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Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 259 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] से किं तं अंगुले? अंगुले तिविहे पन्नत्ते, तं जहा–आयंगुले उस्सेहंगुले पमाणंगुले। से किं तं आयंगुले? आयंगुले–जे णं जया मणुस्सा भवंति तेसि णं तया अप्पणो अंगुलेणं दुवालस अंगुलाइं मुहं, नवमुहाइं पुरिसे पमाणजुत्ते भवइ, दोणीए पुरिसे मानजुत्ते भवइ, अद्धभारं तुल्लमाणे पुरिसे उम्माणजुत्ते भवइ।

Translated Sutra: अंगुल क्या है ? अंगुल तीन प्रकार का है – आत्मांगुल, उत्सेधांगुल और प्रमाणांगुल। आत्मांगुल किसे कहते हैं ? जिस काल में जो मनुष्य होते हैं उनके अंगुल आत्मांगुल हैं। उनके अपने – अपने अंगुल से बारह अंगुल का एक मुख होता है। नौ मुख प्रमाण वाला पुरुष प्रमाणयुक्त माना जाता है, द्रोणिक पुरुष मानयुक्त माना जाता है और
Anuyogdwar अनुयोगद्वारासूत्र Ardha-Magadhi

अनुयोगद्वारासूत्र

Hindi 270 Sutra Chulika-02 View Detail
Mool Sutra: [सूत्र] मणुस्साणं भंते केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एणं पमाणंगुलेणं किं पओयणं? एएणं पमाणंगुलेणं पुढवीणं कंडाणं पातालाणं भवणाणं भवणपत्थडाणं निरयाणं निरयावलियाणं निरयपत्थडाणं कप्पाणं विमाणाणं विमाणावलियाणं विमाणपत्थडाणं टंकाणं कूडाणं सेलाणं सिहरीणं पब्भ-राणं विजयाणं वक्खाराणं वासाणं वासहराणं पव्वयाणं वेलाणं वेइयाणं दाराणं तोरणाणं दीवाणं समुद्दाणं आयाम-विक्खंभ-उच्चत्त-उव्वेह-परिक्खेवा मविज्जंति। से समासओ तिविहे पन्नत्ते, तं जहा–सेढीअंगुले पयरंगुले घणंगुले। असंखेज्जाओ जोयणकोडाकोडीओ सेढी, सेढी सेढीए गुणिया पयरं, पयरं सेढीए गुणियं लोगो,

Translated Sutra: मनुष्यों की शरीरावगाहना कितनी है ? गौतम ! जघन्य अंगुल का असंख्यातवाँ भाग और उत्कृष्ट तीन गव्यूति है। संमूर्च्छिम मनुष्यों की जघन्य और उत्कृष्ट अवगाहना अंगुल के असंख्यातवें भाग प्रमाण है। गर्भज मनुष्यों की जघन्य अवगाहना अंगुल के असंख्यातवें भाग और उत्कृष्ट तीन गव्यूति प्रमाण है। अपर्याप्त गर्भव्युत्क्रान्त
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