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Prashnavyakaran प्रश्नव्यापकरणांग सूत्र Ardha-Magadhi

आस्रवद्वार श्रुतस्कंध-१

अध्ययन-४ अब्रह्म

Hindi 19 Sutra Ang-10 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] तं च पुण निसेवंति सुरगणा सअच्छरा मोह मोहिय मती, असुर भयग गरुल विज्जु जलण दीव उदहि दिस पवण थणिया। अणवण्णिय पणवण्णिय इसिवादिय भूयवादियकंदिय महाकंदिय कूहंड पतगदेवा, पिसाय भूय जक्ख रक्खस किन्नर किंपुरिस महोरग गंधव्व तिरिय जोइस विमाणवासि मणुयगणा, जलयर थलयर खहयराय मोहपडिबद्धचित्ता अवितण्हा कामभोग-तिसिया, तण्हाए बलवईए महईए समभिभूया गढिया य अतिमुच्छिया य, अबंभे ओसण्णा, तामसेन भावेण अणुम्मुक्का, दंसण-चरित्तमोहस्स पंजरं पिव करेंतिअन्नोन्नं सेवमाणा। भुज्जो असुर सुर तिरिय मणुय भोगरत्ति विहार संपउत्ता य चक्कवट्टी सुरनरवतिसक्कया सुरवरव्व देवलोए भरह नग नगर नियम

Translated Sutra: उस अब्रह्म नामक पापास्रव को अप्सराओं के साथ सुरगण सेवन करते हैं। कौन – से देव सेवन करते हैं ? जिनकी मति मोह के उदय से मूढ़ बन गई है तथा असुरकुमार, भुजगकुमार, गरुड़कुमार, विद्युत्कुमार, अग्निकुमार, द्वीपकुमार, उदधिकुमार, दिशाकुमार, पवनकुमार तथा स्तनितकुमार, ये भवनवासी, अणपन्निक, पणपण्णिक, ऋषिवादिक, भूतवादिक, क्रन्दित,
Prashnavyakaran પ્રશ્નવ્યાપકરણાંગ સૂત્ર Ardha-Magadhi

आस्रवद्वार श्रुतस्कंध-१

अध्ययन-४ अब्रह्म

Gujarati 19 Sutra Ang-10 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] तं च पुण निसेवंति सुरगणा सअच्छरा मोह मोहिय मती, असुर भयग गरुल विज्जु जलण दीव उदहि दिस पवण थणिया। अणवण्णिय पणवण्णिय इसिवादिय भूयवादियकंदिय महाकंदिय कूहंड पतगदेवा, पिसाय भूय जक्ख रक्खस किन्नर किंपुरिस महोरग गंधव्व तिरिय जोइस विमाणवासि मणुयगणा, जलयर थलयर खहयराय मोहपडिबद्धचित्ता अवितण्हा कामभोग-तिसिया, तण्हाए बलवईए महईए समभिभूया गढिया य अतिमुच्छिया य, अबंभे ओसण्णा, तामसेन भावेण अणुम्मुक्का, दंसण-चरित्तमोहस्स पंजरं पिव करेंतिअन्नोन्नं सेवमाणा। भुज्जो असुर सुर तिरिय मणुय भोगरत्ति विहार संपउत्ता य चक्कवट्टी सुरनरवतिसक्कया सुरवरव्व देवलोए भरह नग नगर नियम

Translated Sutra: [૧] આ અબ્રહ્મને અપ્સરાઓ, દેવાંગનાઓ સહિત સુરગણ પણ સેવે છે. કયા દેવો તે સેવે છે?. મોહથી મોહિત મતિવાળા, અસુર, નાગ, ગરુડ, સુવર્ણ, વિદ્યુત, અગ્નિ, દ્વીપ, ઉદધિ, દિશિ, વાયુ, સ્તનિતકુમાર દેવો અબ્રહ્મનું સેવન કરે છે. અણપન્ની, પણપન્ની, ઋષિવાદિક, ભૂતવાદિક, ક્રંદિત, મહાક્રંદિત, કૂષ્માંડ અને પતંગદેવો તથા પિશાચ, ભૂત, યક્ષ, રાક્ષસ,
Sthanang स्थानांग सूत्र Ardha-Magadhi

स्थान-८

Hindi 712 Sutra Ang-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] अट्ठ अकिरियावाई पन्नत्ता, तं जहा–एगावाई, अणेगावाई, मितवाई, णिम्मितवाई, सायवाई, समुच्छेद-वाई, नितावाई, णसंतपरलोगवाई।

Translated Sutra: अक्रियावादी आठ हैं, यथा – एक वादी – आत्मा एक ही है ऐसा कहने वाले, अनेकवादी – सभी भावों को भिन्न मानने वाले, मितवादी – अनन्त जीव हैं फिर भी जीवों की एक नियत संख्या मानने वाले। निर्मितवादी – ‘‘यह सृष्टि किसी की बनाई हुई है’’ ऐसा मानने वाले। सातवादी – सुख से रहना, किन्तु तपश्चर्या न करना। समुच्छेदवादी – प्रतिक्षण
Sthanang સ્થાનાંગ સૂત્ર Ardha-Magadhi

स्थान-८

Gujarati 712 Sutra Ang-03 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] अट्ठ अकिरियावाई पन्नत्ता, तं जहा–एगावाई, अणेगावाई, मितवाई, णिम्मितवाई, सायवाई, समुच्छेद-वाई, नितावाई, णसंतपरलोगवाई।

Translated Sutra: આઠ અક્રિયાવાદી કહ્યા છે – એકવાદી, અનેકવાદી, મિતવાદી, નિર્મિતવાદી, સાતવાદી, સમુચ્છેદવાદી, નિત્યવાદી, નસંતિપરલોકવાદી.
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