Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )

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Sr No : 1004363
Scripture Name( English ): Bhagavati Translated Scripture Name : भगवती सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

शतक-२५

Translated Chapter :

शतक-२५

Section : उद्देशक-१ लेश्या Translated Section : उद्देशक-१ लेश्या
Sutra Number : 863 Category : Ang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] कतिविहा णं भंते! संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता? गोयमा! चोद्दसविहा संसारसमावन्नगा जीवा पन्नत्ता, तं जहा–१. सुहुमा अप्पज्जत्तगा २. सुहुमा पज्जत्तगा ३. बादरा अप्पज्जत्तगा ४. बादरा पज्जत्तगा ५. बेइंदिया अप्पज्जत्तगा ६. बेइंदिया पज्जत्तगा ७. तेइंदिया अप्पज्जत्तगा ८. तेइंदिया पज्जत्तगा ९. चउरिंदिया अप्पज्जत्तगा १०. चउरिंदिया पज्जत्तगा ११. असण्णिपंचिंदिया अप्पज्जत्तगा १२. असण्णिपंचिंदिया पज्जत्तगा १३. सण्णिपंचिंदिया अप्पज्जत्तगा १४. सण्णिपंचिंदिया पज्जत्तगा। एतेसि णं भंते! चोद्दसविहाणं संसारसमावन्नगाणं जीवाणं जहण्णुक्कोसगस्स जोगस्स कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा? बहुया वा? तुल्ला वा? विसेसाहिया वा? गोयमा! १. सव्वत्थोवे सुहुमस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए २. बादरस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ३. बेंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ४. एवं तेइंदियस्स ५. एवं चउरिंदियस्स ६. असण्णिस्स पंचिंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ७. सण्णिस्स पंचिंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ८. सुहुमस्स पज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे ९. बादरस्स पज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे १०. सुहुमस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे ११. बादरस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे १२. सुहुमस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे १३. बादरस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे १४. बेंदियस्स पज्ज्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे १५. एवं तेंदियस्स, एवं जाव १८. सण्णिपंचिंदियस्स पज्जत्तगस्स जहन्नए जोए असंखेज्जगुणे १९. बेंदियस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २०. एवं तेंदियस्स वि, एवं जाव २३. सण्णिपंचिंदियस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २४. बेंदियस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे २५. एवं तेइंदियस्स वि, एवं जाव २८. सण्णिपंचिंदियस्स पज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! संसारसमापन्नक जीव कितने प्रकार के कहे गए हैं ? गौतम ! चौदह हैं। यथा – सूक्ष्म अपर्याप्तक, सूक्ष्म पर्याप्तक, बादर अपर्याप्तक, बादर पर्याप्तक, द्वीन्द्रिय अपर्याप्तक, द्वीन्द्रिय पर्याप्तक, त्रीन्द्रिय अपर्याप्तक, त्रीन्द्रिय पर्याप्तक, चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तक – पर्याप्तक, असंज्ञी पंचेन्द्रिय अपर्याप्तक, असंज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्तक, संज्ञी पंचेन्द्रिय अपर्याप्तक और संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्तक। भगवन्‌ ! इन चौदह प्रकार के संसार – समापन्नक जीवों में जघन्य और उत्कृष्ट योग की अपेक्षा से, कौन जीव, किससे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक है ? गौतम ! अपर्याप्त सूक्ष्म एकेन्द्रिय का जघन्य योग सबसे अल्प है, बादर अपर्याप्तक एकेन्द्रिय का जघन्य योग उससे असंख्यातगुना है, उससे अपर्याप्त द्वीन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यातगुना है, उससे अपर्याप्त त्रीन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यातगुना है, उससे अपर्याप्त चतुरिन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यातगुना है, उससे अपर्याप्त असंज्ञी पंचेन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त सूक्ष्म एकेन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त बादर एकेन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यातगुना है, उससे अपर्याप्तक सूक्ष्म एकेन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना, उससे अपर्याप्त बादर एकेन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त सूक्ष्म एकेन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त बादर एकेन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त द्वीन्द्रिय का जघन्य योग असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त त्रीन्द्रिय, पर्याप्त चतुरिन्द्रिय, पर्याप्त असंज्ञी पंचेन्द्रिय और पर्याप्त संज्ञी पंचेन्द्रिय का जघन्य योग उत्तरोत्तर असंख्यातगुना है, उससे अपर्याप्त द्वीन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है, इसी प्रकार उनसे अपर्याप्त त्रीन्द्रिय, अपर्याप्त चतु – रिन्द्रिय, अपर्याप्त असंज्ञी पंचेन्द्रिय और अपर्याप्त संज्ञी पंचेन्द्रिय का उत्कृष्ट योग उत्तरोत्तर असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त द्वीन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है, पर्याप्त त्रीन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त चतुरिन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है, उससे पर्याप्त असंज्ञी पंचेन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है, और उससे भी पर्याप्त संज्ञी पंचेन्द्रिय का उत्कृष्ट योग असंख्यातगुना है।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] kativiha nam bhamte! Samsarasamavannaga jiva pannatta? Goyama! Choddasaviha samsarasamavannaga jiva pannatta, tam jaha–1. Suhuma appajjattaga 2. Suhuma pajjattaga 3. Badara appajjattaga 4. Badara pajjattaga 5. Beimdiya appajjattaga 6. Beimdiya pajjattaga 7. Teimdiya appajjattaga 8. Teimdiya pajjattaga 9. Chaurimdiya appajjattaga 10. Chaurimdiya pajjattaga 11. Asannipamchimdiya appajjattaga 12. Asannipamchimdiya pajjattaga 13. Sannipamchimdiya appajjattaga 14. Sannipamchimdiya pajjattaga. Etesi nam bhamte! Choddasavihanam samsarasamavannaganam jivanam jahannukkosagassa jogassa kayare kayarehimto appa va? Bahuya va? Tulla va? Visesahiya va? Goyama! 1. Savvatthove suhumassa apajjattagassa jahannae joe 2. Badarassa apajjattagassa jahannae joe asamkhejjagune 3. Bemdiyassa apajjattagassa jahannae joe asamkhejjagune 4. Evam teimdiyassa 5. Evam chaurimdiyassa 6. Asannissa pamchimdiyassa apajjattagassa jahannae joe asamkhejjagune 7. Sannissa pamchimdiyassa apajjattagassa jahannae joe asamkhejjagune 8. Suhumassa pajjattagassa jahannae joe asamkhejjagune 9. Badarassa pajjattagassa jahannae joe asamkhejjagune 10. Suhumassa apajjattagassa ukkosae joe asamkhejjagune 11. Badarassa apajjattagassa ukkosae joe asamkhejjagune 12. Suhumassa pajjattagassa ukkosae joe asamkhejjagune 13. Badarassa pajjattagassa ukkosae joe asamkhejjagune 14. Bemdiyassa pajjtagassa jahannae joe asamkhejjagune 15. Evam temdiyassa, evam java 18. Sannipamchimdiyassa pajjattagassa jahannae joe asamkhejjagune 19. Bemdiyassa apajjattagassa ukkosae joe asamkhejjagune 20. Evam temdiyassa vi, evam java 23. Sannipamchimdiyassa apajjattagassa ukkosae joe asamkhejjagune 24. Bemdiyassa pajjattagassa ukkosae joe asamkhejjagune 25. Evam teimdiyassa vi, evam java 28. Sannipamchimdiyassa pajjattagassa ukkosae joe asamkhejjagune.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Samsarasamapannaka jiva kitane prakara ke kahe gae haim\? Gautama ! Chaudaha haim. Yatha – sukshma aparyaptaka, sukshma paryaptaka, badara aparyaptaka, badara paryaptaka, dvindriya aparyaptaka, dvindriya paryaptaka, trindriya aparyaptaka, trindriya paryaptaka, chaturindriya aparyaptaka – paryaptaka, asamjnyi pamchendriya aparyaptaka, asamjnyi pamchendriya paryaptaka, samjnyi pamchendriya aparyaptaka aura samjnyi pamchendriya paryaptaka. Bhagavan ! Ina chaudaha prakara ke samsara – samapannaka jivom mem jaghanya aura utkrishta yoga ki apeksha se, kauna jiva, kisase alpa, bahuta, tulya athava visheshadhika hai\? Gautama ! Aparyapta sukshma ekendriya ka jaghanya yoga sabase alpa hai, badara aparyaptaka ekendriya ka jaghanya yoga usase asamkhyataguna hai, usase aparyapta dvindriya ka jaghanya yoga asamkhyataguna hai, usase aparyapta trindriya ka jaghanya yoga asamkhyataguna hai, usase aparyapta chaturindriya ka jaghanya yoga asamkhyataguna hai, usase aparyapta asamjnyi pamchendriya ka jaghanya yoga asamkhyataguna hai, usase paryapta sukshma ekendriya ka jaghanya yoga asamkhyataguna hai, usase paryapta badara ekendriya ka jaghanya yoga asamkhyataguna hai, usase aparyaptaka sukshma ekendriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna, usase aparyapta badara ekendriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai, usase paryapta sukshma ekendriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai, usase paryapta badara ekendriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai, usase paryapta dvindriya ka jaghanya yoga asamkhyataguna hai, usase paryapta trindriya, paryapta chaturindriya, paryapta asamjnyi pamchendriya aura paryapta samjnyi pamchendriya ka jaghanya yoga uttarottara asamkhyataguna hai, usase aparyapta dvindriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai, isi prakara unase aparyapta trindriya, aparyapta chatu – rindriya, aparyapta asamjnyi pamchendriya aura aparyapta samjnyi pamchendriya ka utkrishta yoga uttarottara asamkhyataguna hai, usase paryapta dvindriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai, paryapta trindriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai, usase paryapta chaturindriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai, usase paryapta asamjnyi pamchendriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai, aura usase bhi paryapta samjnyi pamchendriya ka utkrishta yoga asamkhyataguna hai.