Sutra Navigation: Acharang ( आचारांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1000151 | ||
Scripture Name( English ): | Acharang | Translated Scripture Name : | आचारांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-४ सम्यक्त्व |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-१ अध्ययन-४ सम्यक्त्व |
Section : | उद्देशक-४ संक्षेप वचन | Translated Section : | उद्देशक-४ संक्षेप वचन |
Sutra Number : | 151 | Category : | Ang-01 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] नेत्तेहिं पलिछिन्नेहिं, आयाणसोय-गढिए बाले। अव्वोच्छिन्नबंधणे, अनभिक्कंतसंजोए। तमंसि अविजाणओ आणाए लंभो नत्थि | ||
Sutra Meaning : | नेत्र आदि इन्द्रियों पर नियंत्रण का अभ्यास करते हुए भी जो पुनः कर्म के स्रोत में गृद्ध हो जाता है तथा जो जन्म – जन्मों के कर्मबन्धनों को तोड़ नहीं पाता, संयोगों को छोड़ नहीं सकता, मोह – अन्धकार में निमग्न वह बाल – अज्ञानी मानव अपने आत्महित एवं मोक्षोपाय को नहीं जान पाता। ऐसे साधक को आज्ञा का लाभ नहीं प्राप्त होता। ऐसा मैं कहता हूँ। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] nettehim palichhinnehim, ayanasoya-gadhie bale. Avvochchhinnabamdhane, anabhikkamtasamjoe. Tamamsi avijanao anae lambho natthi | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Netra adi indriyom para niyamtrana ka abhyasa karate hue bhi jo punah karma ke srota mem griddha ho jata hai tatha jo janma – janmom ke karmabandhanom ko tora nahim pata, samyogom ko chhora nahim sakata, moha – andhakara mem nimagna vaha bala – ajnyani manava apane atmahita evam mokshopaya ko nahim jana pata. Aise sadhaka ko ajnya ka labha nahim prapta hota. Aisa maim kahata hum. |