Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004445 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २८. तपसूत्र | Translated Section : | २८. तपसूत्र |
Sutra Number : | 445 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | दशवैकालिक 8/35 | ||
Mool Sutra : | बलं स्थाम च प्रेक्ष्य श्रद्धाम् आरोग्यम् आत्मनः। क्षेत्रं कालं च विज्ञाय तथा आत्मानं नियुञ्जीत।।७।। | ||
Sutra Meaning : | अपने बल, तेज, श्रद्धा तथा आरोग्य का निरीक्षण करके तथा क्षेत्र और काल को जानकर अपने को उपवास में नियुक्त करना चाहिए। (क्योंकि शक्ति से अधिक उपवास करने से हानि होती है।) | ||
Mool Sutra Transliteration : | Balam sthama cha prekshya shraddham arogyam atmanah. Kshetram kalam cha vijnyaya tatha atmanam niyunjita..7.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Apane bala, teja, shraddha tatha arogya ka nirikshana karake tatha kshetra aura kala ko janakara apane ko upavasa mem niyukta karana chahie. (kyomki shakti se adhika upavasa karane se hani hoti hai.) |