[सूत्र] निग्गंथं च णं राओ वा वियाले वा दीहपट्ठो लूसेज्जा इत्थी वा पुरिसं ओमज्जेज्जा पुरिसो वा इत्थिं ओमज्जेज्जा। एवं से कप्पइ, एवं से चिट्ठइ, परिहारं च णो पाउणइ–एस कप्पे थेरकप्पियाणं। एवं से नो कप्पइ, एवं से नो चिट्ठइ, परिहारं च पाउणइ–एस कप्पे जिनकप्पियाणं।
Sutra Meaning :
साधु या साध्वी को रात में या संध्या के वक्त लम्बा साँप डँस ले तब साधु स्त्री के पास या साध्वी पुरुष से दवाई करवाए ऐसा अपवाद मार्ग में स्थविर कल्पी को कल्पे। ऐसे अपवाद का सेवन करनेवाला स्थविर कल्पी को परिहार तप प्रायश्चित्त भी नहीं आता। यह स्थविर कल्प का आचार कहा।
जिनकल्पी को इस तरह अपवाद मार्ग का सेवन न कल्पे, यह आचार जिनकल्पी का बताया।
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] niggamtham cha nam rao va viyale va dihapattho lusejja itthi va purisam omajjejja puriso va itthim omajjejja. Evam se kappai, evam se chitthai, pariharam cha no paunai–esa kappe therakappiyanam. Evam se no kappai, evam se no chitthai, pariharam cha paunai–esa kappe jinakappiyanam.
Sutra Meaning Transliteration :
Sadhu ya sadhvi ko rata mem ya samdhya ke vakta lamba sampa damsa le taba sadhu stri ke pasa ya sadhvi purusha se davai karavae aisa apavada marga mem sthavira kalpi ko kalpe. Aise apavada ka sevana karanevala sthavira kalpi ko parihara tapa prayashchitta bhi nahim ata. Yaha sthavira kalpa ka achara kaha.
Jinakalpi ko isa taraha apavada marga ka sevana na kalpe, yaha achara jinakalpi ka bataya.