Sutra Navigation: Jain Dharma Sar ( जैन धर्म सार )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2011801 | ||
Scripture Name( English ): | Jain Dharma Sar | Translated Scripture Name : | जैन धर्म सार |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
12. द्रव्याधिकार - (विश्व-दर्शन योग) |
Translated Chapter : |
12. द्रव्याधिकार - (विश्व-दर्शन योग) |
Section : | 3. पुद्गल द्रव्य (तन्मात्रा महाभूत) | Translated Section : | 3. पुद्गल द्रव्य (तन्मात्रा महाभूत) |
Sutra Number : | 298 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | प्रवचनसार। १७१; तुलना: स्थानांग। ५.३९५ | ||
Mool Sutra : | औदारिकश्च देहो, देहो वैक्रियकश्च तैजसः। आहारकः कार्माणः, पुद्गलद्रव्यात्मिकाः सर्वे ।। | ||
Sutra Meaning : | मनुष्यादि के स्थूल शरीर `औदारिक' कहलाते हैं और देवों व नारकियों के `वैक्रियिक'। इन स्थूल शरीरों में स्थित इनमें कान्ति व स्फूर्ति उत्पन्न करने वाली तेज शक्ति `तैजस शरीर' है। योगी जनों का ऋद्धि-सम्पन्न अदृष्ट शरीर `आहारक' कहलाता है। और रागद्वेषादि तथा इनके कारण से संचित कर्मपुंज `कार्मण शरीर' माना गया है। ये पाँचों शरीर पुद्गल द्रव्य के कार्य हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Audarikashcha deho, deho vaikriyakashcha taijasah. Aharakah karmanah, pudgaladravyatmikah sarve\.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Manushyadi ke sthula sharira `audarika kahalate haim aura devom va narakiyom ke `vaikriyika. Ina sthula sharirom mem sthita inamem kanti va sphurti utpanna karane vali teja shakti `taijasa sharira hai. Yogi janom ka riddhi-sampanna adrishta sharira `aharaka kahalata hai. Aura ragadveshadi tatha inake karana se samchita karmapumja `karmana sharira mana gaya hai. Ye pamchom sharira pudgala dravya ke karya haim. |