिया। जस्स जइ लेस्साओ तस्स तत्तिया भाणियव्वाओ। जोइसियस्स न भण्णइ जाव– सिय भंते! पम्हलेस्से वेमाणिए अप्पकम्मतराए? सुक्कलेस्से वेमाणिए महाकम्मतराए? हंता सिय। से केणट्ठेणं? गोयमा! ठितिं पडुच्च। से तेणट्ठेणं गोयमा! जाव महाकम्मतराए। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! क्या कृष्णलेश्या वाला नैरयिक कदाचित् अल्पकर्म वाला और नीललेश्या वाला नैरयिक कदाचित् महाकर्म वाला होता है ? हाँ, गौतम ! कदाचित् ऐसा होता है। भगवन् ! ऐसा आप किस कारण से कहते हैं कि कृष्णलेश्या वाला नैरयिक कदाचित् अल्पकर्म वाला होता है और नीललेश्या वाला नैरयिक कदाचित् महाकर्म वाला होता है ? गौतम ! स्थिति की अपेक्षा से ऐसा कहा जाता है। भगवन् ! क्या नीललेश्या वाला नैरयिक कदाचित् अल्पकर्म वाला होता है और कापोतलेश्या वाला नैरयिक कदाचित् महाकर्म वाला होता है ? हाँ, गौतम ! कदाचित् ऐसा होता है। भगवन् ! आप किस कारण से ऐसा कहते हैं कि नीललेश्या वाला नैरयिक कदाचित् अल्पकर्म वाला होता है और कापोतलेश्या वाला नैरयिक कदाचित् महा – कर्म वाला होता है ? गौतम ! स्थिति की अपेक्षा ऐसा कहता हूँ। इसी प्रकार असुरकुमारों के विषयमें भी कहना चाहिए, परन्तु उनमें एक तेजोलेश्या अधिक होती है। इसी तरह यावत् वैमानिक देवों तक कहना। जिसमें जितनी लेश्याएं हों, उतनी कहनी चाहिए, किन्तु ज्योतिष्क देवों के दण्डक का कथन नहीं करना। भगवन् ! क्या पद्मलेश्यावाला वैमानिक कदाचित् अल्पकर्म वाला और शुक्ललेश्या वाला वैमानिक कदाचित् महाकर्मवाला होता है ? हाँ, गौतम ! कदाचित् होता है। भगवन् ! किस कारण से आप ऐसा कहते हैं ? (इसके उत्तरमें) शेष सारा कथन नैरयिक की तरह यावत् ‘महाकर्म वाला होता है;’ यहाँ तक करना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] siya bhamte! Kanhalese neraie appakammatarae? Nilalese neraie mahakammatarae? Hamta siya. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchai–kanhalese neraie appakammatarae? Nilalese neraie mahakammatarae? Goyama! Thitim paduchcha. Se tenatthenam goyama! Java mahakammatarae. Siya bhamte! Nilalese neraie appakammatarae? Kaulese neraie mahakammatarae? Hamta siya. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchai–nilalese neraie appakammatarae? Kaulese neraie mahakammatarae? Goyama! Thitim paduchcha. Se tenatthenam goyama! Java mahakammatarae. Evam asurakumare vi, navaram–teulesa abbhahiya. Evam java vemaniya. Jassa jai lessao tassa Tattiya bhaniyavvao. Joisiyassa na bhannai java– Siya bhamte! Pamhalesse vemanie appakammatarae? Sukkalesse vemanie mahakammatarae? Hamta siya. Se kenatthenam? Goyama! Thitim paduchcha. Se tenatthenam goyama! Java mahakammatarae. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Kya krishnaleshya vala nairayika kadachit alpakarma vala aura nilaleshya vala nairayika kadachit mahakarma vala hota hai\? Ham, gautama ! Kadachit aisa hota hai. Bhagavan ! Aisa apa kisa karana se kahate haim ki krishnaleshya vala nairayika kadachit alpakarma vala hota hai aura nilaleshya vala nairayika kadachit mahakarma vala hota hai\? Gautama ! Sthiti ki apeksha se aisa kaha jata hai. Bhagavan ! Kya nilaleshya vala nairayika kadachit alpakarma vala hota hai aura kapotaleshya vala nairayika kadachit mahakarma vala hota hai\? Ham, gautama ! Kadachit aisa hota hai. Bhagavan ! Apa kisa karana se aisa kahate haim ki nilaleshya vala nairayika kadachit alpakarma vala hota hai aura kapotaleshya vala nairayika kadachit maha – karma vala hota hai\? Gautama ! Sthiti ki apeksha aisa kahata hum. Isi prakara asurakumarom ke vishayamem bhi kahana chahie, parantu unamem eka tejoleshya adhika hoti hai. Isi taraha yavat vaimanika devom taka kahana. Jisamem jitani leshyaem hom, utani kahani chahie, kintu jyotishka devom ke dandaka ka kathana nahim karana. Bhagavan ! Kya padmaleshyavala vaimanika kadachit alpakarma vala aura shuklaleshya vala vaimanika kadachit mahakarmavala hota hai\? Ham, gautama ! Kadachit hota hai. Bhagavan ! Kisa karana se apa aisa kahate haim\? (isake uttaramem) shesha sara kathana nairayika ki taraha yavat ‘mahakarma vala hota hai;’ yaham taka karana chahie. |