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Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 71 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं सचित्ते दव्वोवक्कमे? सचित्ते दव्वोवक्कमे तिविहे पन्नत्ते, तं जहा–दुपयाणं चउप्पयाणं अपयाणं। एक्किक्के पुण दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–परिकम्मे य वत्थुविणासे य।

Translated Sutra: सचित्तद्रव्योपक्रम क्या है ? तीन प्रकार का है। द्विपद, चतुष्पद और अपद। ये प्रत्येक उपक्रम भी दो – दो प्रकार के हैं – परिकर्मद्रव्योपक्रम, वस्तुविनाशद्रव्योपक्रम।
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 72 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं दुपयउवक्कमे? दुपयउवक्कमे–दुपयाणं नडाणं नट्टाणं जल्लाणं मल्लाणं मुट्ठियाणं वेलंबगाणं कहगाणं पवगाणं लासगाणं आइक्खगाणं लंखाणं मंखाणं तूणइल्लाणं तुंबवीणियाणं कायाणं मागहाणं। से तं दुपयउवक्कमे।

Translated Sutra: द्विपद – उपक्रम क्या है ? नटों, नर्तकों, जल्लों, मल्लों, मौष्टिकों, वेलंबकों, कथकों, प्लवकों, तैरने वालों, लासकों, आख्यायकों, लंखों, मंखों, तूणिकों, तुंबवीणकों, कावडियाओं तथा मागधों आदि दो पैर वालों का परिकर्म और विनाश करने रूप उपक्रम द्विपदद्रव्योपक्रम है।
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 73 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं चउप्पयउवक्कमे? चउप्पयउवक्कमे–चउप्पयाणं आसाणं हत्थीणं इच्चाइ। से तं चउप्पयउवक्कमे।

Translated Sutra: चतुष्पदोपक्रम क्या है ? चार पैर वाले अश्व, हाथी आदि पशुओं के उपक्रम चतुष्पदोपक्रम हैं।
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 74 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं अपयउवक्कमे? अपयउवक्कमे अपयाणं अंबाणं अंबाडगाणं इच्चाइ। से तं अपयउवक्कमे। से तं सचित्ते दव्वोवकम्मे।

Translated Sutra: अपद – द्रव्योपक्रम क्या है ? आम, आम्रातक आदि बिना पैर वालों से सम्बन्धित उपक्रम अपद – उपक्रम हैं।
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 75 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं अचित्ते दव्वोवक्कमे? अचित्ते दव्वोवक्कमे–खंडाईणं गुडाईणं मच्छंडीणं। से तं अचित्ते दव्वोवक्कमे।

Translated Sutra: अचित्तद्रव्योपक्रम क्या है ? खांड, गुड़, मिश्री अथवा राब आदि पदार्थों में उपायविशेष से मधुरता की वृद्धि करने और इनके विनाश करने रूप उपक्रम अचित्तद्रव्योपक्रम हैं।
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 76 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं मीसए दव्वोवक्कमे? मीसए दव्वोवक्कमे–से चेव थासगआयंसगाइमंडिए आसाइ। से तं मीसए दव्वोवक्कमे। से तं जाणगसरीर-भवियसरीर-वतिरित्ते दव्वोवक्कमे। से तं नोआगमओ दव्वोवक्कमे। से तं दव्वोवक्कमे।

Translated Sutra: मिश्रद्रव्योपक्रम क्या है ? स्थासक, दर्पण आदि से विभूषित एवं मंडित अश्वाद सम्बन्धी उपक्रम मिश्रद्रव्योपक्रम हैं।
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 77 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं खेत्तोवक्कमे? खेत्तोवक्कमे–जण्णं हलकुलियाईहिं खेत्ताइं उवक्कमिज्जंति, इच्चाइ। से तं खेत्तोवक्कमे।

Translated Sutra: क्षेत्रोपक्रम क्या है ? हल, कुलिक आदि के द्वारा जो क्षेत्र को उपक्रान्त किया जाता है, वह क्षेत्रोपक्रम है।
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 78 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं कालोवक्कमे? कालोवक्कमे–जण्णं नालियाईहिं कालस्सोवक्कमणं कीरइ। से तं कालोवक्कमे।

Translated Sutra: कालोपक्रम क्या है ? नालिका आदि द्वारा जो काल का यथावत्‌ ज्ञान होता है, वह कालोपक्रम है।
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 79 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं भावोवक्कमे? भावोवक्कमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–आगमओ य नोआगमओ य। से किं तं आगमओ भावोवक्कमे? आगमओ भावोवक्कमे–जाणए उवउत्ते। से तं आगमओ भावोवक्कमे। से किं तं नोआगमओ भावोवक्कमे? नोआगमओ भावोवक्कमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पसत्थे य अपसत्थे य। से किं तं अपसत्थे भावोवक्कमे? अपसत्थे भावोवक्कमे–डोडिणि-गणिया अमच्चाईणं। से तं अपसत्थे भावोवक्कमे। से किं तं पसत्थे भावोवक्कमे? पसत्थे भावोवक्कमे–गुरुमाईणं। से तं पसत्थे भावोवक्कमे।से तं नोआगमओ भावोवक्कमे। से तं भावोवक्कमे। से तं उवक्कमे।

Translated Sutra: भावोपक्रम क्या है ? दो प्रकार हैं। आगमभावोपक्रम, नोआगमभावोपक्रम। भगवन्‌ ! आगमभावोपक्रम क्या है ? उपक्रम के अर्त को जानने के साथ जो उसके उपयोग से भी युक्त हो, वह आगमभावोपक्रम हैं। नोआगमभावोपक्रम दो प्रकार का है। प्रशस्त और अप्रशस्त। अप्रशस्त भावोपक्रम क्या है ? डोडणी ब्राह्मणी, गणिका और अमात्यादि का अन्य
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 81 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं आनुपुव्वी? आनुपुव्वी दसविहा पन्नत्ता, तं जहा–१. नामानुपुव्वी २. ठवणानुपुव्वी ३. दव्वानुपुव्वी ४. खेत्तानुपुव्वी ५. कालानुपुव्वी ६. उक्कित्तणानुपुव्वी ७. गणणानुपुव्वी ८. संठाणानुपुव्वी ९. सामायारियानुपुव्वी १०. भावानुपुव्वी।

Translated Sutra: आनुपूर्वी क्या है ? दस प्रकार की है। नामानुपूर्वी, स्थापनानुपूर्वी, द्रव्यानुपूर्वी, क्षेत्रानुपूर्वी, कालानुपूर्वी, उत्कीर्तनानुपूर्वी, गणनानुपूर्वी, संस्थानानुपूर्वी, सामाचार्यनुपूर्वी, भावानुपूर्वी।
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 82 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नामानुपुव्वी? नामानुपुव्वी– जस्स णं जीवस्स वा अजीवस्स वा जीवाण वा अजीवाण वा तदुभयस्स वा तदुभयाण वा आनुपुव्वी त्ति नामं कज्जइ। से तं नामानुपुव्वी। से किं तं ठवणानुपुव्वी? ठवणानुपुव्वी– जण्णं कट्ठकम्मे वा चित्तकम्मे वा पोत्थकम्मे वा लेप्पकम्मे वा गंथिमे वा वेढिमे वा पूरिमे वा संघाइमे वा अक्खे वा वराडए वा एगो वा अनेगा वा सब्भावठवणाए वा असब्भाव-ठवणाए वा आनुपुव्वी त्ति ठवणा ठविज्जइ। से तं ठवणानुपुव्वी। नाम-ट्ठवणाणं को पइविसेसो? नामं आवकहियं, ठवणा इत्तरिया वा होज्जा आवकहिया वा। से किं तं दव्वानुपुव्वी? दव्वानुपुव्वी दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–आगमओ य नोआगमओ

Translated Sutra: नाम (स्थापना) आनुपूर्वी क्या है ? नाम और स्थापना आनुपूर्वी का स्वरूप नाम और स्थापना आवश्यक जैसा जानना। द्रव्यानुपूर्वी का स्वरूप भी ज्ञायकशरीर – भव्यशरीरव्यतिरिक्त द्रव्यानुपूर्वी के पहले तक सभेद द्रव्यावश्यक के समान जानना चाहिए। ज्ञायकशरीर – भव्यशरीरव्यतिरिक्त द्रव्यानुपूर्वी क्या है ? दो प्रकार की
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 83 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया दव्वानुपुव्वी? नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया दव्वानुपुव्वी पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा–१. अट्ठपयपरूवणया २. भंगसमुक्कित्तणया ३. भंगोवदंसणया ४. समोयारे ५. अनुगमे।

Translated Sutra: नैगमनय और व्यवहारनय द्वारा मान्य अनौपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी क्या है ? उसके पाँच प्रकार हैं। अर्थपदप्ररूपणा, भंगसमुत्कीर्तनता, भंगोपदर्शनता, समवतार और अनुगम।
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 84 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया? नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया–तिपएसिए आनुपुव्वी चउपएसिए आनुपुव्वी जाव दसपएसिए आनुपुव्वी संखेज्जपएसिए आनुपुव्वी असंखेज्जपएसिए आनुपुव्वी अनंतपएसिए आनुपुव्वी। परमाणुपोग्गले अनानुपुव्वी। दुपएसिए अवत्तव्वए। तिपएसिया आनुपुव्वीओ जाव अनंतपएसिया आनुपुव्वीओ। परमाणुपोग्गला अनानुपुव्वीओ। दुपएसिया अवत्तव्वयाइं। से तं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया।

Translated Sutra: भगवन्‌ ! नैगम – व्यवहारनयसंमत अर्थपद की प्ररूपणा क्या है ? त्र्यणुकस्कन्ध आनुपूर्वी है। इसी प्रकार चतुष्प्रदेशिक आनुपूर्वी यावत्‌ दसप्रदेशिक, संख्यातप्रदेशिक, असंख्यातप्रदेशिक और अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है। किन्तु परमाणु पुद्‌गल अनानुपूर्वी रूप है। द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्य है। अनेक
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 85 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] एयाए णं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं? एयाए णं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए भंग समुक्कित्तणया कज्जइ।

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसंमत इस अर्थपदप्ररूपणा रूप आनुपूर्वी से क्या प्रयोजन सिद्ध होता है ? इनसे भंगसमुत्कीर्तना की जाती है।
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 86 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया? नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया–१. अत्थि आनुपुव्वी २. अत्थि अनानुपुव्वी ३. अत्थि अवत्तव्वए ४. अत्थि आनुपुव्वीओ ५. अत्थि अनानुपुव्वीओ ६. अत्थि अवत्तव्वयाइं। अहवा १. अत्थि आनुपुव्वी य अनानुपुव्वी य ७. अहवा २. अत्थि आनुपुव्वी य अनानु-पुव्वीओ य ८. अहवा ३. अत्थि आनुपुव्वीओ य अनानुपुव्वी य ९. अहवा ४. अत्थि आनुपुव्वीओ य अनानुपुव्वीओ य १०। अहवा १. अत्थि आनुपुव्वी य अवत्तव्वए य ११. अहवा २. अत्थि आनुपुव्वी य अवत्तव्वयाइं च १२. अहवा ३. अत्थि आनुपुव्वीओ य अवत्तव्वए य १३. अहवा ४. अत्थि आनुपुव्वीओ य अवत्तव्वयाइं च १४। अहवा १. अत्थि अनानुपुव्वी

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसंमत भंगसमुत्कीर्तन क्या है ? वह ईस प्रकार हैं – आनुपूर्वी है, अनानुपूर्वी है, अवक्तव्य है, आनुपूर्वियाँ हैं, (अनेक) अवक्तव्य हैं। अथवा – आनुपूर्वी और अनानुपूर्वी है, आनुपूर्वी और अनानुपूर्वियाँ हैं, आनुपूर्वियाँ और अनानुपूर्वी है, आनुपूर्वियाँ और अनानुपूर्वियाँ हैं। अथवा – आनुपूर्वि और
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 88 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया? नेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया–१. तिपएसिए आनुपुव्वी २. परमा-णुपोग्गले अनानुपुव्वी ३. दुपएसिए अवत्तव्वए ४. तिपएसिया आनुपुव्वीओ ५. परमाणुपोग्गला अनानुपुव्वीओ ६. दुपएसिया अवत्तव्वयाइं। अहवा १. तिपएसिए य परमाणुपोग्गले य आनुपुव्वी य अनानुपुव्वी य ७. अहवा २. तिपएसिए य परमाणुपोग्गला य आनुपुव्वी य अनानुपुव्वीओ य ८. अहवा ३. तिपएसिया य परमाणुपोग्गले य आनुपुव्वीओ य अनानुपुव्वी य ९. अहवा ४. तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य आनुपुव्वीओ अनानुपुव्वीओ य १०। अहवा १. तिपएसिए य दुपएसिए य आनुपुव्वी य अवत्तव्वए य ११. अहवा २. तिपएसिए य दुपएसिया य आनुपुव्वी

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसंमत भंगोपदर्शनता क्या है ? वह इस प्रकार है – त्रिप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है, परमाणुपुद्‌गल अनानुपूर्वी है, द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्य है, त्रिप्रदेशिक अनेक स्कन्ध आनुपूर्वियाँ हैं, अनेक परमाणु पुद्‌गल अनानुपूर्वियाँ हैं, अनेक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्यक हैं। त्रिप्रदेशिक स्कन्ध
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 89 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं समोयारे? समोयारे–नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं कहिं समोयरंति– किं आनुपुव्विदव्वेहिं समोय-रंति? अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति? नेगम-ववहाराणं आनुपुव्वि-दव्वाइं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अनानुपुव्विदव्वेहिं समो-यरंति, नो अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति। नेगम-ववहाराणं अनानुपुव्विदव्वाइं कहिं समोयरंति– किं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति? अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति? अवत्तव्वयदव्वेहिं समोयरंति? नेगम-ववहाराणं अनानुपुव्विदव्वाइं नो आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्वयदव्वेहिं

Translated Sutra: समवतार क्या है ? नैगम – व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य कहाँ समवतरित होते हैं ? क्या आनुपूर्वीद्रव्यों में समव – तरित होते हैं, अनानुपूर्वीद्रव्यों में अथवा अवक्तव्यकद्रव्यों में समवतरित होते हैं ? आयुष्मन्‌ ! नैगम – व्यवहारनयसम्मत्‌ आनु – पूर्वीद्रव्य केवल आनुपूर्वीद्रव्यों में समवतरित होते हैं। नैगम
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Hindi 90 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं अनुगमे? अनुगमे नवविहे पन्नत्ते, तं जहा–

Translated Sutra: अनुगम क्या है ? नौ प्रकार का है, सत्पदप्ररूपणा, द्रव्यप्रमाण, क्षेत्र, स्पर्शना, काल, अन्तर, भाग, भाव और अल्पबहुत्व। सूत्र – ९०, ९१
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 96 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं कालओ केवच्चिरं होंति? एगदव्वं पडुच्च जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं। नाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वद्धा। एवं दोन्नि वि। अनानुपुव्वि-दव्वाइं अवत्तव्वगदव्वाइं च एवं चेव भाणिअव्वाइं।

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसंमत आनुपूर्वीद्रव्य काल की अपेक्षा कितने काल तक रहते हैं ? एक आनुपूर्वीद्रव्य जघन्य एक समय एवं उत्कृष्ट असंख्यात काल तक उसी स्वरूप में रहता है और विविध आनुपूर्वीद्रव्यों की अपेक्षा नियमतः स्थिति सार्वकालिक है। इसी प्रकार अनानुपूर्वी और अवक्तव्य द्रव्यों की स्थिति भी जानना।
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Hindi 97 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाणं अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ? एगदव्वं पडुच्च जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अनंतं कालं। नाणादव्वाइं पडुच्च नत्थि अंतरं। नेगम-ववहाराणं अनानुपुव्विदव्वाणं अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ? एगदव्वं पडुच्च जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं। नानादव्वाइं पडुच्च नत्थि अंतरं। नेगम-ववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाणं अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ? एगदव्वं पडुच्च जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अनंतं कालं। नाणादव्वाइं पडुच्च नत्थि अंतरं।

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्यों का कालापेक्षया अंतर कितना होता है ? एक आनुपूर्वीद्रव्य की अपेक्षा जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अनन्त काल का, किन्तु अनेक द्रव्यों की अपेक्षा विरहकाल नहीं है। नैगम – व्यवहारनयसंमत अनानु – पूर्वीद्रव्यों का काल की अपेक्षा अंतर कितना होता है ? एक अनानुपूर्वीद्रव्य की अपेक्षा
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Hindi 98 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं सेसदव्वाणं कइ भागे होज्जा–किं संखेज्जइभागे होज्जा? असंखेज्जइभागे होज्जा? संखेज्जेसु भागेसु होज्जा? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा? नो संखेज्जइभागे होज्जा, नो असंखेज्जइभागे होज्जा, नो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा, नियमा असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा। नेगम-ववहाराणं अनानुपुव्विदव्वाइं सेसदव्वाणं कइ भागे होज्जा– किं संखेज्जइभागे होज्जा? असंखेज्जइभागे होज्जा? संखेज्जेसु भागेसु होज्जा? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा? नो संखेज्जइभागे होज्जा, असंखेज्जइभागे होज्जा, नो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा, नो असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा। एवं अवत्तव्वगदव्वाणि

Translated Sutra: भगवन्‌ ! नैगम – व्यवहारनयसंमत समस्त आनुपूर्वीद्रव्य शेष द्रव्यों के कितनेवें भाग हैं ? क्या संख्यात भाग हैं ? असंख्यात भाग हैं अथवा संख्यात भागों या असंख्यात भागों रूप हैं ? आनुपूर्वीद्रव्य शेष द्रव्यों के नियमतः असंख्यात भागों रूप हैं। नैगम – व्यवहारनयसंमत अनानुपूर्वीद्रव्य शेष द्रव्यों के कितनेवें भाग
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Hindi 99 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं कयरम्मि भावे होज्जा–किं उदइए भावे होज्जा? उवसमिए भावे होज्जा? खइए भावे होज्जा? खओवसमिए भावे होज्जा? पारिणामिए भावे होज्जा? सन्निवाइए भावे होज्जा? नियमा साइपारिणामिए भावे होज्जा। एवं दोन्नि वि।

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य किस भाव में वर्तते हैं ? क्या औदयिक भाव में, औपशमिक भाव से, क्षायिक भाव में, क्षयोपशमिक भाव में, पारिणामिक भाव में अथवा सान्निपातिक भाव में वर्तते हैं ? समस्त आनुपूर्वीद्रव्य सादि पारिणामिक भाव में होते हैं। अनानुपूर्वीद्रव्यों और अवक्तव्यद्रव्यों में भी सादिपारिणामिक
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Hindi 100 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] एएसि णं नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाणं अनानुपुव्विदव्वाणं अवत्तव्वगदव्वाण य दव्वट्ठयाए पएसट्ठयाए दव्वट्ठपएसट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा? सव्वत्थोवाइं नेगम-ववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाइं दव्वट्ठयाए, अनानुपुव्विदव्वाइं दव्वट्ठयाए विसेसाहियाइं, आनुपुव्विदव्वाइं दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणाइं। पएसट्ठयाए–सव्वत्थोवाइं नेगम-ववहाराणं अनानुपुव्विदव्वाइं अपएसट्ठयाए, अवत्तव्वग-दव्वाइं पएसट्ठयाए विसेसाहियाइं, आनुपुव्विदव्वाइं पएसट्ठयाए अनंतगुणाइं। दव्वट्ठ-पएसट्ठयाए–सव्वत्थोवाइं नेगम-ववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाइं दव्वट्ठयाए,

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसंमत आनुपूर्वीद्रव्यों, अनानुपूर्वीद्रव्यों और अवक्तव्यद्रव्यों में से द्रव्य, प्रदेश और द्रव्यप्रदेश की अपेक्षा कौन द्रव्य किन द्रव्यों की अपेक्षा अल्प, अधिक, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! द्रव्य की अपेक्षा नैगम – व्यवहार नयसम्मत अवक्तव्यद्रव्य सबसे स्तोक हैं, अवक्तव्यद्रव्यों की
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 101 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संगहस्स अनोवनिहिया दव्वानुपुव्वी? संगहस्स अनोवनिहिया दव्वानुपुव्वी पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा–१. अट्ठपयपरूवणया २. भंगसमुक्कित्तणया ३. भंगोवदंसणया ४. समोयारे ५. अनुगमे।

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत अनौपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी क्या है ? वह पाँच प्रकार की है। – अर्थपदप्ररूपणता, भंगसमुत्कीर्तनता, भंगोपदर्शनता, समवतार, अनुगम।
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अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 102 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया? संगहस्स अट्ठपयपरूवणया– तिपएसिया आनुपुव्वी चउपएसिया आनुपुव्वी जाव दसपए-सिया आनुपुव्वी संखेज्जपएसिया आनुपुव्वी असंखेज्जपएसिया आनुपुव्वी अनंतपएसिया आनु-पुव्वी। परमाणु-पोग्गला अनानुपुव्वी। दुपएसिया अवत्तव्वए। से तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया।

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत अर्थपदप्ररूपणता क्या है ? वह ईस प्रकार है – त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, चतुष्प्रदेशी स्कन्ध, यावत्‌ दस – प्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है, संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है, असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है, अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी है। परमाणुपुद्‌गल अनानुपूर्वी हैं और द्विप्रदेशिक
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Hindi 103 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं? एयाए णं संगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए भंगसमुक्कित्तणया कीरइ। से किं तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया? संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया–१. अत्थि आनुपुव्वी २. अत्थि अनानुपुव्वी ३. अत्थि अवत्तव्वए अहवा ४. अत्थि आनुपुव्वी य अनानुपुव्वी य अहवा ५. अत्थि आनुपुव्वी य अवत्तव्वए य अहवा ६. अत्थि अनानुपुव्वी य अवत्तव्वए य अहवा ७. अत्थि आनुपुव्वी य अनानुपुव्वी य अवत्तव्वए य। एवं एए सत्त भंगा। से तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया। एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणयाए किं पओयणं? एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्कि-त्तणयाए भंगोवदंसणया कीरइ।

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत इस अर्थपदप्ररूपणता का क्या प्रयोजन है ? ईसके द्वारा संग्रहनयसम्मत भंगसमुत्कीर्तनता की जाती है। संग्रहनयसम्मत भंगसमुत्कीर्तनता क्या है ? उसका स्वरूप इस प्रकार है – आनुपूर्वी, अनानुपूर्वी है, अवक्तव्यक है। अथवा आनुपूर्वी और अनानुपूर्वी है, आनुपूर्वी और अवक्तव्यक है, अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक
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Hindi 104 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संगहस्स भंगोवदंसणया? संगहस्स भंगोवदंसणया–१. तिपएसिया आनुपुव्वी २. परमाणुपोग्गला अनानुपुव्वी ३. दुपएसिया अवत्तव्वए अहवा ४. तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य आनुपुव्वी य अनानुपुव्वी य अहवा ५. तिप-एसिया य दुपएसिया य आनुपुव्वी य अवत्तव्वए य अहवा ६. परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य अनानुपुव्वी य अवत्तव्वए य अहवा ७. तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसिया य आनुपुव्वी य अनानुपुव्वी य अवत्तव्वए य। [एवं एए सत्त भंगा?] । से तं संगहस्स भंगोवदंसणया।

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत भंगोपदर्शनता क्या है ? उसका स्वरूप इस प्रकार है – त्रिप्रदेशिक स्कन्ध आनुपूर्वी शब्द के वाच्यार्थ रूप में, परमाणुपुद्‌गल अनानुपूर्वी शब्द के वाच्यार्थ रूप में और द्विप्रदेशिक स्कन्ध अवक्तव्यक शब्द के वाच्यार्थ रूप में विवक्षित होते हैं। अथवा – त्रिप्रदेशिक स्कन्ध और परमाणुपुद्‌गल, आनुपूर्वी
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Hindi 105 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संगहस्स समोयारे? समोयारे–संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं कहिं समोयरंति? किं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति? अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति? अवत्तव्वगदव्वेहिं समोयरंति? संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्वगदव्वेहिं समोयरंति। एवं दोन्नि वि सट्ठाणे समोयरंति। से तं समोयारे।

Translated Sutra: भगवन्‌ ! समवतार क्या है ? क्या संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य आनुपूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? अथवा अनानु – पूर्वीद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? या अवक्तव्यकद्रव्यों में समाविष्ट होते हैं ? संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य, आनुपूर्वीद्रव्यों में ही समवतरित होते हैं। इसी प्रकार अनानुपूर्वीद्रव्य
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Hindi 106 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं अनुगमे? अनुगमे अट्ठविहे पन्नत्ते, तं जहा–

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत अनुगम क्या है ? वह आठ प्रकार का है। सत्पदप्ररूपणा, द्रव्यप्रमाण, क्षेत्र, स्पर्शना, काल, अन्तर, भाग और भाव। इसमें अल्पबहुत्व नहीं होता है। सूत्र – १०६, १०७
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Hindi 108 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं किं अत्थि? नत्थि? नियमा अत्थि। एवं दोन्नि वि। संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं किं संखेज्जाइं? असंखेज्जाइं? अनंताइं? नो संखेज्जाइं नो असंखेज्जाइं नो अनंताइं, नियमा एगो रासी। एवं दोन्नि वि। संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं लोगस्स कति भागे होज्जा–किं संखेज्जइभागे होज्जा? असंखे-ज्जइभागे होज्जा? संखेज्जेसु भागेसु होज्जा? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा? सव्वलोए होज्जा? नो संखेज्जइभागे होज्जा, नो असंखेज्जइभागे होज्जा, नो संखेज्जेसु भागेसु होज्जा, नो असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा, नियमा सव्वलोए होज्जा। एवं दोन्नि वि। संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं लोगस्स कति

Translated Sutra: संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य हैं अथवा नहीं हैं ? नियमतः हैं। इसी प्रकार दोनों द्रव्यों के लिये भी समझना। संग्रह – नयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य संख्यात हैं, असंख्यात हैं, या अनन्त हैं ? वह नियमतः एक राशि रूप हैं। इसी प्रकार दोनों द्रव्यों के लिये भी जानना। संग्रहनयसम्मत आनुपूर्वीद्रव्य लोक के कितने भाग में
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Hindi 109 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं ओवनिहिया दव्वानुपुव्वी? ओवनिहिया दव्वानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहा–पुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी।

Translated Sutra: औपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी क्या है ? उसके तीन प्रकार कहे हैं, पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी और अनानुपूर्वी।
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Hindi 110 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वी–धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए अद्धासमए। से तं पुव्वानुपुव्वी। से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वी–अद्धासमए पोग्गलत्थिकाए जीवत्थिकाए आगास-त्थिकाए अधम्मत्थिकाए धम्मत्थिकाए। से तं पच्छानुपुव्वी। से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वी–एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए छगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो। से तं अनानुपुव्वी।

Translated Sutra: भगवन्‌ ! पूर्वानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है – धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, जीवास्तिकाय, पुद्‌गलास्तिकाय, अद्धाकाल। इस प्रकार अनुक्रम से निक्षेप करने को पूर्वानुपूर्वी कहते हैं। पश्चानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है – अद्धासमय, पुद्‌गलास्तिकाय, जीवास्तिकाय, आकाशास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय
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Hindi 111 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] अहवा ओवनिहिया दव्वानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहा– पुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी। से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वी–परमाणुपोग्गले दुपएसिए तिपएसिए जाव दसपएसिए संखेज्जपएसिए असंखेज्जपएसिए अनंतपएसिए। से तं पुव्वानुपुव्वी। से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वी–अनंतपएसिए असंखेज्जपएसिए संखेज्जपएसिए दसपएसिए जाव तिपएसिए दुपएसिए परमाणुपोग्गले। से तं पच्छानुपुव्वी। से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वी–एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए अनंतगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो। से तं अनानुपुव्वी। से तं ओवनिहिया दव्वानुपुव्वी। से

Translated Sutra: अथवा औपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी तीन प्रकार की है। पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी और अनानुपूर्वी। पूर्वानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है – परमाणुपुद्‌गल, द्विप्रदेशिक स्कन्ध, त्रिप्रदेशिक स्कन्ध, यावत्‌ दशप्रदेशिक स्कन्ध, संख्यातप्रदेशिक स्कन्ध, असंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध, अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध रूप क्रमात्मक
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Hindi 112 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं खेत्तानुपुव्वी? खेत्तानुपुव्वी दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–ओवनिहिया य अनोवनिहिया य

Translated Sutra: क्षेत्रानुपूर्वी क्या है ? दो प्रकार की है। औपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी और अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी।
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Hindi 113 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] तत्थ णं जा सा ओवनिहिया सा ठप्पा। तत्थ णं जा सा अनोवनिहिया सा दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–नेगम-ववहाराणं संगहस्स य।

Translated Sutra: इन दो भेदों में से औपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी स्थाप्य है। अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी दो प्रकार की है। नैगम – व्यवहारनय – संमत और संग्रहनयसंमत।
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Hindi 114 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया खेत्तानुपुव्वी? नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया खेत्ता-नुपुव्वी पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा–१. अट्ठपयपरूवणया २. भंगसमुक्कित्तणया ३. भंगोवदंसणया ४. समोयारे ५. अनुगमे। से किं तं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया? नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया–तिपएसोगाढे आनुपुव्वी चउपएसोगाढे आनुपुव्वी जाव दसपएसोगाढे आनुपुव्वी संखेज्जपएसोगाढे आनुपुव्वी असंखेज्जपएसोगाढे आनुपुव्वी। एगपएसो-गाढे अनानुपुव्वी। दुपएसोगाढे अवत्तव्वए। तिपएसोगाढा आनुपुव्वीओ चउपएसोगाढा आनुपुव्वीओ जाव दसपएसोगाढा आनु पुव्वीओ संखेज्जपएसोगाढा आनुपुव्वीओ असंखेज्जपएसोगाढा

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसम्मत अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी क्या है ? इस के पाँच प्रकार हैं। – अर्थपदप्ररूपणता, भंगसमुत्कीर्तनता, भंगोपदर्शनता, समवतार, अनुगम। नैगम – व्यवहारनयसम्मत अर्थपदप्ररूपणता क्या है ? तीन आकाशप्रदेशों में अवगाढ द्रव्यस्कन्ध आनुपूर्वी है यावत्‌ दस प्रदेशावगाढ द्रव्यस्कन्ध आनुपूर्वी है
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Hindi 116 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं किं अत्थि? नत्थि? नियमा अत्थि। एवं दोन्नि वि। नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं किं संखेज्जाइं? असंखेज्जाइं? अनंताइं? नो संखेज्जाइं, असंखेज्जाइं, नो अनंताइं। एवं दोन्नि वि। नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं लोगस्स कति भागे होज्जा–किं संखेज्जइभागे होज्जा? असंखेज्जइभागे होज्जा? संखेज्जेसु भागेसु होज्जा? असंखेज्जेसु भागेसु होज्जा? सव्वलोए होज्जा? एगदव्वं पडुच्च लोगस्स संखेज्जइभागे वा होज्जा, असंखेज्जइभागे वा होज्जा, संखेज्जेसु भागेसु वा होज्जा, असंखेज्जेसु भागेसु वा होज्जा, देसूणे लोए वा होज्जा। नानादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोए

Translated Sutra: सत्पदप्ररूपणता क्या है ? नैगम – व्यवहारनयसंमत क्षेत्रानुपूर्वीद्रव्य है या नहीं ? नियमतः हैं। इसी प्रकार अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक द्रव्यों के लिए भी समझना। नैगम – व्यवहारनयसम्मत आनुपूर्वी द्रव्य क्या संख्यात हैं, असंख्यात हैं, अथवा अनन्त हैं ? वह नियमतः असंख्यात हैं। इसी प्रकार दोनों द्रव्यों के लिए भी
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Hindi 117 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं संगहस्स अनोवनिहिया खेत्तानुपुव्वी? पंचविहा, अट्ठपयपरूवणया भंगसमुक्कित्त-णया भंगोवदंसणया समोतारे अनुगमे से किं तं संगहस्स अट्ठपयपरूवणया तिपएसोगाढेआनुपुव्वी चउप्पएसोगाढेआनुपुव्वी जाव दसपएसोगाढे आनुपुव्वी संखिज्जपएसोगाढेआनुपुव्वी असंखिज्ज पएसोगाढे आनुपुव्वी एगपएसोगाढे अनानुपुव्वी दुपएसोगाढेअवत्तव्वए से तं संगहस्स अट्ठपय-परूवणया एयाए णं सगहस्स अट्ठपयपरूवणयाए किं पओअणं एयाए णं संगहस्स अट्ठपय परूवणयाए संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया कज्जति से किं तं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया अत्थि आनुपुव्वि अत्थि अनानुपुव्वी य अनानुपुव्वी य एवं जहा दव्वानुपुव्वी

Translated Sutra: संग्रहनयसंमत अनौपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी क्या है ? संग्रहनयसंमत अनौपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी की तरह ही यहाँ द्रव्यानुपूर्वी अंतर्गत तीनों सूत्रों का अर्थ समझ लेना। सूत्र – ११७–११९
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Hindi 119 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] संगहस्स आनुपुव्विदव्वाइं किं अत्थि नत्थि निअमा अत्थि नत्थि निअमा अत्थि एवं तिन्नि वि सेसदारगाइं जहा दव्वानुपुव्वीए संगहस्स तहा खेत्तानुपुव्वीए वि भाणिअव्वाइं जाव से तं अनुगमे से तं संगहस्स अनोवनिहिया खेत्तानुपुव्वी से तं अनोवनिहिया खेत्तानुपुव्वी।

Translated Sutra: देखो सूत्र ११७
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Hindi 120 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं ओवनिहिया खेत्तानुपुव्वी? ओवनिहिया खेत्तानुपुव्वी तिविहा– पुव्वानुपुव्वी–अहोलोए तिरियलोए उड्ढलोए। से तं पुव्वानुपुव्वी। से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वी–उड्ढलोए तिरियलोए अहोलोए। से तं पच्छानुपुव्वी। से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वी–एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए तिगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो। से तं अनानुपुव्वी। अहोलोयखेत्तानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहा–पुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी। से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वी–रयणप्पभा सक्करप्पभा वालुयप्पभा पंकप्पभा धूमप्पभा तमा तमतमा। से तं पुव्वानुपुव्वी। से

Translated Sutra: औपनिधिकी क्षेत्रानुपूर्वी क्या है ? ईसके तीन भेद हैं। पूर्वानुपूर्वी, पश्चानुपूर्वी और अनानुपूर्वी। पूर्वानुपूर्वी क्या है ? अधोलोक, तिर्यक्‌लोक और ऊर्ध्वलोक, इस क्रम से निर्देश करना पूर्वानुपूर्वी हैं। पश्चानुपूर्वी क्या है ? पूर्वानुपूर्वी के क्रम के विपरीत – ऊर्ध्वलोक, तिर्यक्‌लोक, अधोलोक का क्रम
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Hindi 121 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] जंबुद्दीवे लवणे, धायइ-कालोय-पुक्खरे वरुणे । खीर-घय-खोय-नंदी अरुणवरे कुंडले रुयगे ॥

Translated Sutra: जम्बूद्वीप, लवणसमुद्र, धातकीखंडद्वीप, कालोदधिसमुद्र, पुष्करद्वीप, (पुष्करोद) समुद्र, वरुणद्वीप, वरुणोदसमुद्र, क्षीरद्वीप, क्षीरोदसमुद्र, घृतद्वीप, घृतोदसमुद्र, इक्षुवरद्वीप, इक्षुवरसमुद्र, नन्दीद्वीप, नन्दीसमुद्र, अरुणवरद्वीप, अरुणवरसमुद्र, कुण्डलद्वीप, कुण्डलसमुद्र, रुचकद्वीप, रुचकसमुद्र। जम्बूद्वीप
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Hindi 122 Gatha Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [गाथा] जंबुद्दीवाओ खलु निरन्तरा सेसया असंखइमा । भुयगवर-कुसवरा वि य, कोंचवराऽभरणमाईया ॥

Translated Sutra: देखो सूत्र १२१
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Hindi 125 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से तं पुव्वानुपुव्वी। से किं तं पच्छानुपुव्वी? पच्छानुपुव्वी–सयंभुरमणे जाव जंबुद्दीवे। से तं पच्छानुपुव्वी। से किं तं अनानुपुव्वी? अनानुपुव्वी–एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखेज्जगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो। से तं अनानुपुव्वी। उड्ढलोयखेत्तानुपुव्वी तिविहा पन्नत्ता, तं जहा–पुव्वानुपुव्वी पच्छानुपुव्वी अनानुपुव्वी। से किं तं पुव्वानुपुव्वी? पुव्वानुपुव्वी–१. सोहम्मे २. ईसाणे ३. सणंकुमारे ४. माहिंदे ५. बंभलोए ६. लंतए ७. महासुक्के ८. सहस्सारे ९. आणए १०. पाणए ११. आरणे १२. अच्चुए १३. गेवेज्जविमाणा १४. अनुत्तरविमाणा १५. ईसिप्पब्भारा। से तं पुव्वानुपुव्वी। से

Translated Sutra: मध्यलोकक्षेत्रपश्चानुपूर्वी क्या है ? स्वयंभूरमणसमुद्र, भूतद्वीप आदि से लेकर जम्बूद्वीप पर्यन्त व्युत्क्रम से द्वीप – समुद्रों के उपन्यास करना मध्यलोकक्षेत्रपश्चानुपूर्वी हैं। मध्यलोकक्षेत्रअनानुपूर्वी क्या है ? वह इस प्रकार है – एक से प्रारम्भ कर असंख्यात पर्यन्त की श्रेणी स्थापित कर उनका परस्पर
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Hindi 126 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं कालानुपुव्वी? कालानुपुव्वी दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–ओवनिहिया य अनोवनिहिया य।

Translated Sutra: कालानुपूर्वी क्या है ? दो प्रकार हैं, औपनिधिकी और अनौपनिधिकी। इनमें से औपनिधिकी कालानुपूर्वी स्थाप्य है। तथा – अनौपनिधिकी कालानुपूर्वी दो प्रकार की है – नैगम – व्यवहारनयसंमत और संग्रहनयसम्मत। सूत्र – १२६, १२७
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Hindi 128 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया कालानुपुव्वी? नेगम-ववहाराणं अनोवनिहिया कालानुपुव्वी पंचविहा पन्नत्ता, तं जहा– १. अट्ठपयपरूवणया २. भंगसमुक्कित्तणया ३. भंगोवदंसणया ४. समोयारे ५. अनुगमे।

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसंमत अनौपनिधिकी कालानुपूर्वी क्या है ? उसके पाँच प्रकार हैं। – अर्थपदप्ररूपणता, भंगसमुत्की – र्तनता, भंगोपदर्शनता, समवतार, अनुगम।
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Hindi 129 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया? नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया–तिसमय-ट्ठिईए आनुपुव्वी जाव दससमयट्ठिईए आनुपुव्वी संखेज्जसमयट्ठिईए आनुपुव्वी असंखेज्जसमय-ट्ठिईए आनुपुव्वी। एगसमयट्ठिईए अनानुपुव्वी। दुसमयट्ठिईए अनानुपुव्वी। तिसमयट्ठिईयाओ आनुपुव्वीओ जाव दससमयट्ठिईयाओ आनुपुव्वीओ संखेज्जसमय-ट्ठिईयाओ आनुपुव्वीओ असंखेज्जसमयट्ठिईयाओ आनुपुव्वीओ। एगसमयट्ठिईयाओ अनानुपुव्वीओ दुसमयट्ठिईयाओ अवत्तव्वगाइं। से तं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणया। एयाए णं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए किं पओयणं? एयाए णं नेगम-ववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए भंगसमुक्कित्तणया

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसंमत अर्थपदप्ररूपणता क्या है ? वह इस प्रकार है – तीन समय की स्थिति वाला द्रव्य आनुपूर्वी है यावत्‌ दस समय, संख्यात समय, असंख्यात समय की स्थितिवाला द्रव्य आनुपूर्वी है। एक समय की स्थिति वाला द्रव्य अनानुपूर्वी है। दो समय की स्थिति वाला द्रव्य अवक्तव्यक है। तीन समय की स्थिति वाले अनेक द्रव्य
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Hindi 130 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया? नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया–१. अत्थि आनुपुव्वी २. अत्थि अनानुपुव्वी ३. अत्थि अवत्तव्वए। एवं दव्वानुपुव्विगमेणं कालानुपुव्वीए वि ते चेव छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव। से तं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणया। एयाए णं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए किं पओयणं? एयाए णं नेगम-ववहाराणं भंगसमुक्कित्तणयाए भंगोवदंसणया कज्जइ।

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसंमत भंगसमुत्कीर्तनता क्या है ? आनुपूर्वी है, अनानुपूर्वी है, अवक्तव्यक है, इस प्रकार द्रव्यानु – पूर्वीवत्‌ कालानुपूर्वी के भी २६ भंग जानना। इस नैगम – व्यवहारनयसंमत यावत्‌ (भंगसमुत्कीर्तनता का) क्या प्रयोजन है ? ईनसे भंगोपदर्शनता की जाती है।
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 131 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं नेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया? नेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया–१. तिसमयट्ठिईए आनुपुव्वी २. एगसमयट्ठिईए अनानुपुव्वी ३. दुसमयट्ठिईए अवत्तव्वए ४. तिसमयट्ठिईयाओ आनु-पुव्वीओ ५. एगसमयट्ठिईयाओ अनानुपुव्वीओ ६. दुसमयट्ठिईयाओ अवत्तव्वगाइं। अहवा १. तिसमयट्ठिईए य एगसमयट्ठिईए य आनुपुव्वी य अनानुपुव्वी य। एवं तहा चेव दव्वानुपुव्विगमेणं छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव। से तं नेगम-ववहाराणं भंगोवदंसणया।

Translated Sutra: नैगम – व्यवहारनयसम्मत भंगोपदर्शनता क्या है ? वह इस प्रकार है – त्रिसमयस्थितिक एक – एक परमाणु आदि द्रव्य आनुपूर्वी है, एक समय की स्थितिवाला एक – एक परमाणु आदि द्रव्य अनानुपूर्वी है और दो समय की स्थितिवाला परमाणु आदि द्रव्य अवक्तव्यक है। तीन समय की स्थिति वाले अनेक द्रव्य ‘आनुपूर्वियाँ’ इस पद के वाच्य हैं।
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 132 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं समोयारे? समोयारे–नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं कहिं समोयरंति– किं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति–पुच्छा। नेगम-ववहाराणं आनुपुव्विदव्वाइं आनुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अनानुपुव्विदव्वेहिं समोयरंति, नो अवत्तव्वगदव्वेहिं समोयरंति। एवं दोन्नि वि सट्ठाणे समोयरंति। से तं समोयारे।

Translated Sutra: समवतार क्या है ? नैगम – व्यवहारनयसंमत अनेक आनुपूर्वी द्रव्यों का कहाँ समवतार होता है ? यावत्‌ – तीनों ही स्व – स्व स्थान में समवतरित होते हैं।
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 133 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं अनुगमे? अनुगमे नवविहे पन्नत्ते, तं जहा–

Translated Sutra: अनुगम क्या है ? अनुगम नौ प्रकार का है। सत्पदप्ररूपणा यावत्‌ अल्पबहुत्व। सूत्र – १३३, १३४
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