Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004305 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २३. श्रावकधर्मसूत्र | Translated Section : | २३. श्रावकधर्मसूत्र |
Sutra Number : | 305 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | वासुनन्दिश्रावकाचार 87 | ||
Mool Sutra : | लौकिकशास्त्रे अपि वर्णितम् यथा गगनगामिनः विप्राः। भुवि मांसाशनेन पतिताः तस्माद् न प्रयोजयेद् मांसम्।।५।। | ||
Sutra Meaning : | लौकिक शास्त्र में भी यह उल्लेख मिलता है कि मांस खाने से आकाश में विहार करनेवाला विप्र भूमि पर गिर पड़ा, अर्थात् पतित हो गया। अतएव मांस का सेवन (कदापि) नहीं करना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Laukikashastre api varnitam yatha gaganagaminah viprah. Bhuvi mamsashanena patitah tasmad na prayojayed mamsam..5.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Laukika shastra mem bhi yaha ullekha milata hai ki mamsa khane se akasha mem vihara karanevala vipra bhumi para gira para, arthat patita ho gaya. Ataeva mamsa ka sevana (kadapi) nahim karana chahie. |