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Global Search for JAIN Aagam & ScripturesScripture Name | Translated Name | Mool Language | Chapter | Section | Translation | Sutra # | Type | Category | Action |
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Sthanang | स्थानांग सूत्र | Ardha-Magadhi |
स्थान-२ |
उद्देशक-१ | Hindi | 60 | Sutra | Ang-03 | View Detail |
Mool Sutra: [सूत्र] दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–जीवकिरिया चेव, अजीवकिरिया चेव।
जीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सम्मत्तकिरिया चेव, मिच्छत्तकिरिया चेव।
अजीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–इरियावहिया चेव, संपराइगा चेव।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–काइया चेव, आहिगरणिया चेव।
काइया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–अनुवरयकायकिरिया चेव, दुपउत्तकायकिरिया चेव।
आहिगरणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–संजोयणाधिकरणिया चेव, निव्वत्तणाधिकरणिया
चेव।
दो किरियाओ पन्नत्ताओ तं जहा–पाओसिया चेव, पारियावणिया चेव।
पाओसिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–जीवपाओसिया चेव, अजीवपाओसिया चेव।
पारियावणिया Translated Sutra: क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा जीव क्रिया और अजीव क्रिया। जीव क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – सम्यक्त्व क्रिया और मिथ्यात्व क्रिया। अजीव क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – ऐर्यापथिकी और साम्परायिकी। क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – कायिकी और आधिकरणिकी। कायिकी क्रिया दो प्रकार की कही गई है, यथा – |