Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003933 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-८ |
Translated Chapter : |
शतक-८ |
Section : | उद्देशक-२ आराधना | Translated Section : | उद्देशक-२ आराधना |
Sutra Number : | 433 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] एगे भंते! पोग्गलत्थिकायपदेसे किं १. दव्वं? २. दव्वदेसे? ३. दव्वाइं? ४. दव्वदेसा? ५. उदाहु दव्वं च दव्वदेसे य? ६. उदाहु दव्वं च दव्वदेसा य? ७. उदाहु दव्वाइं च दव्वदेसे य? ८. उदाहु दव्वाइं च दव्वदेसा य? गोयमा! १. सिय दव्वं २. सिय दव्वदेसे ३. नो दव्वाइं ४. नो दव्वदेसा ५. नो दव्वं च दव्वदेसे य ६. नो दव्वं च दव्वदेसा य ७. नो दव्वाइं च दव्वदेसे य ८. नो दव्वाइं च दव्वदेसा य। दो भंते! पोग्गलत्थिकायपदेसा किं दव्वं? दव्वदेसे? –पुच्छा। गोयमा! सिय दव्वं, सिय दव्वदेसे, सिय दव्वाइं, सिय दव्वदेसा, सिय दव्वं च दव्वदेसे य। सेसा पडिसेहेयव्वा। तिन्नि भंते पोग्गलत्थिकायपदेसा किं दव्वं? दव्वदेसे? –पुच्छा। गोयमा! सिय दव्वं, सिय दव्वदेसे, एवं सत्त भंगा भाणियव्वा जाव सिय दव्वाइं च दव्वदेसे य, नो दव्वाइं च दव्वदेसा य। चत्तारि भंते! पोग्गलत्थिकायपदेसा किं दव्वं? –पुच्छा। गोयमा! सिय दव्वं, सिय दव्वदेसे, अट्ठ वि भंगा भाणियव्वा जाव सिय दव्वाइं च दव्वदेसा य। जहा चत्तारि भणिया एवं पंच, छ, सत्त जाव असंखेज्जा। अनंता भंते! पोग्गलत्थिकायपदेसा किं दव्वं? एवं चेव जाव सिय दव्वाइं च दव्वदेसा य। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! पुद्गलास्तिकाय का एक प्रदेश द्रव्य है, द्रव्यदेश है, बहुत द्रव्य हैं, बहुत द्रव्य – देश हैं ? एक द्रव्य और एक द्रव्यदेश है, एक द्रव्य और बहुत द्रव्यदेश हैं, बहुत द्रव्य और द्रव्यदेश है, या बहुत द्रव्य और बहुत द्रव्यदेश हैं ? गौतम ! वह कथञ्चित् एक द्रव्य है, कथञ्चित् एक द्रव्यदेश है, किन्तु वह बुहत द्रव्य नहीं, न बहुत द्रव्यदेश है, एक द्रव्य और एक द्रव्यदेश भी नहीं, यावत् बहुत द्रव्य और बहुत द्रव्यदेश भी नहीं। भगवन् ! पुद्गलास्तिकाय के दो प्रदेश क्या एक द्रव्य हैं, अथवा एक द्रव्यप्रदेश हैं ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! कथंचित् द्रव्य हैं, कथञ्चित् द्रव्यदेश हैं, कथंचित् बहुतद्रव्य हैं, कथंचित् बहुत द्रव्यदेश हैं और कथंचित् एक द्रव्य और एक द्रव्यदेश हैं; परन्तु एक द्रव्य और बहुत द्रव्यदेश नहीं, बहुत द्रव्य और एक द्रव्यदेश नहीं, बहुत द्रव्य और बहुत द्रव्यदेश नहीं। भगवन् ! पुद्गलास्तिकाय के तीन प्रदेश के संबंध में प्रश्न हैं ? गौतम ! १. कथञ्चित् एक द्रव्य हैं, २. कथञ्चित् एक द्रव्यदेश हैं; यावत् ७ कथञ्चित् बहुत द्रव्य और एक द्रव्यदेश हैं किन्तु बहुत द्रव्य और बहुत द्रव्यदेश हैं यह आठवां भंग नहीं कहें। भगवन् ! पुद्गलास्तिकाय के चार प्रदेश विषयक प्रश्न ? गौतम ! १. कथञ्चित् एक द्रव्य हैं, २. कथञ्चित् एक द्रव्यदेश हैं, यावत् ८. कथञ्चित् बहुत द्रव्य हैं और बहुत द्रव्यदेश हैं। चार प्रदेशों के समान पांच, छह, सात यावत् असंख्यप्रदेशों तक के विषय में कहना। भगवन् ! पुद्गलास्तिकाय के अनन्तप्रदेश विषयक प्रश्न ? गौतम ! पूर्ववत् ‘कथंचित् बहुत द्रव्य हैं, और बहुत द्रव्यदेश हैं; तक आठों ही भंग कहने चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] ege bhamte! Poggalatthikayapadese kim 1. Davvam? 2. Davvadese? 3. Davvaim? 4. Davvadesa? 5. Udahu davvam cha davvadese ya? 6. Udahu davvam cha davvadesa ya? 7. Udahu davvaim cha davvadese ya? 8. Udahu davvaim cha davvadesa ya? Goyama! 1. Siya davvam 2. Siya davvadese 3. No davvaim 4. No davvadesa 5. No davvam cha davvadese ya 6. No davvam cha davvadesa ya 7. No davvaim cha davvadese ya 8. No davvaim cha davvadesa ya. Do bhamte! Poggalatthikayapadesa kim davvam? Davvadese? –puchchha. Goyama! Siya davvam, siya davvadese, siya davvaim, siya davvadesa, siya davvam cha davvadese ya. Sesa padiseheyavva. Tinni bhamte poggalatthikayapadesa kim davvam? Davvadese? –puchchha. Goyama! Siya davvam, siya davvadese, evam satta bhamga bhaniyavva java siya davvaim cha davvadese ya, no davvaim cha davvadesa ya. Chattari bhamte! Poggalatthikayapadesa kim davvam? –puchchha. Goyama! Siya davvam, siya davvadese, attha vi bhamga bhaniyavva java siya davvaim cha davvadesa ya. Jaha chattari bhaniya evam pamcha, chha, satta java asamkhejja. Anamta bhamte! Poggalatthikayapadesa kim davvam? Evam cheva java siya davvaim cha davvadesa ya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Pudgalastikaya ka eka pradesha dravya hai, dravyadesha hai, bahuta dravya haim, bahuta dravya – desha haim\? Eka dravya aura eka dravyadesha hai, eka dravya aura bahuta dravyadesha haim, bahuta dravya aura dravyadesha hai, ya bahuta dravya aura bahuta dravyadesha haim\? Gautama ! Vaha kathanchit eka dravya hai, kathanchit eka dravyadesha hai, kintu vaha buhata dravya nahim, na bahuta dravyadesha hai, eka dravya aura eka dravyadesha bhi nahim, yavat bahuta dravya aura bahuta dravyadesha bhi nahim. Bhagavan ! Pudgalastikaya ke do pradesha kya eka dravya haim, athava eka dravyapradesha haim\? Ityadi prashna. Gautama ! Kathamchit dravya haim, kathanchit dravyadesha haim, kathamchit bahutadravya haim, kathamchit bahuta dravyadesha haim aura kathamchit eka dravya aura eka dravyadesha haim; parantu eka dravya aura bahuta dravyadesha nahim, bahuta dravya aura eka dravyadesha nahim, bahuta dravya aura bahuta dravyadesha nahim. Bhagavan ! Pudgalastikaya ke tina pradesha ke sambamdha mem prashna haim\? Gautama ! 1. Kathanchit eka dravya haim, 2. Kathanchit eka dravyadesha haim; yavat 7 kathanchit bahuta dravya aura eka dravyadesha haim kintu bahuta dravya aura bahuta dravyadesha haim yaha athavam bhamga nahim kahem. Bhagavan ! Pudgalastikaya ke chara pradesha vishayaka prashna\? Gautama ! 1. Kathanchit eka dravya haim, 2. Kathanchit eka dravyadesha haim, yavat 8. Kathanchit bahuta dravya haim aura bahuta dravyadesha haim. Chara pradeshom ke samana pamcha, chhaha, sata yavat asamkhyapradeshom taka ke vishaya mem kahana. Bhagavan ! Pudgalastikaya ke anantapradesha vishayaka prashna\? Gautama ! Purvavat ‘kathamchit bahuta dravya haim, aura bahuta dravyadesha haim; taka athom hi bhamga kahane chahie. |