Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004195 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | १६. मोक्षमार्गसूत्र | Translated Section : | १६. मोक्षमार्गसूत्र |
Sutra Number : | 195 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | समयसार 273 | ||
Mool Sutra : | व्रतसमितिगुप्तीः शीलतपः जिनवरैः प्रज्ञप्तम्। कुर्वन् अपि अभव्यः अज्ञानी मिथ्यादृष्टिस्तु।।४।। | ||
Sutra Meaning : | जिनेन्द्रदेव द्वारा प्ररूपित व्रत, समिति, गुप्ति, शील और तप का आचरण करते हुए भी अभव्य जीव अज्ञानी और मिथ्यादृष्टि ही है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Vratasamitiguptih shilatapah jinavaraih prajnyaptam. Kurvan api abhavyah ajnyani mithyadrishtistu..4.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Jinendradeva dvara prarupita vrata, samiti, gupti, shila aura tapa ka acharana karate hue bhi abhavya jiva ajnyani aura mithyadrishti hi hai. |