Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )

Search Details

Mool File Details

Anuvad File Details

Sr No : 1003548
Scripture Name( English ): Bhagavati Translated Scripture Name : भगवती सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

शतक-१

Translated Chapter :

शतक-१

Section : उद्देशक-४ कर्मप्रकृत्ति Translated Section : उद्देशक-४ कर्मप्रकृत्ति
Sutra Number : 48 Category : Ang-05
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] जीवे णं भंते! मोहणिज्जेणं कडेणं कम्मेणं उदिण्णेणं उवट्ठाएज्जा? हंता उवट्ठाएज्जा। से भंते! किं वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? अवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? गोयमा! वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। नो अवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। जइ वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा, किं–बालवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? पंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? बालपंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? गोयमा! बालवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। नो पंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। नो बालपंडिय-वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। जीवे णं भंते! मोहणिज्जेणं कडेणं कम्मेणं उदिण्णेणं अवक्कमेज्जा? हंता अवक्कमेज्जा। से भंते! किं वीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? अवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? गोयमा! वीरियत्ताए अवक्क-मेज्जा। नो अवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। जइ वीरियत्ताए अवक्कमेज्जा, किं– बालवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? पंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? बालपंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? गोयमा! बालवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। नो पंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। सिय बालपंडिय-वीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। जीवे णं भंते! मोहणिज्जेणं कडेणं कम्मेणं उवसंतेण उवट्ठाएज्जा? हंता उवट्ठाएज्जा। से भंते! किं वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? अवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? गोयमा! वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। नो अवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। जइ वीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा, किं–बालवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? पंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? बालपंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा? गोयमा! नो बालवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। पंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। नो बालपंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएज्जा। जीवे णं भंते! मोहिणिज्जेणं कडेणं कम्मेणं उवसंतेणं अवक्कमेज्जा? हंता अवक्कमेज्जा। से भंते! किं वीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? अवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? गोयमा! वीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। नो अवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। जइ वीरियत्ताए अवक्कमेज्जा, किं– बालवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? पंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? बालपंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा? गोयमा! नो बालवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। नो पंडियवीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। बाल-पंडिय-वीरियत्ताए अवक्कमेज्जा। से भंते! किं आयाए अवक्कमइ? अणायाए अवक्कमइ? गोयमा! आयाए अवक्कमइ, नो अणायाए अवक्कमइ–मोहणिज्जं कम्मं वेदेमाणे। से कहमेयं भंते! एवं? गोयमा! पुव्विं से एयं एवं रोयइ। इयाणिं से एयं एवं नो रोयइ–एवं खलु एयं एवं।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! कृतमोहनीय कर्म जब उदीर्ण हो, तब जीव उपस्थान – परलोक की क्रिया के लिए उद्यम करता है? हाँ, गौतम ! करता है। भगवन्‌ ! क्या जीव वीर्यता – सवीर्य होकर उपस्थान करता है या अवीर्यता से ? गौतम ! जीव वीर्यता से उपस्थान करता है, अवीर्यता से नहीं करता। भगवन्‌ ! यदि जीव वीर्यता से उपस्थान करता है, तो क्या बालवीर्य से करता है, अथवा पण्डितवीर्य से या बाल – पण्डितवीर्य से करता है ? गौतम ! वह बालवीर्य से उप – स्थान करता है, किन्तु पण्डितवीर्य से या बालपण्डितवीर्य से उपस्थान नहीं करता। भगवन्‌ ! कृतमोहनीय कर्म जब उदय में आया हो, तब क्या जीव अपक्रमण करता है; हाँ, गौतम ! करता है। भगवन्‌ ! वह बालवीर्य से अपक्रमण करता है, अथवा पण्डितवीर्य से या बाल – पण्डितवीर्यसे ? गौतम ! वह बालवीर्य से अपक्रमण करता है, पण्डितवीर्य से नहीं करता; कदाचित्‌ बालपण्डितवीर्य से अपक्रमण करता है। जैसे उदीर्ण पद के साथ दो आलापक कहे गए हैं, वैसे ही ‘उपशान्त’ पद के साथ दो आलापक कहने चाहिए। विशेषता यह है कि यहाँ जीव पण्डितवीर्य से उपस्थान करता है और अपक्रमण करता है – बालपण्डित वीर्य से। भगवन्‌ ! क्या जीव आत्मा (स्व) से अपक्रमण करता है अथवा अनात्मा (पर) से करता है ? गौतम ! आत्मा से अपक्रमण करता है, अनात्मा से नहीं करता। भगवन्‌ ! मोहनीय कर्म को वेदता हुआ यह (जीव) क्यों अपक्रमण करता है ? गौतम ! पहले उसे इस प्रकार (जिनेन्द्र द्वारा कथित तत्त्व) रुचता है और अब उसे इस प्रकार नहीं रुचता; इस कारण यह अपक्रमण करता है।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] jive nam bhamte! Mohanijjenam kadenam kammenam udinnenam uvatthaejja? Hamta uvatthaejja. Se bhamte! Kim viriyattae uvatthaejja? Aviriyattae uvatthaejja? Goyama! Viriyattae uvatthaejja. No aviriyattae uvatthaejja. Jai viriyattae uvatthaejja, kim–balaviriyattae uvatthaejja? Pamdiyaviriyattae uvatthaejja? Balapamdiyaviriyattae uvatthaejja? Goyama! Balaviriyattae uvatthaejja. No pamdiyaviriyattae uvatthaejja. No balapamdiya-viriyattae uvatthaejja. Jive nam bhamte! Mohanijjenam kadenam kammenam udinnenam avakkamejja? Hamta avakkamejja. Se bhamte! Kim viriyattae avakkamejja? Aviriyattae avakkamejja? Goyama! Viriyattae avakka-mejja. No aviriyattae avakkamejja. Jai viriyattae avakkamejja, kim– balaviriyattae avakkamejja? Pamdiyaviriyattae avakkamejja? Balapamdiyaviriyattae avakkamejja? Goyama! Balaviriyattae avakkamejja. No pamdiyaviriyattae avakkamejja. Siya balapamdiya-viriyattae avakkamejja. Jive nam bhamte! Mohanijjenam kadenam kammenam uvasamtena uvatthaejja? Hamta uvatthaejja. Se bhamte! Kim viriyattae uvatthaejja? Aviriyattae uvatthaejja? Goyama! Viriyattae uvatthaejja. No aviriyattae uvatthaejja. Jai viriyattae uvatthaejja, kim–balaviriyattae uvatthaejja? Pamdiyaviriyattae uvatthaejja? Balapamdiyaviriyattae uvatthaejja? Goyama! No balaviriyattae uvatthaejja. Pamdiyaviriyattae uvatthaejja. No balapamdiyaviriyattae uvatthaejja. Jive nam bhamte! Mohinijjenam kadenam kammenam uvasamtenam avakkamejja? Hamta avakkamejja. Se bhamte! Kim viriyattae avakkamejja? Aviriyattae avakkamejja? Goyama! Viriyattae avakkamejja. No aviriyattae avakkamejja. Jai viriyattae avakkamejja, kim– balaviriyattae avakkamejja? Pamdiyaviriyattae avakkamejja? Balapamdiyaviriyattae avakkamejja? Goyama! No balaviriyattae avakkamejja. No pamdiyaviriyattae avakkamejja. Bala-pamdiya-viriyattae avakkamejja. Se bhamte! Kim ayae avakkamai? Anayae avakkamai? Goyama! Ayae avakkamai, no anayae avakkamai–mohanijjam kammam vedemane. Se kahameyam bhamte! Evam? Goyama! Puvvim se eyam evam royai. Iyanim se eyam evam no royai–evam khalu eyam evam.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Kritamohaniya karma jaba udirna ho, taba jiva upasthana – paraloka ki kriya ke lie udyama karata hai? Ham, gautama ! Karata hai. Bhagavan ! Kya jiva viryata – savirya hokara upasthana karata hai ya aviryata se\? Gautama ! Jiva viryata se upasthana karata hai, aviryata se nahim karata. Bhagavan ! Yadi jiva viryata se upasthana karata hai, to kya balavirya se karata hai, athava panditavirya se ya bala – panditavirya se karata hai\? Gautama ! Vaha balavirya se upa – sthana karata hai, kintu panditavirya se ya balapanditavirya se upasthana nahim karata. Bhagavan ! Kritamohaniya karma jaba udaya mem aya ho, taba kya jiva apakramana karata hai; ham, gautama ! Karata hai. Bhagavan ! Vaha balavirya se apakramana karata hai, athava panditavirya se ya bala – panditaviryase\? Gautama ! Vaha balavirya se apakramana karata hai, panditavirya se nahim karata; kadachit balapanditavirya se apakramana karata hai. Jaise udirna pada ke satha do alapaka kahe gae haim, vaise hi ‘upashanta’ pada ke satha do alapaka kahane chahie. Visheshata yaha hai ki yaham jiva panditavirya se upasthana karata hai aura apakramana karata hai – balapandita virya se. Bhagavan ! Kya jiva atma (sva) se apakramana karata hai athava anatma (para) se karata hai\? Gautama ! Atma se apakramana karata hai, anatma se nahim karata. Bhagavan ! Mohaniya karma ko vedata hua yaha (jiva) kyom apakramana karata hai\? Gautama ! Pahale use isa prakara (jinendra dvara kathita tattva) ruchata hai aura aba use isa prakara nahim ruchata; isa karana yaha apakramana karata hai.