[सूत्र] कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा अइरेगपडिग्गहं अन्नमन्नस्स अट्ठाए धारेत्तए वा परिग्गहित्तए वा, सो वा णं धारेस्सइ अहं वा णं धारेस्सामि अण्णो वा णं धारेस्सइ। नो से कप्पइ ते अनापुच्छिय अनामंतिय अन्नमण्णेसिं दाउं वा अनुप्पदाउं वा। कप्पइ से ते आपुच्छिय आमंतिय अन्नमण्णेसिं दाउं वा अनुप्पदाउं वा।
Sutra Meaning :
साधु – साध्वी को अधिक पात्र आपस में ग्रहण करना कल्पे। यदि वो पात्र मैं किसी को दूँगा, मैं खुद ही रखूँगा या दूसरे किसी को भी देंगे तो जिनके लिए उन्हें लिया हो उन्हें पूछे या न्यौता दिए बिना आपस में देना न कल्पे, लेकिन जिनके लिए लिया है उन्हें पूछकर, निमंत्रित करके देना कल्पे।
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] kappai niggamthana va niggamthina va airegapadiggaham annamannassa atthae dharettae va pariggahittae va, so va nam dharessai aham va nam dharessami anno va nam dharessai. No se kappai te anapuchchhiya anamamtiya annamannesim daum va anuppadaum va. Kappai se te apuchchhiya amamtiya annamannesim daum va anuppadaum va.
Sutra Meaning Transliteration :
Sadhu – sadhvi ko adhika patra apasa mem grahana karana kalpe. Yadi vo patra maim kisi ko dumga, maim khuda hi rakhumga ya dusare kisi ko bhi demge to jinake lie unhem liya ho unhem puchhe ya nyauta die bina apasa mem dena na kalpe, lekina jinake lie liya hai unhem puchhakara, nimamtrita karake dena kalpe.