Sutra Navigation: Samavayang ( समवयांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003412 | ||
Scripture Name( English ): | Samavayang | Translated Scripture Name : | समवयांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Translated Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 312 | Category : | Ang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जंबुद्दीवे णं दीवे भरहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए बारस चक्कवट्टिपियरो होत्था, तं जहा– | ||
Sutra Meaning : | इस जम्बूद्वीप के इसी भारत वर्ष में इसी अवसर्पिणी काल में उत्पन्न हुए चक्रवर्तियों के बारह पिता थे। जैसे – १. ऋषभजिन, २. सुमित्र, ३. विजय, ४. समुद्रविजय, ५. अश्वसेन, ६. विश्वसेन, ७. सूरसेन, ८. कार्तवीर्य, ९. पद्मोत्तर, १०. महाहरि, ११. विजय और १२. ब्रह्म। ये बारह चक्रवर्तियों के पिताओं के नाम हैं। सूत्र – ३१२–३१४ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jambuddive nam dive bharahe vase imise osappinie barasa chakkavattipiyaro hottha, tam jaha– | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Isa jambudvipa ke isi bharata varsha mem isi avasarpini kala mem utpanna hue chakravartiyom ke baraha pita the. Jaise – 1. Rishabhajina, 2. Sumitra, 3. Vijaya, 4. Samudravijaya, 5. Ashvasena, 6. Vishvasena, 7. Surasena, 8. Kartavirya, 9. Padmottara, 10. Mahahari, 11. Vijaya aura 12. Brahma. Ye baraha chakravartiyom ke pitaom ke nama haim. Sutra – 312–314 |