Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004727 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ४१. समन्वयसूत्र | Translated Section : | ४१. समन्वयसूत्र |
Sutra Number : | 727 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | विशेषावश्यकभाष्य 2745 | ||
Mool Sutra : | परसमयैकनयमतं,तत्प्रतिपक्षनयतो निवर्तयेत्। समये वा परिगृहीतं, परेण यद् दोषबुद्ध्या।।६।। | ||
Sutra Meaning : | नय-विधि के ज्ञाता को पर-समयरूप (एकान्त या आग्रहपूर्ण) अनित्यत्व आदि के प्रतिपादक ऋजुसूत्र आदि नयों के अनुसार लोक में प्रचलित मतों का निवर्तन या परिहार नित्यादि का कथन करनेवाले द्रव्यार्थिक नय से करना चाहिए। तथा स्वसमयरूप जिन-सिद्धान्त में भी अज्ञान या द्वेष आदि दोषों से युक्त किसी व्यक्ति ने दोषबुद्धि से कोई निरपेक्ष पक्ष अपना लिया हो तो उसका भी निवर्तन (निवारण) करना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Parasamayaikanayamatam,tatpratipakshanayato nivartayet. Samaye va parigrihitam, parena yad doshabuddhya..6.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Naya-vidhi ke jnyata ko para-samayarupa (ekanta ya agrahapurna) anityatva adi ke pratipadaka rijusutra adi nayom ke anusara loka mem prachalita matom ka nivartana ya parihara nityadi ka kathana karanevale dravyarthika naya se karana chahie. Tatha svasamayarupa jina-siddhanta mem bhi ajnyana ya dvesha adi doshom se yukta kisi vyakti ne doshabuddhi se koi nirapeksha paksha apana liya ho to usaka bhi nivartana (nivarana) karana chahie. |