आठ साल के पर्यायवाले श्रमण – निर्ग्रन्थ में ऊपर के सर्व गुण और जघन्य से ठाण, समवाय ज्ञाता हो उसे आचार्य से गणावच्छेदक पर्यन्त की पदवी देना कल्पे, लेकिन जिनमें उक्त गुण नहीं है उसे पदवी देना न कल्पे।
सूत्र – ७२, ७३
Atha sala ke paryayavale shramana – nirgrantha mem upara ke sarva guna aura jaghanya se thana, samavaya jnyata ho use acharya se ganavachchhedaka paryanta ki padavi dena kalpe, lekina jinamem ukta guna nahim hai use padavi dena na kalpe.
Sutra – 72, 73