Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Sr No : | 1003784 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-६ |
Translated Chapter : |
शतक-६ |
Section : | उद्देशक-३ महाश्रव | Translated Section : | उद्देशक-३ महाश्रव |
Sutra Number : | 284 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं इत्थी बंधइ? पुरिसो बंधइ? नपुंसओ बंधइ? नोइत्थी नोपुरिसो नोनपुंसओ बंधइ? गोयमा! इत्थी वि बंधइ, पुरिसो वि बंधइ, नपुंसओ वि बंधइ। नोइत्थी नोपुरिसो नोनपुंसओ सिय बंधइ सिय नो बंधइ। एवं आउगवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ। आउगं णं भंते! कम्मं किं इत्थी बंधइ? पुरिसो बंधइ? नपुंसओ बंधइ? नोइत्थी नोपुरिसो नोनपुंसओ बंधइ? गोयमा! इत्थी सिय बंधइ, सिय नो बंधइ। पुरिसो सिय बंधइ, सिय नो बंधइ। नपुंसओ सिय बंधइ, सिय नो बंधइ। नोइत्थी नोपुरिसो नोनपुंसओ न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं संजए बंधइ? अस्संजए बंधइ? संजयासंजए बंधइ? नोसंजए नोअसंजए नोसंजयासंजए बंधइ? गोयमा! संजए सिय बंधइ, सिय नो बंधइ। अस्संजए बंधइ, संजयासंजए वि बंधइ। नोसंजए नोअस्संजए नो संजयासंजए न बंधइ। एवं आउगवज्जाओ सत्त वि। आउगे हेट्ठिल्ला तिन्नि भयणाए, उवरिल्ले न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं सम्मदिट्ठी बंधइ? मिच्छदिट्ठी बंधइ? सम्मामिच्छदिट्ठी बंधइ? गोयमा! सम्मदिट्ठी सिय बंधइ, सिय नो बंधइ। मिच्छदिट्ठी बंधइ, सम्मामिच्छदिट्ठी बंधइ। एवं आउगवज्जाओ सत्त वि। आउगे हेट्ठिल्ला दो भयणाए, सम्मामिच्छदिट्ठी न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं सण्णी बंधइ? असण्णी बंधइ? नोसण्णी नोअसण्णी बंधइ? गोयमा! सण्णी सिय बंधइ, सिय नो बंधइ। असण्णी बंधइ। नोसण्णी नोअसण्णी न बंधइ। एवं वेदणिज्जाउगवज्जाओ छ कम्मप्पगडीओ। वेदणिज्जं हेट्ठिल्ला दो बंधंति, उवरिल्ले भयणाए। आउगं हेट्ठिल्ला दो भयणाए, उवरिल्ले न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं भवसिद्धिए बंधइ? अभवसिद्धिए बंधइ? नोभवसिद्धिए नोअभवसिद्धिए बंधइ? गोयमा! भवसिद्धिए भयणाए, अभवसिद्धिए बंधइ। नोभवसिद्धिए नोअभवसिद्धिए न बंधइ। एवं आउगवज्जाओ सत्त वि। आउगं हेट्ठिल्ला दो भयणाए। उवरिल्ले न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं चक्खुदंसणी बंधइ? अचक्खुदंसणी बंधइ? ओहिदंसणी बंधइ? केवलदंसणी बंधइ? गोयमा! हेट्ठिल्ला तिन्नि भयणाए, उवरिल्ले न बंधइ। एवं वेदणिज्जवज्जाओ सत्त वि। वेदणिज्जं हेट्ठिल्ला तिन्नि बंधंति, केवलदंसणी भयणाए। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं पज्जत्तए बंधइ? अपज्जत्तए बंधइ? नोपज्जत्तए नोअपज्जत्तए बंधइ? गोयमा! पज्जत्तए भयणाए, अपज्जत्तए बंधइ। नोपज्जत्तए नोअपज्जत्तए न बंधइ। एवं आउगवज्जाओ सत्त वि। आउगं हेट्ठिल्ला दो भयणाए, उवरिल्ले न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं भासए बंधइ? अभासए बंधइ? गोयमा! दो वि भयणाए। एवं वेदणिज्जवज्जाओ सत्त वि। वेदणिज्जं भासए बंधइ, अभासए भयणाए। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं परित्ते बंधइ? अपरित्ते बंधइ? नोपरित्ते नोअपरित्ते बंधइ? गोयमा! परित्ते भयणाए, अपरित्ते बंधइ। नोपरित्ते नोअपरित्ते न बंधइ। एवं आउगवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ। आउयं परित्ते वि, अपरित्ते वि भयणाए, नोपरित्ते नोअपरित्ते न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं आभिनिबोहियनाणी बंधइ? सुयनाणी बंधइ? ओहिनाणी बंधइ? मनपज्जवनाणी बंधइ? केवलनाणी बंधइ? गोयमा! हेट्ठिल्ला चत्तारि भयणाए। केवलनाणी न बंधइ। एवं वेदणिज्जवज्जाओ सत्त वि। वेदणिज्जं हेट्ठिल्ला चत्तारि बंधंति, केवलनाणी भयणाए। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं मइअन्नाणी बंधइ? सुयअन्नाणी बंधइ? विभंगनाणी बंधइ? गोयमा! आउगवज्जाओ सत्तवि बंधंति, आउगं भयणाए। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं मनजोगी बंधइ? वइजोगी बंधइ? कायजोगी बंधइ? अजोगी बंधइ? गोयमा! हेट्ठिल्ला तिन्नि भयणाए, अजोगी न बंधइ। एवं वेदणिज्जवज्जाओ सत्त वि। वेदणिज्जं हेट्ठिल्ला बंधंति, अजोगी न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं सागारोवउत्ते बंधइ? अनागारोवउत्ते बंधइ? गोयमा! अट्ठसु वि भयणाए। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं आहारए बंधइ? अनाहारए बंधइ? गोयमा! दो वि भयणाए। एवं वेदणिज्जाउगवज्जाणं छण्हं। वेदणिज्जं आहारए बंधइ, अनाहारए भयणाए। आउए आहारए भयणाए, अनाहारए न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं सुहुमे बंधइ? बादरे बंधइ? नोसुहुमे नोबादरे बंधइ? गोयमा! सुहुमे बंधइ, बादरे भयणाए। नोसुहुमे नोबादरे न बंधइ। एवं आउगवज्जाओ सत्त वि। आउगं सुहुमे बादरे भयणाए। नोसुहुमे नोबादरे न बंधइ। नाणावरणिज्जं णं भंते! कम्मं किं चरिमे बंधइ? अचरिमे बंधइ? गोयमा! अट्ठ वि भयणाए। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! ज्ञानावरणीय कर्म क्या स्त्री बाँधती है ? पुरुष बाँधता है, अथवा नपुंसक बाँधता है ? अथवा नो – स्त्री – नोपुरुष – नोनपुंसक बाँधता है ? गौतम ! ज्ञानावरणीयकर्म को स्त्री भी बाँधती है, पुरुष भी बाँधता है और नपुंसक भी बाँधता है, परन्तु नोस्त्री – नोपुरुष – नोनपुंसक होता है, वह कदाचित् बाँधता है, कदाचित् नहीं बाँधता। इस प्रकार आयुष्यकर्म को छोड़कर शेष सातों कर्मप्रकृतियों के विषय में समझना चाहिए। भगवन् ! आयुष्यकर्म को क्या स्त्री बाँधती है, पुरुष बाँधता है, नपुंसक बाँधता है अथवा नोस्त्री – नोपुरुष – नोनपुंसक बाँधता है ? गौतम ! आयुष्यकर्म स्त्री कदाचित् बाँधती है और कदाचित् नहीं बाँधती। इसी प्रकार पुरुष और नपुंसक के विषय में भी कहना चाहिए। नोस्त्री – नोपुरुष – नोनपुंसक आयुष्यकर्म को नहीं बाँधता। भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म क्या संयत बाँधता है, असंयत बाँधता है, संयता – संयत बाँधता है अथवा नोसंयत – नोअसंयत – नोसंयतासंयत बाँधता है ? गौतम ! संयत कदाचित् बाँधता है और कदाचित् नहीं बाँधता, किन्तु असंयत बाँधता है, संयतासंयत भी बाँधता है, परन्तु नोसंयत – नोअसंयत – नोसंयता – संयत नहीं बाँधता। इस प्रकार आयुष्यकर्म को छोड़कर शेष सातों कर्मप्रकृतियों के विषय में समझना। आयुष्यकर्म के सम्बन्ध में नीचे के तीन – के लिए भजना समझना। नोसंयत – नोअसंयत – नोसंयतासंयत आयुष्यकर्म को नहीं बाँधते। भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म क्या सम्यग्दृष्टि बाँधता है, मिथ्यादृष्टि बाँधता है अथवा सम्यग् – मिथ्यादृष्टि बाँधता है ? गौतम ! सम्यग्दृष्टि कदाचित् बाँधता है, कदाचित् नहीं बाँधता, मिथ्यादृष्टि बाँधता है और सम्यग् – मिथ्या दृष्टि भी बाँधता है। इसी प्रकार आयुष्यकर्म को छोड़कर शेष सातों कर्मप्रकृतियों के विषय में समझना। आयुष्य कर्म को नीचे के दो – भजना से बाँधते हैं सम्यग् – मिथ्यादृष्टि नहीं बाँधते। भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म को क्या संज्ञी बाँधता है, असंज्ञी बाँधता है अथवा नोसंज्ञी – नोअसंज्ञी बाँधता है ? गौतम ! संज्ञी कदाचित् बाँधता है और कदाचित् नहीं बाँधता। असंज्ञी बाँधता है और नोसंज्ञी – नोअसंज्ञी नहीं बाँधता। इस प्रकार वेदनीय और आयुष्य को छोड़कर शेष छह कर्मप्रकृतियों के विषय में कहना चाहिए। वेदनीयकर्म को आदि के दो बाँधते हैं, किन्तु अन्तिम के लिए भजना है आयुष्यकर्म को आदि के दो – जीव भजना से बाँधते हैं। नोसंज्ञी – नोअसंज्ञी जीव आयुष्यकर्म को नहीं बाँधते। भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म को क्या भवसिद्धिक बाँधता है, अभवसिद्धिक बाँधता है अथवा नोभवसिद्धिक – नोअभवसिद्धिक बाँधता है ? गौतम ! भवसिद्धिक जीव भजना से बाँधता है। अभवसिद्धिक जीव बाँधता है और नोभवसिद्धिक – नोअभवसिद्धिक जीव नहीं बाँधता। इसी प्रकार आयुष्यकर्म को छोड़कर शेष सात कर्मप्रकृतियों के विषय में कहना चाहिए। आयुष्यकर्म को नीचे के दो भजना से बाँधते हैं। ऊपर का नहीं बाँधता। भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म को क्या चक्षुदर्शनी बाँधता है, अचक्षुदर्शनी बाँधता है, अवधिदर्शनी बाँधता है अथवा केवलदर्शनी बाँधता है ? गौतम ! नीचे के तीन भजना से बाँधते हैं किन्तु – केवलदर्शनी नहीं बाँधता। इसी प्रकार वेदनीय को छोड़कर शेष सात कर्मप्रकृतियों के विषय में समझ लेना चाहिए। वेदनीयकर्म को नीचले तीन बाँधते हैं, किन्तु केवलीदर्शनी भजना से बाँधते हैं। भगवन् ! क्या ज्ञानावरणीयकर्म को पर्याप्तक जीव बाँधता है, अपर्याप्तक जीव बाँधता है अथवा नोपर्या – प्तक – नोअपर्याप्तक जीव बाँधता है ? गौतम ! पर्याप्तक जीव भजना से बाँधता है; अपर्याप्तक जीव बाँधता है और नोपर्याप्तक – नोअपर्याप्तक जीव नहीं बाँधता। इस प्रकार आयुष्यकर्म के सिवाय शेष सात कर्मप्रकृतियों के विषय में कहना चाहिए। आयुष्यकर्म को नीचले दो भजना से बाँधते हैं। अंत का नहीं बाँधता। भगवन् ! क्या ज्ञानावरणीयकर्म को भाषक जीव बाँधता है या अभाषक ? गौतम ! दोनों – भजना से बाँधते हैं। इसी प्रकार वेदनीय को छोड़कर शेष सात के विषय में कहना। वेदनीयकर्म को भाषक बाँधता है, अभाषक भजना से बाँधता है। भगवन् ! क्या परित जीव ज्ञानावरणीयकर्म को बाँधता है, अपरित्त जीव बाँधता है, अथवा नोपरित्त – नोअपरित्त जीव बाँधता है ? गौतम ! परित्त जीव ज्ञानावरणीय कर्म को भजना से बाँधता, अपरित्त जीव बाँधता है और नोपरित्त – नोअपरित्त जीव नहीं बाँधता। इस प्रकार आयुष्यकर्म को छोड़कर शेष सात कर्मप्रकृतियों के विषय में कहना चाहिए। आयुष्यकर्म को परित्त जीव भी और अपरित्त जीव भी भजना से बाँधते हैं; नोपरित्त – नोअपरित्त जीव नहीं बाँधते। भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म क्या आभिनिबोधिक ज्ञानी बाँधता है, श्रुतज्ञानी बाँधता है, अवधि – ज्ञानी बाँधता है, मनःपर्यवज्ञानी बाँधता है अथवा केवलज्ञानी बाँधता है ? गौतम ! ज्ञानावरणीयकर्म को नीचले चार भजना से बाँधते हैं; केवलज्ञानी नहीं बाँधता। इसी प्रकार वेदनीय को छोड़कर शेष सातों कर्मप्रकृतियों के विषय में समझ लेना चाहिए। वेदनीयकर्म को नीचले चारों बाँधते हैं; केवलज्ञानी भजना से बाँधता है। भगवन् ! क्या ज्ञानावरणीयकर्म को मति – अज्ञानी बाँधता है, श्रुत – अज्ञानी बाँधता है या विभंगज्ञानी बाँधता है? गौतम! आयुष्यकर्म को छोड़कर शेष सातों कर्मप्रकृतियों को ये बाँधते हैं। आयुष्यकर्म को ये तीनों भजना से बाँधते हैं भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म को क्या मनोयोगी बाँधता हैं, वचनयोगी बाँधता है, काययोगी बाँधता है या अयोगी बाँधता है ? गौतम ! नीचले तीन – भजना से बाँधते हैं; अयोगी नहीं बाँधता। इसी प्रकार वेदनीय को छोड़कर शेष सातों कर्मप्रकृतियों के विषय में कहना चाहिए। वेदनीय कर्म को नीचले बाँधते हैं; अयोगी नहीं बाँधता। भगवन् ! ज्ञानावरणीय (आदि) कर्म को क्या साकारोपयोग वाला बाँधता है या अनाकारोपयोग वाला बाँधता है ? गौतम ! भजना से (आठों कर्म – प्रकृतियों) बाँधते हैं। भगवन् ! क्या ज्ञानावरणीयकर्म आहारक जीव बाँधता है या अनाहारक जीव बाँधता है ? गौतम ! ज्ञाना – वरणीयकर्म को दोनों जीव भजना से बाँधते हैं। इसी प्रकार वेदनीय और आयुष्यकर्म को छोड़कर शेष छहों कर्म – प्रकृतियों के विषय में समझ लेना चाहिए। आहारक जीव वेदनीय कर्म को बाँधता है, अनाहारक के लिए भजना है आयुष्यकर्म को आहारक के लिए भजना है; अनाहारक नहीं बाँधता। भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म को क्या सूक्ष्म जीव बाँधता है, बादर जीव बाँधता है, अथवा नोसूक्ष्म – नोबादर जीव बाँधता है ? गौतम ! ज्ञानावरणीयकर्म को सूक्ष्मजीव बाँधता है, बादर जीव भजना से बाँधता है, किन्तु नोसूक्ष्म – नोबादर जीव नहीं बाँधता। इसी प्रकार आयुष्यकर्म को छोड़कर शेष सातों कर्म – प्रकृतियों के विषय में कहना चाहिए। आयुष्यकर्म को सूक्ष्म और बादरजीव भजना से बाँधते, नोसूक्ष्म – नोबादर जीव नहीं बाँधता। भगवन् ! क्या ज्ञानावरणीय (आदि) कर्म को चरमजीव बाँधता है, अथवा अचरमजीव बाँधता है ? गौतम ! दोनों प्रकार के जीव, आठों कर्मप्रकृतियों को भजना से बाँधते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim itthi bamdhai? Puriso bamdhai? Napumsao bamdhai? Noitthi nopuriso nonapumsao bamdhai? Goyama! Itthi vi bamdhai, puriso vi bamdhai, napumsao vi bamdhai. Noitthi nopuriso nonapumsao siya bamdhai siya no bamdhai. Evam augavajjao satta kammappagadio. Augam nam bhamte! Kammam kim itthi bamdhai? Puriso bamdhai? Napumsao bamdhai? Noitthi nopuriso nonapumsao bamdhai? Goyama! Itthi siya bamdhai, siya no bamdhai. Puriso siya bamdhai, siya no bamdhai. Napumsao siya bamdhai, siya no bamdhai. Noitthi nopuriso nonapumsao na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim samjae bamdhai? Assamjae bamdhai? Samjayasamjae bamdhai? Nosamjae noasamjae nosamjayasamjae bamdhai? Goyama! Samjae siya bamdhai, siya no bamdhai. Assamjae bamdhai, samjayasamjae vi bamdhai. Nosamjae noassamjae no samjayasamjae na bamdhai. Evam augavajjao satta vi. Auge hetthilla tinni bhayanae, uvarille na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim sammaditthi bamdhai? Michchhaditthi bamdhai? Sammamichchhaditthi bamdhai? Goyama! Sammaditthi siya bamdhai, siya no bamdhai. Michchhaditthi bamdhai, sammamichchhaditthi bamdhai. Evam augavajjao satta vi. Auge hetthilla do bhayanae, sammamichchhaditthi na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim sanni bamdhai? Asanni bamdhai? Nosanni noasanni bamdhai? Goyama! Sanni siya bamdhai, siya no bamdhai. Asanni bamdhai. Nosanni noasanni na bamdhai. Evam vedanijjaugavajjao chha kammappagadio. Vedanijjam hetthilla do bamdhamti, uvarille bhayanae. Augam hetthilla do bhayanae, uvarille na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim bhavasiddhie bamdhai? Abhavasiddhie bamdhai? Nobhavasiddhie noabhavasiddhie bamdhai? Goyama! Bhavasiddhie bhayanae, abhavasiddhie bamdhai. Nobhavasiddhie noabhavasiddhie na bamdhai. Evam augavajjao satta vi. Augam hetthilla do bhayanae. Uvarille na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim chakkhudamsani bamdhai? Achakkhudamsani bamdhai? Ohidamsani bamdhai? Kevaladamsani bamdhai? Goyama! Hetthilla tinni bhayanae, uvarille na bamdhai. Evam vedanijjavajjao satta vi. Vedanijjam hetthilla tinni bamdhamti, kevaladamsani bhayanae. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim pajjattae bamdhai? Apajjattae bamdhai? Nopajjattae noapajjattae bamdhai? Goyama! Pajjattae bhayanae, apajjattae bamdhai. Nopajjattae noapajjattae na bamdhai. Evam augavajjao satta vi. Augam hetthilla do bhayanae, uvarille na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim bhasae bamdhai? Abhasae bamdhai? Goyama! Do vi bhayanae. Evam vedanijjavajjao satta vi. Vedanijjam bhasae bamdhai, abhasae bhayanae. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim paritte bamdhai? Aparitte bamdhai? Noparitte noaparitte bamdhai? Goyama! Paritte bhayanae, aparitte bamdhai. Noparitte noaparitte na bamdhai. Evam augavajjao satta kammappagadio. Auyam paritte vi, aparitte vi bhayanae, noparitte noaparitte na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim abhinibohiyanani bamdhai? Suyanani bamdhai? Ohinani bamdhai? Manapajjavanani bamdhai? Kevalanani bamdhai? Goyama! Hetthilla chattari bhayanae. Kevalanani na bamdhai. Evam vedanijjavajjao satta vi. Vedanijjam hetthilla chattari bamdhamti, kevalanani bhayanae. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim maiannani bamdhai? Suyaannani bamdhai? Vibhamganani bamdhai? Goyama! Augavajjao sattavi bamdhamti, augam bhayanae. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim manajogi bamdhai? Vaijogi bamdhai? Kayajogi bamdhai? Ajogi bamdhai? Goyama! Hetthilla tinni bhayanae, ajogi na bamdhai. Evam vedanijjavajjao satta vi. Vedanijjam hetthilla bamdhamti, ajogi na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim sagarovautte bamdhai? Anagarovautte bamdhai? Goyama! Atthasu vi bhayanae. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim aharae bamdhai? Anaharae bamdhai? Goyama! Do vi bhayanae. Evam vedanijjaugavajjanam chhanham. Vedanijjam aharae bamdhai, anaharae bhayanae. Aue aharae bhayanae, anaharae na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim suhume bamdhai? Badare bamdhai? Nosuhume nobadare bamdhai? Goyama! Suhume bamdhai, badare bhayanae. Nosuhume nobadare na bamdhai. Evam augavajjao satta vi. Augam suhume badare bhayanae. Nosuhume nobadare na bamdhai. Nanavaranijjam nam bhamte! Kammam kim charime bamdhai? Acharime bamdhai? Goyama! Attha vi bhayanae. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Jnyanavaraniya karma kya stri bamdhati hai\? Purusha bamdhata hai, athava napumsaka bamdhata hai\? Athava no – stri – nopurusha – nonapumsaka bamdhata hai\? Gautama ! Jnyanavaraniyakarma ko stri bhi bamdhati hai, purusha bhi bamdhata hai aura napumsaka bhi bamdhata hai, parantu nostri – nopurusha – nonapumsaka hota hai, vaha kadachit bamdhata hai, kadachit nahim bamdhata. Isa prakara ayushyakarma ko chhorakara shesha satom karmaprakritiyom ke vishaya mem samajhana chahie. Bhagavan ! Ayushyakarma ko kya stri bamdhati hai, purusha bamdhata hai, napumsaka bamdhata hai athava nostri – nopurusha – nonapumsaka bamdhata hai\? Gautama ! Ayushyakarma stri kadachit bamdhati hai aura kadachit nahim bamdhati. Isi prakara purusha aura napumsaka ke vishaya mem bhi kahana chahie. Nostri – nopurusha – nonapumsaka ayushyakarma ko nahim bamdhata. Bhagavan ! Jnyanavaraniyakarma kya samyata bamdhata hai, asamyata bamdhata hai, samyata – samyata bamdhata hai athava nosamyata – noasamyata – nosamyatasamyata bamdhata hai\? Gautama ! Samyata kadachit bamdhata hai aura kadachit nahim bamdhata, kintu asamyata bamdhata hai, samyatasamyata bhi bamdhata hai, parantu nosamyata – noasamyata – nosamyata – samyata nahim bamdhata. Isa prakara ayushyakarma ko chhorakara shesha satom karmaprakritiyom ke vishaya mem samajhana. Ayushyakarma ke sambandha mem niche ke tina – ke lie bhajana samajhana. Nosamyata – noasamyata – nosamyatasamyata ayushyakarma ko nahim bamdhate. Bhagavan ! Jnyanavaraniyakarma kya samyagdrishti bamdhata hai, mithyadrishti bamdhata hai athava samyag – mithyadrishti bamdhata hai\? Gautama ! Samyagdrishti kadachit bamdhata hai, kadachit nahim bamdhata, mithyadrishti bamdhata hai aura samyag – mithya drishti bhi bamdhata hai. Isi prakara ayushyakarma ko chhorakara shesha satom karmaprakritiyom ke vishaya mem samajhana. Ayushya karma ko niche ke do – bhajana se bamdhate haim samyag – mithyadrishti nahim bamdhate. Bhagavan ! Jnyanavaraniyakarma ko kya samjnyi bamdhata hai, asamjnyi bamdhata hai athava nosamjnyi – noasamjnyi bamdhata hai\? Gautama ! Samjnyi kadachit bamdhata hai aura kadachit nahim bamdhata. Asamjnyi bamdhata hai aura nosamjnyi – noasamjnyi nahim bamdhata. Isa prakara vedaniya aura ayushya ko chhorakara shesha chhaha karmaprakritiyom ke vishaya mem kahana chahie. Vedaniyakarma ko adi ke do bamdhate haim, kintu antima ke lie bhajana hai ayushyakarma ko adi ke do – jiva bhajana se bamdhate haim. Nosamjnyi – noasamjnyi jiva ayushyakarma ko nahim bamdhate. Bhagavan ! Jnyanavaraniyakarma ko kya bhavasiddhika bamdhata hai, abhavasiddhika bamdhata hai athava nobhavasiddhika – noabhavasiddhika bamdhata hai\? Gautama ! Bhavasiddhika jiva bhajana se bamdhata hai. Abhavasiddhika jiva bamdhata hai aura nobhavasiddhika – noabhavasiddhika jiva nahim bamdhata. Isi prakara ayushyakarma ko chhorakara shesha sata karmaprakritiyom ke vishaya mem kahana chahie. Ayushyakarma ko niche ke do bhajana se bamdhate haim. Upara ka nahim bamdhata. Bhagavan ! Jnyanavaraniyakarma ko kya chakshudarshani bamdhata hai, achakshudarshani bamdhata hai, avadhidarshani bamdhata hai athava kevaladarshani bamdhata hai\? Gautama ! Niche ke tina bhajana se bamdhate haim kintu – kevaladarshani nahim bamdhata. Isi prakara vedaniya ko chhorakara shesha sata karmaprakritiyom ke vishaya mem samajha lena chahie. Vedaniyakarma ko nichale tina bamdhate haim, kintu kevalidarshani bhajana se bamdhate haim. Bhagavan ! Kya jnyanavaraniyakarma ko paryaptaka jiva bamdhata hai, aparyaptaka jiva bamdhata hai athava noparya – ptaka – noaparyaptaka jiva bamdhata hai\? Gautama ! Paryaptaka jiva bhajana se bamdhata hai; aparyaptaka jiva bamdhata hai aura noparyaptaka – noaparyaptaka jiva nahim bamdhata. Isa prakara ayushyakarma ke sivaya shesha sata karmaprakritiyom ke vishaya mem kahana chahie. Ayushyakarma ko nichale do bhajana se bamdhate haim. Amta ka nahim bamdhata. Bhagavan ! Kya jnyanavaraniyakarma ko bhashaka jiva bamdhata hai ya abhashaka\? Gautama ! Donom – bhajana se bamdhate haim. Isi prakara vedaniya ko chhorakara shesha sata ke vishaya mem kahana. Vedaniyakarma ko bhashaka bamdhata hai, abhashaka bhajana se bamdhata hai. Bhagavan ! Kya parita jiva jnyanavaraniyakarma ko bamdhata hai, aparitta jiva bamdhata hai, athava noparitta – noaparitta jiva bamdhata hai\? Gautama ! Paritta jiva jnyanavaraniya karma ko bhajana se bamdhata, aparitta jiva bamdhata hai aura noparitta – noaparitta jiva nahim bamdhata. Isa prakara ayushyakarma ko chhorakara shesha sata karmaprakritiyom ke vishaya mem kahana chahie. Ayushyakarma ko paritta jiva bhi aura aparitta jiva bhi bhajana se bamdhate haim; noparitta – noaparitta jiva nahim bamdhate. Bhagavan ! Jnyanavaraniyakarma kya abhinibodhika jnyani bamdhata hai, shrutajnyani bamdhata hai, avadhi – jnyani bamdhata hai, manahparyavajnyani bamdhata hai athava kevalajnyani bamdhata hai\? Gautama ! Jnyanavaraniyakarma ko nichale chara bhajana se bamdhate haim; kevalajnyani nahim bamdhata. Isi prakara vedaniya ko chhorakara shesha satom karmaprakritiyom ke vishaya mem samajha lena chahie. Vedaniyakarma ko nichale charom bamdhate haim; kevalajnyani bhajana se bamdhata hai. Bhagavan ! Kya jnyanavaraniyakarma ko mati – ajnyani bamdhata hai, shruta – ajnyani bamdhata hai ya vibhamgajnyani bamdhata hai? Gautama! Ayushyakarma ko chhorakara shesha satom karmaprakritiyom ko ye bamdhate haim. Ayushyakarma ko ye tinom bhajana se bamdhate haim Bhagavan ! Jnyanavaraniyakarma ko kya manoyogi bamdhata haim, vachanayogi bamdhata hai, kayayogi bamdhata hai ya ayogi bamdhata hai\? Gautama ! Nichale tina – bhajana se bamdhate haim; ayogi nahim bamdhata. Isi prakara vedaniya ko chhorakara shesha satom karmaprakritiyom ke vishaya mem kahana chahie. Vedaniya karma ko nichale bamdhate haim; ayogi nahim bamdhata. Bhagavan ! Jnyanavaraniya (adi) karma ko kya sakaropayoga vala bamdhata hai ya anakaropayoga vala bamdhata hai\? Gautama ! Bhajana se (athom karma – prakritiyom) bamdhate haim. Bhagavan ! Kya jnyanavaraniyakarma aharaka jiva bamdhata hai ya anaharaka jiva bamdhata hai\? Gautama ! Jnyana – varaniyakarma ko donom jiva bhajana se bamdhate haim. Isi prakara vedaniya aura ayushyakarma ko chhorakara shesha chhahom karma – prakritiyom ke vishaya mem samajha lena chahie. Aharaka jiva vedaniya karma ko bamdhata hai, anaharaka ke lie bhajana hai ayushyakarma ko aharaka ke lie bhajana hai; anaharaka nahim bamdhata. Bhagavan ! Jnyanavaraniyakarma ko kya sukshma jiva bamdhata hai, badara jiva bamdhata hai, athava nosukshma – nobadara jiva bamdhata hai\? Gautama ! Jnyanavaraniyakarma ko sukshmajiva bamdhata hai, badara jiva bhajana se bamdhata hai, kintu nosukshma – nobadara jiva nahim bamdhata. Isi prakara ayushyakarma ko chhorakara shesha satom karma – prakritiyom ke vishaya mem kahana chahie. Ayushyakarma ko sukshma aura badarajiva bhajana se bamdhate, nosukshma – nobadara jiva nahim bamdhata. Bhagavan ! Kya jnyanavaraniya (adi) karma ko charamajiva bamdhata hai, athava acharamajiva bamdhata hai\? Gautama ! Donom prakara ke jiva, athom karmaprakritiyom ko bhajana se bamdhate haim. |