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Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 208 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स दासे वा भयए वा अंतो वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्ठे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २०७
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 209 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स दासे वा भयए वा बाहिं वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्ठे पाडिहारिए, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २०७
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 210 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स दासे वा भयए वा बाहिं वगडाए भुंजइ निट्ठिए निसट्ठे अपाडिहारिए, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २०७
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 211 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो सागारियस्स एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: शय्यातर के ज्ञातीजन हो, एक ही घर में, या घर के बाहर, एक ही या अलग चूल्हे का पानी आदि ले रहे हो लेकिन उसके सहारे जिन्दा हो तो उनका दिया गया आहार साधु को लेना न कल्पे। सूत्र – २११–२१४
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 212 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स एगवगडाए अंतो अभिनिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २११
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 213 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स एगवगडाए बाहिं सागारियस्स एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २११
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 214 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स एगवगडाए बाहिं अभिनिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २११
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 215 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स अभिनिव्वगडाए एगदुवाराए एगनिक्खमणपवेसाए अंतो एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: शय्यातर के ज्ञातीजन हो, एक दरवाजा हो, आने – जाने का एक ही मार्ग हो, घर अलग हो लेकिन घर में या घर के बाहर रसोई का मार्ग एक ही हो। अलग – अलग चूल्हे हो, या एक ही हो तो भी शय्यातर के आहार – पानी पर जिसकी रोजी चलती हो, उस आहार में से साधु को दे तो वो आहार लेना न कल्पे। सूत्र – २१५–२१८
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 216 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स अभिनिव्वगडाए एगदुवाराए एगनिक्खमणपवेसाए अंतो अभिनिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१५
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 217 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स अभिनिव्वगडाए एगदुवाराए एगनिक्खमणपवेसाए बाहिं एगपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१५
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 218 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स नायए सिया सागारियस्स अभिनिव्वगडाए एगदुवाराए एगनिक्खमणपवेसाए बाहिं अभिनिपयाए सागारियं चोवजीवइ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१५
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 219 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स चक्कियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: शय्यातर की १. तेल बेचने की, २. गुड़ की, ३. किराने की, ४. कपड़े की, ५. सूत की, ६. रुई और कपास की, ७. गंधीयाणा की, ८. मीठाई की दुकान है उसमें शय्यातर का हिस्सा है। उस दुकान पर बिक्री होती है तो उसमें से कोई भी चीज दे तो वो साधु को लेना न कल्पे, लेकिन यदि इस दुका में शय्यातर का हिस्सा न हो, उस दुकान पर बिक्री होती हो उसमें से किसी
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 220 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स चक्कियसाला निस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 221 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स गोलियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 222 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स गोलियसाला निस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 223 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स बोधियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 224 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स बोधियसाला निस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 225 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स दोसियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 226 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स दोसियसाला निस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 227 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स सोत्तियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 228 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स सोत्तियसाला निस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 229 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स बोडियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 230 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स बोडियसाला निस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 231 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स गंधियसाला साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 232 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स गंधियसाला निस्साहारणवक्कयपउत्ता, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २१९
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 233 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स ओसहीओ संथडाओ, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: दूसरों की अन्न – आदि रसोई में शय्यातर का हिस्सा हो, वखार में पड़े आम में उसका हिस्सा हो तो उसमें से दिया गया आहार आदि साधु को न कल्पे, यदि शय्यातर का हिस्सा न हो तो कल्पे। सूत्र – २३३–२३६
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 234 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स ओसहीओ असंथडाओ, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २३३
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 235 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स अंबफला संथडा, तम्हा दावए, नो से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २३३
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 236 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सागारियस्स अंबफला असंथडा, तम्हा दावए, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए।

Translated Sutra: देखो सूत्र २३३
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 237 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] सत्तसत्तमिया णं भिक्खुपडिमा एगूणपन्नाए राइंदिएहिं एगेण छन्नउएणं भिक्खासएणं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं काएण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अनुपालिया भवइ।

Translated Sutra: सात दिन की सात पड़िमा समान तपश्चर्या के ४९ रात – दिन होते हैं। पहले सात दिन अन्न – पानी की एक दत्ति – दूसरे सात दिन दो – दो दत्ति – यावत्‌ सातवें सात दिन सात – सात दत्ति गिनते कुल १९६ दत्ति होती है वो तप जिस तरह से सूत्र में बताया है, जैसा मार्ग है, जैसा सत्य अनुष्ठान है, ऐसा सम्यक्‌ तरह से काया से छूने के द्वारा निरतिचार,
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 238 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] अट्ठअट्ठमिया णं भिक्खुपडिमा चउसट्ठीए राइंदिएहिं दोहिं य अट्ठासीएहिं भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं काएण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अनुपालिया भवइ।

Translated Sutra: (ऊपर कहने के अनुसार) आठ दिन की आठ पड़िमा समान तप कहा है। पहले आठ दिन अन्न – पानी की एक – एक दत्ति, उस तरह से आठवी पड़िमा – आठ दिन की आठ दत्ति गिनते कुल ६४ रात – दिन २८८ दत्ति से तप पूर्ण हो, उसी तरह नौ दिन की नौ पड़िमा ८१ रात – दिन और कुल दत्ति ४०५ दश दिन की दश पड़िमा १०० दत्ति और कुल दत्ति ५५० होती है। उसी तरह आठवीं, नौ, दश प्रतिमा
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 239 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] नवनवमिया णं भिक्खुपडिमा एगासीए राइंदिएहिं चउहिं य पंचुत्तरेहिं भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं काएण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अनुपालिया भवइ।

Translated Sutra: देखो सूत्र २३८
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 240 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] दसदसमिया णं भिक्खुपडिमा एगेणं राइंदियसएणं अद्धछट्ठेहि य भिक्खासएहिं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातच्चं सम्मं काएण फासिया पालिया सोहिया तीरिया किट्टिया आणाए अनुपालिया भवइ।

Translated Sutra: देखो सूत्र २३८
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 241 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] दो पडिमाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–खुड्डिया चेव मोयपडिमा महल्लिया चेव मोयपडिमा।

Translated Sutra: दो प्रतिमा बताई है वो इस प्रकार है – छोटी पिशाब प्रतिमा और बड़ी पिशाब प्रतिमा।
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 242 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] खुड्डियण्णं मोयपडिमं पडिवन्नस्स अनगारस्स कप्पइ से पढमसरदकालसमयंसि वा चरिमनिदाह-कालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव सन्निवेसस्स वा वनंसि वा वनविदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्वयविदुग्गंसि वा। भोच्चा आरुभइ चोदसमेणं पारेइ। अभोच्चा आरुभइ सोलसमेणं पारेइ। जाए मोए आईयव्वे, दिया आगच्छइ आईयव्वे, राइं आगच्छइ नो आईयव्वे, सपाणे आगच्छइ नो आईयव्वे, अप्पाणे आगच्छइ आईयव्वे, सबीए आगच्छइ नो आईयव्वे, अबीए आगच्छइ आई-यव्वे, ससणिद्धे आगच्छइ नो आईयव्वे, अससणिद्धे आगच्छइ आईयव्वे, ससरक्खे आगच्छइ नो आईयव्वे, अससरक्खे आगच्छइ आईयव्वे। जाए मोए आईयव्वे तं जहा–अप्पे वा बहुए वा। एवं खलु एसा

Translated Sutra: छोटी पेशाब प्रतिमा वहनेवाले साधु को पहले शरद काल में (मागसर मास में) और अन्तिम उष्ण काल में (आषाढ़ मास में) गाँव के बाहर यावत्‌ सन्निवेश, वन, वनदूर्ग, पर्वत, पर्वतदूर्ग में यह प्रतिमा धारण करना कल्पे, भोजन करके प्रतिमा ग्रहण करे तो १४ भक्त से पूरी हो यानि छ उपवास के बाद पारणा करे, खाए बिना पड़िमा कने से १६ भक्त से यानि
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 243 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] महल्लियण्णं मोयपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स कप्पइ से पढमसरदकालसमयंसि वा चरिम-निदाहकालसमयंसि वा बहिया गामस्स वा जाव सन्निवेसस्स वा वणंसि वा वणविदुग्गंसि वा पव्वयंसि वा पव्वयविदुग्गंसि वा। भोच्चा आरुभइ सोलसमेणं पारेइ। अभोच्चा आरुभइ अट्ठारसमेणं पारेइ। जाए मोए आईयव्वे, दिया आगच्छइ आईयव्वे, राइं आगच्छइ नो आईयव्वे, सपाणे आगच्छइ नो आईयव्वे, अप्पाणे आगच्छइ आईयव्वे, सबीए आगच्छइ नो आईयव्वे, अबीए आगच्छई आईयव्वे, ससणिद्धे आगच्छइ नो आईयव्वे, अससणिद्धे आगच्छइ आईयव्वे, ससरक्खे आगच्छइ नो आईयव्वे, अससरक्खे आगच्छइ आईयव्वे, जाए मोए आईयव्वे, तं जहा–अप्पे वा बहुए वा। एवं खलु

Translated Sutra: बड़ी पिशाब प्रतिमा (अभिग्रह) अपनानेवाले साधु को ऊपर बताए अनुसार विधि से प्रतिमा वहन करनी हो। फर्क इतना कि भोजन करके प्रतिमा वहे तो, ७ – उपवास और भोजन किए बिना ८ – उपवास, बाकी सभी विधि छोटी प्रतिमा अनुसार मानना।
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 244 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] संखादत्तियस्स णं भिक्खुस्स पडिग्गहधारिस्स जावइयं-जावइयं केइ अंतो पडिग्गहंसि उवित्ता दलएज्जा तावइयाओ ताओ दत्तीओ वत्तव्वं सिया, तत्थ से केइ छव्वेण वा दूसएण वा वालएण वा अंतो पडिग्गहंसि उवित्ता दलएज्जा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया। तत्थ से बहवे भुंजमाणा सव्वे ते सयं पिंडं अंतो पडिग्गहंसि उवित्ता दलएज्जा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया।

Translated Sutra: अन्न – पानी की दत्ति की अमुक संख्या लेनेवाले साधु को पात्र धारक गृहस्थ के घर आहार के लिए प्रवेश बाद यात्रा में वो गृहस्थ अन्न की जितनी दत्ति दे उतनी दत्ति कहलाए। अन्न – पानी देते हुए धारा न तूटे वो एक दत्ति, उस साधु को किसी दातार वाँस की छाब में, वस्त्र से, चालणी से, पात्र उठाकर साधु को ऊपर से दे तब धारा तूटे नहीं
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 245 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] संखादत्तियस्स णं भिक्खुस्स पाणिपडिग्गहियस्स जावइयं-जावइयं केइ अंतो पाणिंसि उवित्ता दलएज्जा तावइयाओ ताओ दत्तीओ वत्तव्वं सिया। तत्थ से केइ छव्वेण वा दूसएण वा वालएण वा अंतो पाणिंसि उवित्ता दलएज्जा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया। तत्थ से बहवे भुंजमाणा सव्वे ते सयं पिंडं अंतो पाणिंसि उवित्ता दलएज्जा, सव्वा वि णं सा एगा दत्ती वत्तव्वं सिया।

Translated Sutra: जिस साधु ने पानी की दत्ति का अभिग्रह किया है वो गृहस्थ के वहाँ पानी लेने जाए तब एक पात्र ऊपर से पानी देने के लिए उठाया है उन सबको धारा न तूटे तब तक एक दत्ति कहते हैं। (आदि सर्व हकीकत ऊपर के सूत्र २४४ की आहार की दत्ति मुताबिक जानना।)
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 246 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] तिविहे उवहडे पन्नत्ते, तं जहा–सुद्धोवहडे फलिओवहडे संसट्ठोवहडे।

Translated Sutra: अभिग्रह तीन प्रकार के बताए, सफेद अन्न लेना, काष्ठ पात्र में सामने से लाकर दे वो हाथ से या बरतन से दे तो जो कोई ग्रहे, जो कोई दे, यदि कोई चीज को मुख में रखे वो चीज ही लेनी चाहिए। वो दूसरे प्रकार से तीन अभिग्रह। सूत्र – २४६, २४७
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 247 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] तिविहे ओग्गहिए पन्नत्ते, तं जहा–जं च ओगिण्हइ, जं च साहरइ, जं च आसगंसि पक्खिवइ एगे एवमाहंसु।

Translated Sutra: देखो सूत्र २४६
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-९ Hindi 248 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] एगे पुण एवमाहंसु दुविहे ओग्गहिए पन्नत्ते, तं जहा–जं च ओगिण्हइ, जं च आसगंसि पक्खिवइ।

Translated Sutra: दो प्रकार से (भी) अभिग्रह बताए हैं। (१) जो हाथ में ले वो चीज लेना (२) जो मुख में रखे वो चीज लेना – ईस प्रकार मैं (तुम्हें) कहता हूँ।
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 249 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] दो पडिमाओ पन्नत्ताओ तं जहा–जवमज्झा य चंदपडिमा, वइरमज्झा य चंदपडिमा। जवमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स मासं निच्चं वोसट्ठकाए चत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पज्जंति तं जहा –दिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा, अनुलोमा वा पडिलोमा वा–तत्थ अनुलोमा ताव वंदेज्जा वा नमंसेज्जा वा सक्कारेज्जा वा सम्माणेज्जा वा कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासेज्जा, तत्थ पडिलोमा अन्नयरेणं दंडेण वा, अट्ठीण वा, जोत्तेण वा, वेत्तेण वा कसेण वा काए आउडेज्जा–ते सव्वे उप्पण्णे सम्मं सहेज्जा खमेज्जा तितिक्खेज्जा अहियासेज्जा। जवमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स सुक्कपक्खस्स

Translated Sutra: दो प्रतिमा (अभिग्रह) बताए हैं। वो इस प्रकार – जव मध्य चन्द्र प्रतिमा और वज्र मध्य चन्द्र प्रतिमा। जव मध्य चन्द्र प्रतिमाधारी साधु एक महिने तक काया की ममता का त्याग करते हैं। जो कोई देव या तिर्यंच सम्बन्धी अनुकूलया प्रतिकूल उपसर्ग उत्पन्न हो जिसमें वंदन – नमस्कार, सत्कार – सन्मान, कल्याण – मंगल, देवसर्दश आदि
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 250 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] वइरमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स मासं निच्चं वोसट्ठकाए चत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पज्जंति, तं जहा –दिव्वा वा माणुसा वा तिरिक्खजोणिया वा अनुलोमा वा पडिलोमा वा–तत्थ अनुलोमा ताव वंदेज्जा वा नमंसेज्जा वा सक्कारेज्जा वा सम्माणेज्जा वा कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पज्जुवासेज्जा, तत्थ पडिलोमा अन्नयरेणं दंडेण वा, अट्ठीण वा, जोत्तेण वा, वेत्तेण वा, कसेण वा, काए आउडेज्जा–ते सव्वे उप्पन्ने सम्मं सहेज्जा खमेज्जा तितिक्खेज्जा अहियासेज्जा। वइरमज्झण्णं चंदपडिमं पडिवन्नस्स अणगारस्स बहुलपक्खस्स पाडिवए कप्पइ पण्णरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, पण्णरस पाणणस्स।

Translated Sutra: व्रज मध्य प्रतिमा (यानि अभिग्रह विशेष) धारण करनेवाले को काया की ममता का त्याग, उपसर्ग सहना आदि सब ऊपर के सूत्र २४९ में कहने के मुताबिक जानना। विशेष यह की प्रतिमा का आरम्भ कृष्ण पक्ष से होता है। एकम को पंद्रह दत्ति अन्न की और पंद्रह दत्ति पानी की लेकर तप का आरम्भ हो यावत्‌ अमावास तक एक – एक दत्ति कम होने से अमावास
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 251 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] पंचविहे ववहारे पन्नत्ते तं जहा–आगमे सुए आणा धारणा जीए। जहा से तत्थ आगमे सिया, आगमेणं ववहारं पट्ठवेज्जा। नो से तत्थ आगमे सिया, जहा से तत्थ सुए सिया, सुएणं ववहारं पट्ठवेज्जा। नो से तत्थ सुए सिया, जहा से तत्थ आणा सिया, आणाए ववहारं पट्ठवेज्जा। नो से तत्थ आणा सिया, जहा से तत्थ धारणा सिया, धारणाए ववहारं पट्ठवेज्जा। नो से तत्थ धारणा सिया, जहा से तत्थ जीए सिया, जीएणं ववहारं पट्ठवेज्जा। इच्चेतेहिं पंचहिं ववहारेहिं ववहारं पट्ठवेज्जा, तं जहा–आगमेणं सुएणं आणाए धारणाए जीएणं। जहा-जहा से आगमे सुए आणा धारणा जीए तहा-तहा ववहारे पट्ठवेज्जा। से किमाहु भंते? आगमबलिया समणा निग्गंथा। इच्चेयं

Translated Sutra: व्यवहार पाँच तरह से बताए हैं। वो इस प्रकार आगम, श्रुत्‌ आज्ञा, धारणा और जीत, जहाँ आगम व्यवहारी यानि कि केवली या पूर्वधर हो वहाँ आगम व्यवहार स्थापित करना। जहाँ आगम व्यवहारी न हो वहाँ सूत्र (आयारो आदि) व्यवहा स्थापित करना, जहाँ सूत्र ज्ञाता भी न हो वहाँ आज्ञा व्यवहार स्थापना, जहाँ आज्ञा व्यवहारी न हो वहाँ धारणा
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 252 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–अट्ठकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो अट्ठकरे, एगे अट्ठकरे वि मानकरे वि, एगे नो अट्ठकरे नो मानकरे।

Translated Sutra: चार तरह के पुरुष हैं वो कहते हैं। (१) उपकार करे लेकिन मान न करे, मान करे लेकिन उपकार न करे, दोनों करे, दोनों में से एक भी न करे, (२) समुदाय का काम करे लेकिन मान न करे, मान करे लेकिन समुदाय का काम न करे, दोनों करे, दोनों में से एक भी न करे, (३) समुदाय के लिए संग्रह करे लेकिन मान न करे, मान करे लेकिन समुदाय के लिए संग्रह न करे,
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 253 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–गणट्ठकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो गणट्ठकरे, एगे गणट्ठकरे वि मानकरे वि, एगे नो गणट्ठकरे नो मानकरे।

Translated Sutra: देखो सूत्र २५२
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 254 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–गणसंगहकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो गणसंगहकरे, एगे गणसंगहकरे वि मानकरे वि, एगे नो गणसंगहकरे नो मानकरे।

Translated Sutra: देखो सूत्र २५२
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 255 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–गणसोभकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो गणसोभकरे, एगे गणसोभकरे वि मानकरे वि, एगे नो गणसोभकरे नो मानकरे।

Translated Sutra: देखो सूत्र २५२
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 256 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–गणसोहिकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो गणसोहिकरे, एगे गणसोहिकरे वि मानकरे वि, एगे नो गणसोहिकरे नो मानकरे।

Translated Sutra: देखो सूत्र २५२
Vyavaharsutra व्यवहारसूत्र Ardha-Magadhi

उद्देशक-१० Hindi 257 Sutra Chheda-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता, तं जहा–रूवं नाममेगे जहइ नो धम्मं, धम्मं नाममेगे जहइ नो रूवं, एगे रूवं पि जहइ धम्मं पि जहइ, एगे नो रूवं जहइ नो धम्मं जहइ।

Translated Sutra: देखो सूत्र २५२
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