[सूत्र] जे भिक्खू अन्नउत्थिएण वा गारत्थिएण वा अप्पणो पाए आमज्जावेज्ज वा पमज्जावेज्ज वा, आमज्जावेंतं वा पमज्जावेंतं वा सातिज्जति।
Sutra Meaning :
जो साधु – साध्वी अन्यतीर्थिक या गृहस्थ के पास अपने पाँव एक या बार बार प्रमार्जन करे, दूसरों को प्रमार्जन करने के लिए प्रेरित करे, प्रमार्जन करनेवाले की अनुमोदना करे। (इस सूत्र से आरम्भ करके) जो साधु – साध्वी एक गाँव से दूसरे गाँव विचरनेवाले अन्यतीर्थिक या गृहस्थ के पास अपने सिर का आच्छादन करवाए, दूसरों को वैसा करने के लिए प्रेरित करे या वैसा करनेवाले की अनुमोदना करे तो प्रायश्चित्त। (उद्देशक – ३ में सूत्र – १३३ से १८५ में यह सब वर्णन है। यानि ९१८ से ९७० सूत्र का विवरण इस प्रकार समझ लेना, फर्क केवल इतना है कि उद्देश तीन में यह काम खुद करे ऐसा बताते हैं। इस उद्देशक में यह कार्य अन्य के पास करवाए ऐसा समझना।)
सूत्र – ९१७–९७०
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] je bhikkhu annautthiena va garatthiena va appano pae amajjavejja va pamajjavejja va, amajjavemtam va pamajjavemtam va satijjati.
Sutra Meaning Transliteration :
Jo sadhu – sadhvi anyatirthika ya grihastha ke pasa apane pamva eka ya bara bara pramarjana kare, dusarom ko pramarjana karane ke lie prerita kare, pramarjana karanevale ki anumodana kare. (isa sutra se arambha karake) jo sadhu – sadhvi eka gamva se dusare gamva vicharanevale anyatirthika ya grihastha ke pasa apane sira ka achchhadana karavae, dusarom ko vaisa karane ke lie prerita kare ya vaisa karanevale ki anumodana kare to prayashchitta. (uddeshaka – 3 mem sutra – 133 se 185 mem yaha saba varnana hai. Yani 918 se 970 sutra ka vivarana isa prakara samajha lena, pharka kevala itana hai ki uddesha tina mem yaha kama khuda kare aisa batate haim. Isa uddeshaka mem yaha karya anya ke pasa karavae aisa samajhana.)
Sutra – 917–970